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रोहतक में पर्यवेक्षक आज टटोलेंगे नब्ज, चौकाने वाले ही नाम आएंगे सामने

सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर पदों के चुनाव को लेकर सभी की निगाहें टिक गई हैं। चुनाव के दौरान हंगामे के आसार बने हुए हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 30 Nov 2020 09:17 AM (IST)Updated: Mon, 30 Nov 2020 09:17 AM (IST)
रोहतक में पर्यवेक्षक आज टटोलेंगे नब्ज, चौकाने वाले ही नाम आएंगे सामने
रोहतक में पर्यवेक्षक आज टटोलेंगे नब्ज, चौकाने वाले ही नाम आएंगे सामने

जागरण संवाददाता, रोहतक : सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर पदों के चुनाव को लेकर सभी की निगाहें टिक गई हैं। चुनाव के दौरान हंगामे के आसार बने हुए हैं। पद न मिलने की स्थित में कुछ पार्षद चुनाव बहिष्कार से लेकर मौके पर ही धरना या फिर विरोध कर सकते हैं। पुलिस बल मांगा गया है। फिलहाल भाजपा के 20 में से 12 पार्षद दोनों ही पदों के दावेदार हैं। कुल 22 पार्षद हैं। इनमें दो कांग्रेसी पार्षद हैं। भाजपा से जुड़े सूत्रों का मानना है कि प्रत्याशियों के नाम चौंकाने वाले हो सकते हैं।

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इसी साल जनवरी में पहरावर स्थित नगर निगम की गोशाला में बैठक कराने के मामले में विरोध प्रदर्शन हुआ था। हालांकि बाद में पार्षद समझ पाए थे कि उनके साथ राजनीति हो गई। इस बार जाट पार्षदों को मौका नहीं मिला तो वह पार्टी छोड़े न छोड़ें लेकिन हंगामा जरूर कर सकते हैं। वहीं, वार्ड-11 के कांग्रेस पार्षद कदम सिंह अहलावत ने आरोप लगाए हैं कि कुछ दूसरे जिलों में भी सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव हुए हैं। दोनों पदों के लिए दूसरे जिलों की नगर निगम में गड़बड़ियों के दम पर भाजपा ने अपने चहेते पार्षदों को कुर्सी दिला दी। उन्होंने यह भी आरोप लगाए हैं कि हमें आशंका है कि भाजपा अंदर हॉल में गोपनीयता का बहाना बनाकर चुनाव कराएगी। बाहर आकर दो नामों की घोषणा कर दी जाएगी। इसलिए मांग की है कि पूरे चुनाव की वीडियोग्राफी-फोटोग्राफी हो। पत्रकारों को भी अंदर बैठने की अनुमति हो। कांग्रेस-भाजपा से दो-दो प्रतिनिधि चुनाव की निगरानी में हों। यह भी चेतावनी दी है कि नियम तोड़े गए तो विरोध करेंगे।

यह हैं प्रमुख दावेदार

1. वार्ड-1 के पार्षद कृष्ण सेहरावत

ताकत-कमजोरी : पहली बार निर्दलीय चुनाव जीते, चुनाव जीतते ही राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र सिंह हुड्डा से आशीर्वाद लेते हुए फोटो खूब वायरल किया। बाद में भाजपा में शामिल हुए। सेन समाज से हैं, बीसी समाज के मजबूत पार्षद। लेकिन संगठन में इनकी पकड़ कमजोर।

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2. डिप्टी मेयर के दावेदार पप्पन जाट पार्षदों की आंखों की बने किरकिरी

ताकत-कमजोरी : वार्ड-4 के पार्षद धर्मेंद्र गुलिया उर्फ पप्पन ने भाजपा में तीन पार्षद संग एंट्री की थी। मेयर मनमोहन गोयल के साथ ही पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर के भी नजदीक हैं। विधानसभा चुनाव में बूथ कैप्चरिग के आरोप लगे। इन्हीं आरोपों के कारण जेल जाना पड़ा। इसलिए दूसरे जाट पार्षदों की आंखों की किरकिरी हैं।

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3. जयभगवान कर रहे संगठन को ब्लैकमेल

