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अमृत के तहत श्रीनगर कालोनी में बिछी नई लाइन, कनेक्शन जोड़े नहीं, सड़कों पर आया दूषित पानी

अमृत योजना शहर के लिए मुसीबत बन रही है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 12 Jan 2021 08:00 AM (IST)Updated: Tue, 12 Jan 2021 08:00 AM (IST)
अमृत के तहत श्रीनगर कालोनी में बिछी नई लाइन, कनेक्शन जोड़े नहीं, सड़कों पर आया दूषित पानी
अमृत के तहत श्रीनगर कालोनी में बिछी नई लाइन, कनेक्शन जोड़े नहीं, सड़कों पर आया दूषित पानी

जागरण संवाददाता, रोहतक: अमृत योजना शहर के लिए मुसीबत बन रही है। सही क्रियान्वयन न होने से योजना लोगों के लिए नई परेशानी खड़ी कर रही है। अब वार्ड-19 स्थित श्रीनगर कालोनी में नई परेशानी सभी के सामने आई है। यहां दूषित पानी की निकासी का इंतजाम शुक्रवार से ठप है। नई लाइन से कोई जल निकासी नहीं हो रही। इसलिए दूषित पानी का जमाव सड़कों पर हो रहा है। वाहन फंसने के साथ ही लोगों के साथ हादसे हो रहे हैं। स्थानीय लोगों ने जनस्वास्थ्य विभाग, पीजीआइ प्रबंधन, नगर निगम और वार्ड की पार्षद से भी शिकायत की है।

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श्रीनगर कालोनी निवासी हरदर्शन ने बताया कि पिछले कई दिनों से कालोनी से दूषित पानी की निकासी का इंतजाम पूरी तरह से ठप हैं। जो भी सड़क पर गड्ढे हैं वहां वाहन फंस जाते हैं। रविवार की देर रात हुई घटना की जानकारी देते हुए कहा कि एक ट्रक मुख्य सड़क पर जलजमाव के बीच फंस गया। इस दौरान वाहन में खराबी आ गई। मशीनों की मदद से वाहन को निकाला गया। इसके साथ ही स्थानीय लोग भी लगातार जल जमाव वाले स्थानों पर गिर रहे हैं। खुद के साथ हुई घटना की जानकारी देते हुए कहा कि मैं दो बार हादसे का शिकार हुआ हूं। इसके साथ ही कालोनी वाले लगातार घायल हो रहे हैं। नई लाइन से कनेक्शन जोड़ा नहीं, इसलिए जलभराव

वाड-19 की पार्षद मुक्ता नागपाल के प्रतिनिधि दीपक नागपाल ने बताया कि अमृत योजना के तहत नई सीवरेज लाइन बिछाने का कार्य हुआ था। संबंधित लाइन से जल निकासी का इंतजाम पीजीआइ के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में होना था। हालांकि पीजीआइ प्रबंधन ने एसटीपी के सबसे आखिरी कुएं में कनेक्शन जोड़ने की इजाजत दी थी। जो नई लाइन बिछाई गई है, उससे टैंक की दूरी करीब एक किमी है। इसलिए लाइन बिछने के बावजूद भी यहां से जल निकासी का प्रबंध नहीं हो सका। दूसरी ओर, पुरानी सीवरेज लाइन से पीजीआइ के डिस्पोजल में दूषित पानी की निकासी होती थी। लेकिन पीजीआइ के डिस्पोजल की मोटर खराब होने से जल निकासी के इंतजाम नहीं हैं। पार्षद प्रतिनिधि दीपक ने बताया कि मैंने जनस्वास्थ्य विभाग और पीजीआइ प्रबंधन से वार्ता की, फिर भी समस्या का समाधान नहीं हो रहा।


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