अनजाने में हो रहे हैं हम साइबर अपराध के शिकार
कोरोना काल ने लोगों की दिनचर्या ही बदल दी है। चाहे स्कूल-कालेज की पढ़ाई हो या दफ्तर के काम सब कुछ आनलाइन प्लेटफार्म पर होने लगे हैं।
जागरण संवाददाता, रोहतक : कोरोना काल ने लोगों की दिनचर्या ही बदल दी है। चाहे स्कूल-कालेज की पढ़ाई हो या दफ्तर के काम, सब कुछ आनलाइन प्लेटफार्म पर होने लगे हैं। जैसे-जैसे आनलाइन का उपयोग बढ़ रहा हैं वैसे ही साइबर अपराध के मामले भी बढ़ने लगे हैं। पढ़ाई करनी हो या डाक्टर से परामर्श लेना हो, मनोरंजन या खरीदारी, सब कुछ आनलाइन हो रहा है। कैश की जगह डिजिटल पेमेंट को प्राथमिकता दी जा रही है। बैंक जाने की भी जरूरत नहीं, मोबाइल वालेट एवं एप से ही सारे लेन-देन निपटा दिए जा रहे हैं। नि:संदेह इससे लाइफ आसान हो गई है, लेकिन इससे सिक्योरिटी(सुरक्षा) का मसला भी उठ खड़ा हुआ है। इसका सबसे बड़ा कारण जागरूकता की कमी है। यदि लोगों में इंटरनेट मीडिया की जागरूकता बढ़ेगी, तभी साइबर अपराध पर रोक लगाई जा सकती है। यह कहना है टेक एविएटर्स के आइटी हेड नीरज शर्मा का। वे गौड़ ब्राह्मण डिग्री कालेज की ओर से साइबर अपराध और सुरक्षा विषय पर आनलाइन व्याख्यान में बतौर मुख्य वक्ता बोल रहे थे। इस मौके पर कालेज प्राचार्य डा. जयपाल शर्मा, डा. ललित शर्मा, डा. कपिल कौशिक, तरुण वत्स, मंजू शर्मा, मनीषा कौशिक, सीमा शर्मा, प्रिस कौशिक, आशुतोष शर्मा आदि मौजूद रहे।
मुख्य वक्ता कहा कि कोरोना काल में जहां तकनीक मददगार साबित हो रही है, वहीं इस क्षेत्र में अपराध भी बढ़ा है। लोग ना चाहते हुए भी इंटरनेट के अलग-अलग माध्यमों जैसे वाट्सएप, फेसबुक, ई-मेल, इंस्टाग्राम, गूगल आदि पर अपनी व्यक्तिगत जानकारियां देते हैं, जो अपराध जगत से जुड़े लोगों तक आसानी से पहुंच जाती हैं। वे व्यक्तिगत जानकारियों का गलत तरीके से उपयोग करते हैं। यही नहीं, बल्कि बैंक में जमा पूंजी को भी एक क्लिक से उड़ा देते हैं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कालेज प्राचार्य डा. जयपाल शर्मा ने की उन्होंने कहा कि आनलाइन क्लास की वजह से छोटे बच्चों से लेकर शिक्षकों तक को इन साइबर अपराध का सामना करना पड़ रहा है। कई बार देखा गया है कि जागरूकता के अभाव में हम इसका शिकार हो रहे है। प्राचार्य डा. जयपाल शर्मा ने कहा आज के व्याख्यान का मुख्य उद्देश्य साइबर अपराध के प्रति जागरूकता थी। यह भी कहा व्याख्यान विधार्थियों व शिक्षकों के लिए बेहत ज्ञानवर्धक रहा जिसमें कई अहम जानकारियां साझा की गई।
साइबर अपराध से ऐसे बचें :
- आनलाइन क्लास में छात्रों के उपस्थिति से पहले शिक्षकों का जुड़ना जरूरी।
- हर क्लास का स्क्रीन शाट रखना चाहिए, ताकि भविष्य में कोई दिक्कत न हो।
- शिक्षकों को चाहिए कि चाहे आनलाइन कक्षाएं हो, लेकिन छात्रों से उसी तरह संपर्क में रहें।
- अपनी प्रोफेशनल और पर्सनल अलग-अलग ई-मेल आइडी बनाएं।
- सभी तरह के काल डिटेल्स को सुरक्षित रखें।
- साइबर अपराध के शिकार होने पर बिना घबराए पुलिस से संपर्क करें।
- किसी भी लिक पर सोच समझकर जुड़े और जानकारी साझा करते समय सावधानी बरतें।