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नांदल खाप ने टीकरी बॉर्डर पर बनवाया बांस का घर

अखिल भारतीय नांदल खाप के अध्यक्ष ओमप्रकाश नांदल ने बताया कि नांदल खाप पूरे जोश और जज्बे के साथ कृषि कानूनों के विरोध में टीकरी बॉर्डर पर डटी हुई है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 18 Mar 2021 07:55 AM (IST)Updated: Thu, 18 Mar 2021 07:55 AM (IST)
नांदल खाप ने टीकरी बॉर्डर पर बनवाया बांस का घर
नांदल खाप ने टीकरी बॉर्डर पर बनवाया बांस का घर

जागरण संवाददाता, रोहतक :

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अखिल भारतीय नांदल खाप के अध्यक्ष ओमप्रकाश नांदल ने बताया कि नांदल खाप पूरे जोश और जज्बे के साथ कृषि कानूनों के विरोध में टीकरी बॉर्डर पर डटी हुई है। उन्होंने बताया कि अब टेंट की जगह बांस के घरों का निर्माण किया गया है ताकि गर्मी के मौसम में धरने पर टिका रहा जा सके।

उन्होंने बताया कि नांदल खाप द्वारा इन बांस के घर में गर्मी से बचने के लिए कूलर व पंखों का विशेष प्रबंध किया गया है तथा साथ में विशाल रसोई का निर्माण भी कर दिया गया है। जिसमें 24 घंटे जलपान का प्रबंध रहेगा। इस रसोई के संचालन का काम विनोद नांदल तथा प्रदीप हलवाई को सौंपा गया है।

खाप प्रधान ने कहा कि नांदल खाप पूरी ईमानदारी से किसान आंदोलन की सेवा कर रही है। उन्होंने कहा कि शांति और संयम के साथ किसानों को अपनी लड़ाई जारी रखनी चाहिए। जब तक केंद्र सरकार तीन कृषि कानून वापिस नहीं लेती और एमएसपी पर कानून नहीं बनेगा तब तक आंदोलन में धरना जारी रहेगा। संयुक्त किसान मोर्चा के आदेशों के तहत नांदल खाप कार्य करेगी।

धरने में महासचिव संजीत नांदल, प्रवक्ता मास्टर देवराज नांदल, आशा राम, रामनिवास, जयकिशन, ओमप्रकाश, सतपाल, अजयपाल सरपंच, कृष्ण कालिया, संदीप, वीरेन्द्र, कृष्ण नांदल, गिझी गांव के सरपंच महेन्द्र सिंह, पूर्व सरपंच जसपाल सिंह, राममेहर, महेन्द्र सिंह, ऋषिपाल, रामप्रकाश, सत्यनारायण, जगबीर सिंह, सतबीर सिंह आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।

तीन कृषि कानूनों के खिलाफ निकलेगी शहीदी यादगार किसान मजदूर पदयात्रा

जागरण संवाददाता, रोहतक :

तीन कृषि कानूनों के खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर हरियाणा, यूपी व पंजाब से शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के शहीदी दिवस के उपलक्ष्य में शहीदी यादगार किसान मजदूर पदयात्रा का आयोजन किया जाएगा। यह पदयात्रा पूरे प्रदेश में भ्रमण करते हुए 23 मार्च को दिल्ली के बॉर्डर पर संपन्न होगी। यात्रा के आगमन को लेकर किसान व मजदूर संगठनों ने अपनी तैयारियां शुरु कर दी है। साथ ही कमेटियों का भी गठन किया गया है। यह जानकारी इंद्रजीत सिंह, सुमित दलाल, जयभगवान व सुरेखा ने दी। वे बुधवार को संयुक्त रूप से पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

नेता इन्द्रजीत सिंह ने बताया कि पूरे देश में तीन कृषि कानूनों के खिलाफ सरकार के प्रति भारी आक्रोश है। उन्होंने बताया कि हरियाणा, यूपी व पंजाब से किसान मजदूर पदयात्रा निकाली जाएगी। एक पदयात्रा 18 मार्च को हांसी से शुरू होकर 23 मार्च को टीकरी बॉर्डर पर पहुंचेगी। इस पदयात्रा को शहीद भगत सिंह की भांजी गुरजीत कौर हरी झंडी दिखाकर रवाना करेगी। इसी दिन जींद के खटकड टोल से भी पदयात्रा शुरू होगी, जोकि हांसी से शुरू होने वाली यात्रा में शामिल होगी। सुरेखा ने बताया कि आज केंद्र सरकार भी अंग्रेजों की नीति अपनाए हुए है और कारपोरेट घरानों को लाभ पहुंचाने के लिए देश की सम्पति की बेचने पर तुली हुई है। तीन कृषि कानून भी कारपोरेट घरानों को ही लाभ पहुंचाने के लिए लागू किए है। पदयात्रा का दूसरा जत्था 19 मार्च को पंजाब के खटकड कलां से शुरू होकर पानीपत आएगा और 23 मार्च को सिघु बॉर्डर पर पहुंचेगा। वहीं तीसरी पदयात्रा मथुरा से शुरू होकर पलवल पड़ाव पर पहुंचेगी। उन्होंने बताया कि इन पदयात्राओं का मुख्य उदेश्य सरकार को कुंभकर्णी नींद से जगाने का है और कृषि काननू वापिस लेने का है। साथ किसानों ने कहा कि जब तक सरकार यह कानून वापिस नहीं लेती है तब तक किसान आंदोलन जारी रहेगा।


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