सरसों को हाथों हाथ मिल रहे खरीदार, गेहूं के लिए किसान हो रहे परेशान
सरसों का सरकारी भाव भले ही कम हो लेकिन किसानों को सरसों को प्राइवेट खरीदार हाथों हाथ खरीद रहे हैं। जबकि गेहूं खरीद के लिए किसान परेशान हो रहे हैं।
जागरण संवाददाता, रोहतक :
सरसों का सरकारी भाव भले ही कम हो लेकिन किसानों को सरसों को प्राइवेट खरीदार हाथों हाथ खरीद रहे हैं। जबकि गेहूं खरीद के लिए किसान परेशान हो रहे हैं। मंडी में गेहूं लेकर आए किसानों का आरोप है कि मंडी में एक दिन बाद भी खरीदारी नहीं हुई है। उनको न चाहते हुए भी मंडी में रात बितानी पड़ रही है। जिसके चलते बीमार होने का भी भय बना रहता है। किसानों राजेश व बिजेंद्र का कहना है कि मंडी में सरसों को प्राइवेट खरीदार 5000 रुपये प्रति क्विंटल से अधिक का भाव देर हे हैं। जबकि सरकार की ओर से सरसों का सरकारी रेट 4650 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है। ऐसे में किसानों को प्राइवेट सरसों बेचने से ही मुनाफा हो रहा है। उधर, बुधवार को मंडी में गेहूं की फसल लेकर आए किसानों ने कहा कि वे सुबह ही गेहूं की फसल लेकर मंडी में आए थे। लेकिन उनको दोपहर बाद तक भी गेट पास नहीं मिला है। गेहूं की खरीद होना तो दूर है। फसल में नमी की जांच करने तक भी कोई नहीं आया है। किसानों ने मंडी में खरीद प्रणाली को आसान बनाए जाने की मांग की है। ताकि किसानों को परेशानियां न उठानी पड़े। हालांकि अधिकारियों का दावा है कि मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर नाम दर्ज होने वाले किसानों की फसल खरीद में कोई दिक्कत नहीं आने दी जाएगी। सुबह सात बजे मंडी में गेहूं लेकर आए थे। लेकिन दोपहर दो बजे तक भी गेट पास नहीं मिला। ऐसे में समय पर खरीद कैसे हो पाएगा। किसान परेशान हैं।
- संजय किसान। मंडी में फसल लेकर आए छह घंटे से भी अधिक समय हो गया है। फसल में नमी की जांच करने कोई नहीं आया है। यहां तक कि गेट पास भी अभी नहीं मिला है।
- भूपेंद्र, किसान ।