टीबी रोकथाम में मास्क कारगर, घट गए 25 फीसद मरीज
कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए इन दिनों देश भर में लोग फेस मास्क का प्रयोग कर रहे हैं।
विक्रम बनेटा, रोहतक: कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए इन दिनों देश भर में लोग फेस मास्क का प्रयोग कर रहे हैं। कोरोना महामारी पर फोकस होने की वजह से किसी का ध्यान दूसरी बीमारियों की ओर नहीं जा रहा है। फेस मास्क की आदत का एक ओर सुखद परिणाम सामने आया है। मेडिकल कालेज रोहतक व सामान्य अस्पताल में आने वाले मरीजों की संख्या 25 फीसद घट गई है। टीबी की रोकथाम में मास्क बेहद कारगर साबित हुआ है। विशेषज्ञों के अनुसार अगर चार साल तक देश भर में इसी प्रकार से लोग मास्क की आदत को बनाकर रखें तो टीबी मुक्ति की ओर देश बढ़ सकता है। -हर साल आते हैं पांच हजार केस
साल केस
2019 3652
2020 3032
2021 1284
नोट: इसके अलावा निजी अस्पतालों में लोग टीबी का इलाज करवा रहे हैं। -किस प्रकार कारगर है मास्क
टीबी के मरीज के खांसने और छींकने से आस-पास टीबी संक्रमण फैलता है। फेफड़ों के अलावा दूसरी कोई टीबी एक से दूसरे में नहीं फैलती। फेस मास्क लगे होने की वजह से लोगों में एक-दूसरे से टीबी नहीं फैल सकती। टीबी एक संक्रामक बीमारी है जो ट्यूबरक्युलोसिस बैक्टीरिया के कारण होती है। बीमारी का सबसे अधिक प्रभाव फेफड़े पर पड़ता है। फेफड़ों के अलावा ब्रेन, यूटरस, मुंह, लिवर, किडनी, गले आदि में भी टीबी हो सकती है। भारत में सबसे कामन फेफड़ों का टीबी है। जो कि हवा के जरिए एक से दूसरे इंसान में फैलती है.
-मास्क को लेकर अब तक नहीं थी जागरूकता
टीबी संक्रमण की रोकथाम के लिए लोगों द्वारा फेस मास्क के इस्तेमाल करने में कई चुनौतियां रही हैं। इनमें भ्रांति, कम पहुंच एवं मास्क पहनने में असुविधा जैसे कारण शामिल रहे हैं। टीबी रोकथाम के लिए मास्क का प्रचलन अभी भी ठहरा हुआ है। अब तक फेस मास्क इस्तेमाल करने वाले लोगों की पहचान समाज में एक रोगी के रूप में की जाती रही है।
-टीबी मरीज की जानकारी देने पर मिलेगा है पुरस्कार
जो व्यक्ति टीबी के मरीजों के बारे में सूचना देता है, उसे 500 रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा है। सरकार की नीति के तहत टीबी के मरीजों को भी हर महीने डाइट के लिए पांच सौ रुपये दिए जाएंगे। वहीं, हर टीबी के मरीज का सीबी नेट टेस्ट, जिस पर करीब ढाई हजार रुपये खर्च आता है यह भी सरकार द्वारा मुफ्त में किया जाएगा। इसके अलावा अगर कोई सामाजिक संस्था टीबी के रोगी को पूरा कोर्स कराने यानी कि रोगी के टीबी मुक्त होने तक उसका कोर्स पूरा कराती है तो उसे दो हजार से पांच हजार रुपये बतौर सहायता शुल्क दिया जाएगा।
-टीबी रोकथाम में मास्क का अहम योगदान: गर्ग
टीबी रोकथान में मास्क इसलिए कारगर साबित हो रहा है क्योंकि इस रोग का बैक्टीरिया श्वास के साथ अंदर जाता है। अगर मुंह पर मास्क होगा तो इस बैक्टीरिया के सपंर्क में आने से बचा जा सकता है। यही वजह है कि अगर सभी लोग मास्क की आदत को कुछ साल तक बरकरार रख लेते हैं तो टीबी मुक्ति की ओर महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। टीबी के मरीजों को जरूर मास्क का प्रयोग करना चाहिए।
डा. आरबी जैन, एचओडी, कम्यूनिटी मेडिसिन विभाग, पीजीआइएमएस रोहतक।