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ट्रेड लाइसेंस के कैंपों का विरोध शुरू, व्यापारियों ने कहा मामूली फीस तो ठीक नहीं तो एक भी व्यापारी नहीं करेगा सहयोग

जागरण संवाददाता रोहतक नगर निगम प्रशासन की तरफ से व्यापारियों पर ट्रेड लाइसेंस के लिए

By JagranEdited By: Published: Tue, 05 Nov 2019 11:50 PM (IST)Updated: Fri, 08 Nov 2019 06:40 AM (IST)
ट्रेड लाइसेंस के कैंपों का विरोध शुरू, व्यापारियों ने कहा मामूली फीस तो ठीक नहीं तो एक भी व्यापारी नहीं करेगा सहयोग
ट्रेड लाइसेंस के कैंपों का विरोध शुरू, व्यापारियों ने कहा मामूली फीस तो ठीक नहीं तो एक भी व्यापारी नहीं करेगा सहयोग

जागरण संवाददाता, रोहतक : नगर निगम प्रशासन की तरफ से व्यापारियों पर ट्रेड लाइसेंस के लिए शिकंजा कसने की तैयारी शुरू की। दूसरी ओर, व्यापारियों ने कड़े नियमों का हवाला देते हुए विरोध शुरू कर दिया है। व्यापारियों ने दावा किया है कि सालाना कारोबार के हिसाब से ट्रेड लाइसेंस की फीस है। जबकि मामूली 50 से 100 रुपये तक सालाना शुल्क रखा जाए तो हर साल लाइसेंस का रिन्युअल या फिर नया लाइसेंस लेने की कार्रवाई में सहयोग देंगे। मुख्यमंत्री मनोहरलाल भी ट्रेड लाइसेंस की भारी फीस और कड़े नियमों को सरल करने का वादा कर चुके हैं। रोहतक व्यापार मंडल एसोसिएशन ने एलान किया है कि जब तक व्यापारियों के लिए नियम सरल नहीं होंगे तब तक किसी भी सूरत में सहयोग नहीं किया जाएगा। विरोध भी करने का एलान किया है।

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रोहतक व्यापार एसोसिएशन के महासचिव गुलशन निझावन ने दावा किया है कि उन्होंने रोहतक के सभी बाजारों व दूसरे सभी व्यापारियों से इस प्रकरण में वार्ता की है। उनकी तरफ से भारी रोष जताया गया है। इस प्रकरण में अगले दो-तीन दिनों के अंदर रोहतक व्यापार एसोसिएशन की भी बैठक बुलाई गई है। महासचिव निझावन ने यह भी कहा कि व्यापारी, दुकानदार पहले से ही तमाम टैक्स दे रहे हैं। इनमें इनकम टैक्स, जीएसटी के अलावा प्रॉपर्टी टैक्स भी कमर्शियल के हिसाब से दे हैं। फिर सालाना कारोबार के हिसाब से हर साल हजारों रुपये ट्रेड लाइसेंस के क्यों दें। इन्होंने कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि व्यापार आयोग की मौजूदगी में मुख्यमंत्री मनोहरलाल से तीन माह पहले ही रोतहक में प्रदेशभर के व्यापारियों के साथ बैठक हुई थी। उस दौरान मुख्यमंत्री ने यही आश्वासन दिया था कि ट्रेड लाइसेंस के नियम सरल करके भारी फीस से आजादी दिलाएंगे। लेकिन नगर निगम प्रशासन व्यापारियों का उत्पीड़न करना चाहती है। इन्होंने कहा कि 35-36 हजार व्यापारियों की छोड़िए अब 30 व्यापारी भी ट्रेड लाइसेंस लेने में किसी भी प्रकार का सहयोग नहीं करेंगे। यह भी चेतावनी दी कि जरूरत पड़ी तो नगर निगम कार्यालय में अनिश्चितकाल के लिए धरना भी देंगे।


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