ताकत-कमजोरी : वार्ड-9 के पार्षद जयभगवान संगठन के समक्ष यही जता रहे हैं कि मेरे साथ 12 से अधिक पार्षद हैं, इसलिए सीनियर डिप्टी मेयर पद से नीचे समझौता नहीं होता। संगठन मान रहा है कि जयभगवान दावेदारी के बजाय ब्लैकमेलिग कर रहे हैं। जयभगवान निर्दलीय चुनाव जीते थे, बाद में भाजपा में शामिल हुए।

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4. राहुल देशवाल पर संगठन को भरोसा

ताकत-कमजोरी : वार्ड-10 के पार्षद राहुल देशवाल उपासना देवी को हराकर कुर्सी पर काबिज हुए। पूर्व पार्षद के परिवार के साथ राहुल के साथ तनातनी है, उपासना का परिवार भी भाजपा में शामिल हो चुका है। हालांकि राहुल पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर के करीब हैं। संगठन की नजर में राहुल का साफ्ट जाट पार्षदों में है।

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5. कंचन खुराना सीनियर डिप्टी मेयर पद से समझौता नहीं

ताकत-कमजोरी : वार्ड-13 की भाजपा पार्षद कंचन खुराना सीनियर डिप्टी मेयर पद से समझौता करने को तैयार नहीं। पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर के साथ इनके परिवार के रिश्ते ठीक नहीं। इसलिए मुख्यमंत्री मनोहरलाल से गुहार लगाई है कि इस बार संगठन के सच्चे सिपाही और उनकी वफादारी का इनाम मिले।

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6. पूनम किलोई भी कतार में

सीनियर डिप्टी मेयर पद की दौड़ में एससी पार्षदों में पूनम किलोई का नाम भी चल रहा है। दूसरी बार पार्षद बनने वाली पूनम किलोई ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामा था। इसलिए उन्हें लगता है कि संगठन उन्हें एक बार मौका दे। संगठन तक पहुंच मजबूत है।

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7. पार्षद अनिल को भी चाहिए डिप्टी मेयर पद

वार्ड-21 के पार्षद अनिल कुमार ने पहला कार्यकाल कांग्रेस राज में पूरा किया और कांग्रेसी बने रहे। इस बार चुनाव जीतने के कुछ माह बाद भाजपा ज्वाइन कर ली। इन्होंने भी दूसरी बार पार्षद बनने के बाद डिप्टी मेयर पद की दावेदारी ठोंक दी है।

-- पर्यवेक्षक तक सिफारिश लगाकर पहुंचे पार्षद

भाजपा ने चुनाव कराने के लिए पानीपत ग्रामीण के विधायक महीपाल ढांडा को तैनात कर दिया है। बताया जा रहा है कि कुछ पार्षद पर्यवेक्षक तक पहुंच गए हैं। इसमें दावा किया गया है कि पर्यवेक्षक के पास सिफारिशें पहुंचना शुरू हो गई हैं। हालांकि इस बार चुनाव को लेकर संगठन के हाथ में ही पूरी डोर है। वहीं, बताया जा रहा है कि पर्यवेक्षक एक दिसंबर को भी आ सकते हैं। सर्वसम्मति से फैसला नहीं हुआ तो दो दिसंबर को जिला विकास भवन के सभागार में सुबह 11 बजे से चुनाव होगा। वर्जन

पर्यवेक्षक ही तय करेंगे कि चुनाव की क्या रणनीति होगी। उन्हीं की मौजूदगी में ही पार्षद आवेदन कर सकेंगे।

मनमोहन गोयल, मेयर, नगर निगम

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मुझे चुनाव के दौरान गड़बड़ियों की आशंका है। चुनाव निष्पक्षता से कराने के लिए वीडियोग्राफी होनी चाहिए। हमारे साथ 13 पार्षद हैं। जबकि चुनाव जीतने के लिए महज 12 पार्षदों की जरूरत पड़ेगी। कांग्रेस के फिलहाल दो पार्षद हैं, हम पद नहीं लेंगे। हमारे संपर्क में आने वाले पार्षदों को ही सीनियर व डिप्टी मेयर का पद वरिष्ठता के हिसाब से दिया जाएगा।

कदम सिंह अहलावत, कांग्रेस पार्षद, वार्ड-11


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