Move to Jagran APP

एंटी रैबीज के लिए मरीजों को करना होगा 20 और दिनों का इंतजार

एंटी रैबीज इंजेक्शन लगवाने के लिए भटक रहे मरीजों को 20 दिन अ

By JagranEdited By: Published: Tue, 15 Oct 2019 12:02 AM (IST)Updated: Tue, 15 Oct 2019 06:13 AM (IST)
एंटी रैबीज के लिए मरीजों को करना होगा 20 और दिनों का इंतजार
एंटी रैबीज के लिए मरीजों को करना होगा 20 और दिनों का इंतजार

जागरण संवाददाता, रोहतक : एंटी रैबीज इंजेक्शन लगवाने के लिए भटक रहे मरीजों को 20 दिन और इंतजार करना पड़ेगा। पीजीआइएमएस में खत्म हुए एंटी रैबीज इंजेक्शन के बाद नई कंपनी के साथ रेट कांट्रेक्ट तो कर दिया है। कंपनी अभी तक अपनी पहली खेप सप्लाई नहीं कर पाई है। माह के अंत तक या अगले माह के पहले सप्ताह में एंटी रैबीज की खेप पीजीआइ पहुंचेगी। वैक्सीन के अभाव में लोग मजबूरी में निजी मेडिकल स्टोरों से महंगी कीमत पर खरीदकर लगवाने के लिए मजबूर हैं। बताया जा रहा है कि अब जिस कंपनी से रेट कॉन्ट्रेक्ट हुआ है वह विदेशों से इंजेक्शन इंपोर्ट करेगी और उसकी लैब में जांच पड़ताल के बाद ही सप्लाई की जाएगी।

loksabha election banner

पीजीआइ में काफी दिनों से एंटी रैबीज इंजेक्शन की सप्लाई की जा रही है। प्रदेश में इंजेक्शन सप्लाई करने के लिए जिस कंपनी से कॉन्ट्रेक्ट किया गया था, वह सप्लाई करने में सफल नहीं हो पा रही थी। जिसके चलते लंबे समय से मरीजों को एंटी रैबीज लगवाने के लिए निजी मेडिकल स्टोरों से खरीदना पड़ रहा है। बाजार में 350 रुपये प्रति इंजेक्शन की दर से इंजेक्शन उपलब्ध हैं। एक मरीज को न्यूनतम पांच इंजेक्शन का कोर्स पूरा करना पड़ता है, ऐसे में मरीजों को 1750 रुपये खर्च करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। कंपनी द्वारा इंजेक्शन सप्लाई न कर पाने के कारण अब पीजीआइ के अधिकारियों ने नई कंपनी से रेट कॉन्ट्रेक्ट किया है। हालांकि अभी तक कंपनी द्वारा इंजेक्शन की कोई सप्लाई नहीं दी गई है। जिसके चलते अभी भी प्रतिदिन औसतन 15 मरीजों को बिना इंजेक्शन लगवाए मायूस होकर लौटना पड़ रहा है।

एक चिकित्सक की मेड को भी कुत्तों ने काटा

पीजीआइ कैंपस में आवारा कुत्तों का आतंक है। परेशान चिकित्सक कई बार कुत्तों को पकड़वाने की गुहार लगा चुके हैं, लेकिन नगर निगम ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं है। पीजीआइ परिसर में रहने वाली एक चिकित्सक की मेड को तीन दिन पहले कुत्तों ने काट लिया। बताया जा रहा है कि मेड को इंजेक्शन लगवाने के लिए खुद चिकित्सका इमरजेंसी पहुंची, लेकिन इंजेक्शन न होने के कारण निराश लौटना पड़ा। इसके बाद चिकित्सका ने चिकित्सकों के सोशल मीडिया ग्रुप पर अपनी निराशा जताई और अधिकारियों से कार्रवाई की मांग की। हालांकि चिकित्सका ने यह भी कहा कि उन्हें प्रबंधन से इसमें सहयोग की उम्मीद नहीं है। इससे पहले भी एक चिकित्सक को कुत्तों ने काटा था, लेकिन फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। विदेश से आएंगे इंजेक्शन, जांच के बाद होगी सप्लाई

बताया जा रहा है कि अब जिस कंपनी से 298 रुपये प्रति इंजेक्शन की दर से रेट कॉन्ट्रेक्ट किया गया है, वह विदेशों से एंटी रैबीज मंगाएगी। इंजेक्शन की खेप मंगाने के बाद देश की प्रयोगशालाओं में इन इंजेक्शनों की जांच की जाएगी, इसके बाद जांच में इंजेक्शन ठीक पाए जाने पर ही सप्लाई की अनुमति दी जाएगी। बताया जा रहा है कि पीजीआइ प्रबंधन ने पूर्व में एक लाख रुपये के इंजेक्शन की (लोकल पर्चेज) की थी। जिसके बाद मरीजों को राहत पहुंचाई गई थी। हालांकि वर्तमान में वह भी खत्म हो चुके हैं। वर्जन ---

नई कंपनी से 298 रुपये प्रति इंजेक्शन की दर पर रेट कॉन्ट्रेक्ट किया गया है। इंजेक्शन की खेप विदेशों से आएगी इसके चलते देश की प्रयोगशाला में पहले जांच की जाएगी। जिसके बाद ही सप्लाई दी जाएगी। इस दौरान मरीजों को राहत देने के लिए और भी इंजेक्शन खरीदने के लिए सिविल सर्जन को पत्र लिखा जाएगा। डा. रोहताश यादव, निदेशक पीजीआइएमएस ----------

पुनीत शर्मा


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.