रोहतक से शुरू हुई ओबीसी अधिकार पैदल यात्रा
जागरण संवाददाता रोहतक पंचायती राज से लेकर स्थानीय निकायों और विधनसभा व लोकसभा में रा
जागरण संवाददाता, रोहतक :
पंचायती राज से लेकर स्थानीय निकायों और विधनसभा व लोकसभा में राजनीतिक हिस्सेदारी दिए जाने, 127वां संविधान संशोधन बिल रद किए जाने, 2021 की जनगणना में ओबीसी का कालम जोड़कर जाति आधारित गणना कराए जाने, प्रदेश में बीसी क्रीमीलेयर का नया नोटिफिकेशन तुरंत रद किए व इसे केंद्र की तर्ज पर लागू करने सहित अनेक मांगों को लेकर ओबीसी समाज के लोग रविवार को रोहतक में सड़क पर उतरे। उन्होंने यहां डा. आंबेडकर चौक पर मंत्रोच्चारण के साथ पहले हवन किया। जिसके बाद उन्होंने सामाजिक एकता के नारे भी लगाए और यहां से चंडीगढ़ के लिए पैदल यात्रा शुरू की। ओबीसी नेताओं ने कहा कि केंद्र व प्रदेश स्तरीय तमाम मांगों को लेकर ओबीसी समाज की ओर से की जाने वाली यह पैदल यात्रा प्रदेश के अलग अलग हिस्सों से होती हुई नौ दिसंबर को चंडीगढ़ पहुंचेगी और वहां राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा जाएगा। इस अवसर पर समाज के लोगों को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए ढोल, नगाड़ों व मंजीरा बजा रहे कलाकारों से सजी झांकी भी निकाली गई। पैदल यात्रा में मुख्य रूप से कुलदीप केडी, लोकीराम प्रजापति, तेलूराम जांगड़ा, किशन सिंह पांचाल, योगेंद्र योगी, राजेंद्र पाल, जितेंद्र जांगड़ा, राजीव सैन, अमरजीत धीमान, बलजीत राणा, सुदेश यादव, अमर सिंह रावल, बिजेंद्र, राजू चमारिया, जयभगवान, तुलसी लखेरा, उमेद सिंह, सुबोध नायक आदि सहित समाज के लोग बड़ी संख्या में मौजूद रहे। कांग्रेस के राज्य सभा सदस्य दीपेंद्र हुड्डा व विधायक भारत भूषण बतरा ने भी पैदल यात्रा का समर्थन किया। ओबीसी नेताओं के मुताबिक यह पैदल यात्रा रोहतक से चलकर गोहाना जाएगी और वहीं रात्रि ठहराव होगा। उसके बाद वहां से इसराना पहुंचेगी और रात्रि विश्राम इसराना में होगा। इसके बाद यहां से पानीपत होते हुए घरोंडा में रात्रि विश्राम होगा। उसके बाद करनाल, तरावड़ी, कुरुक्षेत्र, शाहाबाद, अंबाला व डेरा बसी होते हुए आठ दिसंबर को पंचकूला पहुंचेगी। जिसके बाद नौ दिसंबर में चड़ीगढ़ में राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा जाएगा।
ये हैं मुख्य मांगें :
- हरियाणा में बीसी क्रीमीलेयर नया नोटिफिकेशन तुरंत रद किया जाए।
- हरियाणा में प्रथम व द्वितीय श्रेणी की नौकरियों में ओबीसी का 27 प्रतिशत आरक्षण पूरा किया जाए।
- विश्वविद्यालय व अन्य संस्थानों में खाली ओबीसी के पदों को जल्द भरा जाए।
- ओबीसी विद्यार्थियों को उच्चतर शिक्षा के लिए आर्थिक सहायता दी जाए आदि।