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करवाचौथ पर सजे बाजार, मेहंदी की दुकानों पर महिलाओं की भीड़

करवाचौथ पर शहर के बाजार बुधवार को सजे रहे देर शाम तक

By JagranEdited By: Published: Thu, 17 Oct 2019 01:29 AM (IST)Updated: Thu, 17 Oct 2019 01:29 AM (IST)
करवाचौथ पर सजे बाजार, मेहंदी की दुकानों पर महिलाओं की भीड़
करवाचौथ पर सजे बाजार, मेहंदी की दुकानों पर महिलाओं की भीड़

जागरण संवाददाता, रोहतक :

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करवाचौथ पर शहर के बाजार बुधवार को सजे रहे, देर शाम तक भी महिलाओं ने खरीदारी की। वहीं मेहंदी की दुकानों पर भी महिलाओं की भीड़ देखी गई।

बाजारों में कॉस्मेटिक सामान की खरीद करने के लिए महिलाओं का रुझान सबसे अधिक बना रहा। वहीं मिट्टी का करवा व अन्य जरूरी सामान की खरीद में की गई। करवाचौथ पर महिलाएं हाथों में मेहंदी सजाती हैं। कुछ महिलाएं घर में ही खुद मेहंदी लगाती हैं तो कुछ ब्यूटी पार्लर और बाजार में मेहंदी लगवा रही है। वहीं, नव विवाहिताएं कोहनी तक हाथों पर मेहंदी सजवा रही हैं। राजस्थानी मेहंदी का भी क्रेज है। बता दें करवाचौथ के दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और रात में चांद देखने के बाद अपना व्रत तोड़ती हैं। माना जाता है कि इस दिन अगर सुहागिन स्त्रियां उपवास रखें तो उनके पति की उम्र लंबी होती है और उनका गृहस्थ जीवन सुखी रहता है। उधर, त्योहार को लेकर बाजारों में पुलिस सुरक्षा भी बढ़ाई गई है। भीड़ के बीच सादी वर्दी में भी महिला पुलिस कर्मचारी तैनात रहेंगी।

27 साल बाद बन रहा अमर सुहाग योग :

दुर्गा भवन मंदिर के पुजारी ज्योतिषाचार्य मनोज मिश्र ने बताया कि करवाचौथ पर रोहिणी नक्षत्र और चंद्रमा में रोहिणी का योग होने से इस बार 27 साल बाद अमर सुहाग योग, मार्कंडेय योग और सत्यभामा योग बन रहा है। पति के लिए व्रत रखने वाली सुहागिनों के लिए यह बेहद फलदायी होगा। ऐसा भगवान श्रीकृष्ण और सत्यभामा के मिलन के समय भी बना था। करवा चौथ की पूजा से पहले भजन-कीर्तन करने से वातावरण में सकारात्मकता आती है और पूजन का पूर्ण फल मिलता है। पति के हाथ से पानी पीकर खोलती हैं व्रत :

ये व्रत सूर्योदय से पहले शुरू होता है जिसे चांद निकलने तक रखा जाता है। इस व्रत में सास अपनी बहू को सरगी देती है। इस सरगी को लेकर बहुएं अपने व्रत की शुरुआत करती हैं। शाम के समय शुभ मुहूर्त में चांद निकलने से पहले पूरे शिव परिवार की पूजा की जाती है। चांद निकलने के बाद महिलाएं चंद्रमा को अ‌र्घ्य देती हैं और अपने पति के हाथ से पानी पीकर व्रत खोलती हैं। वहीं, इस दिन बहुएं अपनी सास को थाली में मिठाई, फल, मेवे, रुपये आदि देकर उनसे सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद लेती हैं।


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