जागरण के 75 साल, अपनी ऊर्जा को सकारात्मक दिशा में लगाएं युवा तब होगा विकास
रोहतक : पिछले सालों में परिवर्तन तो हुआ ही है। विकास भी हुआ है। सबसे ज्यादा विकास तक
रोहतक :
पिछले सालों में परिवर्तन तो हुआ ही है। विकास भी हुआ है। सबसे ज्यादा विकास तकनीकी को लेकर हुआ है। पहले रेडियो से जानकारी मिलती थी। फिर, अखबार और अब टेलीविजन के माध्यम से, मगर आज के समय में इंटरनेट का बोलबाला है। तकनीकी के माध्यम से आज हम बहुत सशक्त हुए हैं। किसी से कहीं भी तुरंत ही संपर्क कर सकते हैं। तकनीकी का एक खराब पक्ष यह है कि युवा इसकी गिरफ्त में है। अगर युवा तकनीकी के नशे में, दवाइयों के नशे में पड़ेगा तो देश का विकास कैसे होगा। इसलिए जरूरी है कि युवाओं में संस्कार डाले जाएं कि वह अपने से बड़ों का सम्मान करें जब सोच में विकास होगा तब जाकर असली विकास होगा। अब जरूरत है कि लोगों के व्यक्तित्व में विकास हो।
- बाबा कर्णपुरी, महंत, बाबा बालकपुरी डेरा।
समाज में लोगों के घरों में विकास हुआ है। टीवी आ गया, फ्रिज आ गया, बाइक आ गई, कार आ गई और लोग अब पैदल नही चलते। लेकिन इस विकास से भले ही फायदा हुआ हो, मुझे लगता है कि इस विकास से पर्यावरण और स्वास्थ्य को बहुत ही नुकसान हुआ है। पहले से अधिक प्रदूषण फैल गया है। पानी की कमी है। कुछ दिन बाद हवा की कमी हो जाएगी। इसलिए अब आने वाले समय में उम्मीद करता हूं कि युवा व्यक्तिगत स्तर पर विकास करने के साथ ही पर्यावरण और स्वास्थ्य को लेकर विकास करना होगा। भौतिकवाद में पड़ कर विकास करने के बजाय संस्कारों में और युवाओं को अपनी सोच में विकास करना होगा। तब जाकर असली विकास का सपना साकार होगा। लोगों को अब पर्यावरण और स्वास्थ्य को लेकर सचेत होना होगा, तभी समाज विकास करेगा और फिर देश विकसित होगा।
- राजेश लुंबा, समाजसेवी।
यह समय सिर्फ युवाओं का है। अपने बड़े-बुजुर्ग का अनुभव लेते हुए युवा किसी भी मुकाम को हासिल कर सकते हैं। आज समय बहुत तेजी से गुजर रहा है। कई राहें हैं। युवा भटक जाता है। वह किस राह का चुनाव करें। ऐसे में उसे अपने बड़े-बुजुर्ग का अनुभव लेना चाहिए और अपनी योग्यता का आकलन कर लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए और उसे पाने के लिए जुट जाना चाहिए। समय परिवर्तन के हिसाब से देश के विकास के लिए सत्ता बदलती रही। पहले अंग्रेजी शासन और अब हम आजाद हैं। इस दौरान जो नहीं बदला, वे हमारे संस्कार हैं। इसलिए अपने संस्कारों का पालन करते हुए युवाओं को देश के विकास के बारे में सोचना चाहिए। अपनी ऊर्जा को सकारात्मक दिशा में लगाना चाहिए।
- डॉ. भारती शर्मा, रजिस्ट्रार, सुपवा।
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