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कोरोना ग्रसित चार साल के दीपक को भर्ती करवा छोड़ गए माता-पिता

कोरोना वायरस ऐसा काल बनकर आया है जिसने मानवीय जीवन के साथ संवेदना को भी झकझोर दिया है। कई जगह इंसानियत भी तार-तार हो रही है। पीजीआइएमएस के ट्रामा सेंटर में बनाए गए कोविड वार्ड में भर्ती मासूम दीपक केवल चार साल का है। उसको कोविड-19 ने घेर लिया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 14 Jun 2021 06:28 AM (IST)Updated: Mon, 14 Jun 2021 06:28 AM (IST)
कोरोना ग्रसित चार साल के दीपक को भर्ती करवा छोड़ गए माता-पिता
कोरोना ग्रसित चार साल के दीपक को भर्ती करवा छोड़ गए माता-पिता

विक्रम बनेटा, रोहतक

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कोरोना वायरस ऐसा काल बनकर आया है, जिसने मानवीय जीवन के साथ संवेदना को भी झकझोर दिया है। कई जगह इंसानियत भी तार-तार हो रही है। पीजीआइएमएस के ट्रामा सेंटर में बनाए गए कोविड वार्ड में भर्ती मासूम दीपक केवल चार साल का है। उसको कोविड-19 ने घेर लिया है। दीपक तीन दिन से बार-बार सहम जाता है। अपने पास माता-पिता को न पाकर डरता है और रोने लगता है। दीपक के माता-पिता उसे कोविड वार्ड में भर्ती करवाकर चले गए, जो वापस ही नहीं आए। उनकी क्या मजबूरी रही होगी, यह तो उनके लौटने पर ही पता लगेगा। लेकिन फिलहाल दीपक उनके बिना हर पल सहमा हुआ आक्सीजन बेड पर कोरोना से लड़ रहा है।

-10 जून को किया था ट्रामा सेंटर में शिफ्ट

दीपक को माड्यूलर आइसीयू से ट्रामा सेंटर में 10 जून दोपहर को शिफ्ट किया था। जब फाइल तैयार हो रही थी तो स्टाफ ने दीपक की मां से फोन नंबर मांगा था। मना करने पर पिता से पूछा गया लेकिन उसने भी नंबर देने से मना कर दिया। स्टाफ के अनुसार दीपक के माता-पिता हाव-भाव से मजदूरी करने वाले लग रहे थे। दीपक के पिता ने पते में सोनीपत जिले के मंडोरा गांव का निवासी लिखवाया था। 10 जून की रात से उसके माता-पिता नहीं आए हैं।

-बार-बार मां को याद कर रहा है दीपक

कोविड-19 से लड़ रहा दीपक बार-बार अपनी मां को याद कर रहा है। पीपीई किट में स्टाफ को देखकर भी वह घबरा जाता है। स्टाफ के सद्व्यवहार से तीन दिन में अब वह कुछ नार्मल हुआ है। आक्सीजन बेड पर दीपक की अब स्थिति सामान्य बताई जा रही है। स्टाफ के अनुसार दीपक को उसकी मां की बहुत जरूरत है। रविवार को सुबह दीपक ने खुद से स्टाफ से केला भी मांगा।

-स्टाफ खिला रहा है खाना

परिवार का कोई सदस्य दीपक के पास नहीं होने के कारण स्टाफ उसे खाना खिला रहा है। कई बार दूसरे मरीजों के अटेंडेंट भी खाने के लिए उसे कुछ दे रहे हैं। दीपक माता-पिता के फोन नंबर के बारे में कुछ बता नहीं पाया है। अगर दीपक के माता-पिता जल्द उसे मिल जाते हैं तो उसकी रिकवरी में आसानी होगी। दीपक शारीरिक तौर पर भी कमजोर है।

वर्जन

तीन दिन से परिवार से संपर्क नहीं हो पा रहा है। बच्चा अभी रिकवरी कर रहा है। पुलिस को भी इस बारे में सूचित किया गया है। स्टाफ की तरफ से बच्चे का पूरा ध्यान रखा जा रहा है।

डा. एसके सिघल, ट्रामा सेंटर इंचार्ज, पीजीआइएमएस रोहतक।

................... 24 घंटे इंतजार, फिर किया पुलिस को सूचित किसी भी मरीज के अटेंडेंट नहीं आते हैं तो उसका 24 घंटे तक इंतजार करना होता है, उसके बाद पुलिस को जानकारी दी जाती है। ट्रामा सेंटर स्टाफ की ओर से 24 घंटे इंतजार के बाद 12 जून की रात को पुलिस तक सूचना भेजी गई थी। लेकिन कागज पर मुहर न लगी होने के कारण पुलिस ने लौटा दिया। 13 जून की सुबह फिर से सूचना पीजीआइएमएस थाना को भेजी गई। जिस पर पुलिस ने संज्ञान लेकर खरखौदा थाना पुलिस को जानकारी भेजी।

:वर्जन :

खरखौदा थाने में सूचित कर दिया : एसएचओ

बच्चे को लेकर उन्हें रविवार को सुबह लिखित जानकारी मिली। उन्होंने इसकी सूचना खरखौदा थाना पुलिस को दे दी है। खरखौदा थाना पुलिस बच्चे के मां-बाप की तलाश कर रही है।

शमशेर सिंह, एसएचओ, पीजीआइएमएस थाना, रोहतक।


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