रोहतक में कुत्तों का काल बन रहा पारवो वायरस!
जिले में पारवो वायरस ने पांव पसारना शुरू कर दिया है। आलम यह है कि कुत्तों के पिल्ले भी काल का ग्रास हो रहे हैं।
रतन चंदेल, रोहतक : जिले में पारवो वायरस ने पांव पसारना शुरू कर दिया है। आलम यह है कि रोजाना दस से अधिक डॉगी उपचार के लिए लाए जा रहे रहे हैं। जिनमें से दो से तीन की मौत भी रोजाना हो रही है। इस संक्रामक वायरस को लेकर डॉगी पालकों में भय होने लगा है। शहर की जनता कालोनी व पुराना हाउसिग बोर्ड में कुत्तों की लगातार मौत हो रही है। स्थानीय लोग कुत्तों की मौत की वजह पारवो वायरस के संक्रमण को मान रहे है। ऐसे में शहर के वो लोग ज्यादा चितित हो रहे हैं, जो कुत्ता पालते हैं। हालांकि पशु पालन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कुत्तों में पारवो वायरस का कोई केस उनके संज्ञान में नहीं आया है। अगर कोई कुत्ता इससे पीड़ित आएगा भी तो उसको चिकित्सकीय सहायता दी जाएगी।
शुक्रवार को जनता कालोनी निवासी साहिल व जतिन एक बीमार पिल्ले को लेकर लावारिस पीड़ित पशु सेवा संघ में चिकित्सकों के पास पहुंचे। जहां उन्होंने बताया कि पिल्ला पारवो वायरस से संक्रमित हो गया है। जिसका उपचार यहां कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अकेले जनता कालोनी में ही पिछले दिनों 14 में से दस पिल्लों की मौत परवो वायरस से हो चुकी है। जिनमें से अभी चार पिल्ले ही बचे हुए हैं। वहीं, पुराना हाउसिग बोर्ड कालोनी निवासी सुमित दुग्गल का कहना है कि इस बीमारी से उनके यहां पर भी दो कुत्तों की मौत हो चुकी है। उधर, लावारिस पीड़ित पशु सेवा संघ में भी रोजाना इस बीमारी से संबंधित केस आ रहे हैं। जिनको दवा दी जाती है। संघ में सेवाएं दे रहे पशु चिकित्सक डा. धर्मपाल का कहना है कि इस वायरस का असर सात दिनों तक कुत्तों पर रहता है। अगर सात दिनों के अंदर उसका सही इलाज किया जाए तो कुत्तों की जान बच सकती है। चिकित्सक ने कुत्ता पालकों को टीकाकरण कराने की बात कही है ताकि इस रोग से बचाया जा सके। ये हैं इस रोग के लक्षण :
चिकित्सकों के अनुसार वायरस से पीड़ित कुत्तों के व्यवहार में अचानक परिवर्तन होने लगता है। वायरस से प्रभावित कुत्ता खांसने लगता है। छींके आनी शुरू हो जाती है। इसकी चपेट में आते ही कुत्तों को उल्टी और खूनी दस्त होने लगती है। वह खाना-पीना छोड़ देता है। उसकी नाक सूखने लगती है। समय पर टीकाकरण न कराए जाने पर कुत्ते की मौत हो जाती है।
चिकित्सकों का यहां तक कहना है कि अगर गली में कुत्तों के समू्ह में से एक में भी पारवो वायरस हुआ तो पूरा समूह भी इससे संक्रमित हो जाता है और उनकी मौत भी हो सकती है। ऐसे में समय रहते इससे बचाव किया जाना आवश्यक है। कुत्तों में पारवो वायरस होने से उनकी मौत का मामला अभी मेरे संज्ञान में नहीं है। लेकिन पारवो सामान्य संक्रामक वायरस है जो कुत्तों व बिल्लियों आदि में होता है। इस बीमारी से बचाव के लिए लोग अपने पैट्स का समय पर टीकाकरण कराएं। पालतू जानवर में पारवो वायरस या किसी अन्य बीमारी के लक्षण नजर आने पर नजदीकी पशु चिकित्सक से उपचार कराए।
- डा. सूर्यदेव खटकड़, उप निदेशक, पशु पालन विभाग, रोहतक ।