सुनारिया जेल का टैग लगा देख एक ग्राहक ने खरीद लिया सारा सामान
ओपी वशिष्ठ, रोहतक फरीदाबाद में सूरजकुंड मेले में लगी स्टॉल पर एक ग्राहक ने बिना किसी ज
ओपी वशिष्ठ, रोहतक
फरीदाबाद में सूरजकुंड मेले में लगी स्टॉल पर एक ग्राहक ने बिना किसी जरूरत के ही करीब 60 हजार रुपये का सामान खरीद लिया। इसमें से कुछ सामान रोहतक की सुनारिया जेल में कैदियों ने तैयार किया था। हालांकि एक बार तो सेल्समैन भी अचरज में पड़ गया यही सोचता रहा कि एक ही ग्राहक ने सारा सामान क्यों खरीद लिया। लेकिन बाद में पता चला कि ग्राहक डेरा सच्चा सौदा सिरसा का अनुयायी है। गौरतलब है कि डेरामुखी राम रहीम दुष्कर्म और हत्या के मामले में सुनारिया जेल में सजा काट रहा है। अनुयायी द्वारा जेल में बने सामान को खरीदने के पीछे उसकी डेरामुखी के प्रति अंधभक्ति ही बताया जा रहा है।
हुआ यूं कि फरीदाबाद में एक फरवरी से अंतरराष्ट्रीय क्राफ्ट सूरजकुंड मेला लगा हुआ है। मेले में हरियाणा की जेलों में कैदियों द्वारा हाथ से बनाए गए सामान की फरीदाबाद जेल प्रशासन द्वारा स्टॉल भी लगाई है। शुक्रवार को मेल में फरीदाबाद के एनआइटी निवासी सोनू परिवार के साथ घूमने पहुंचा। वहां उसने हरियाणा की जेलों में कैदियों द्वारा निर्मित सामान स्टाल पर बिक्री के लिए देखा। अचानक उसकी नजर कुछ सामान पर पड़ी, जिस पर सुनारिया जेल रोहतक का टैग लगा हुआ था। बस फिर क्या था, सोनू ने स्टॉल पर रखा सारा ही सामान खरीद लिया। सेल्समैन को एक बार तो उसकी बात पर ही विश्वास ही नहीं हुआ, लेकिन जब उसने स्टॉल पर बिक्री के लिए रखी कुर्सी, बेलन, फ्रूट टोकरी व पीढ़ा का ऑर्डर दिया तो वह हैरान हो गया। सोनू ने 50 हजार रुपये से अधिक का सामान खरीदा। सोनू ने बताया कि यह सामान उसने इसलिए खरीदा है कि डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख रामरहीम सुनारिया जेल में ही बंद है और उसकी डेरा से आस्था जुड़ी हुई है। जेल के दिशा-सूचक बोर्ड को देख भी करने लगे थे अनुयायी पूजा
डेरा के प्रति इस तरह की अंधभक्ति का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी सुनारिया जेल के साइन बोर्ड को देखकर डेरामुखी के समर्थकों ने पूजा करनी शुरू कर दी थी। इतना ही नहीं बोर्ड पर रामरहीम के प्रति आस्था प्रकट करने की कोटेशन भी लिखी गई थी। समर्थकों के जमावड़े को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने हाईवे पर लगे दिशा-सूचक बोर्ड को ही उखाड़कर फेंक दिया था। सोशल मीडिया पर इस तरह के फोटो खूब वायरल भी हुए थे। जन्मदिन पर पहुंच गए थे हजारों ग्री¨टग
रामरहीम के जन्मदिन पर पिछले साल समर्थकों ने हजारों की संख्या में ग्री¨टग कार्ड डाक, स्पीड पोस्ट व कोरियर से भेज दिए थे, जिसको लेकर डाक विभाग और जेल प्रशासन की मुश्किलें बढ़ गई थी। बोरे भरकर ग्री¨टग जेल में भेजे गए थे। लेकिन जन्मदिन की अपेक्षा दीपावली पर ग्री¨टग के माध्यम से शुभकामनाएं भेजने वालों की संख्या कम हो गई थी। पहली बार ऐसा ग्राहक देखा : ललित
स्टॉल इंचार्ज ललित भारद्वाज के मुताबिक उसने पहली बार कोई ऐसा ग्राहक देखा है, जिसने जरूरत नहीं होने के बावजूद इतना सामान खरीद लिया है। स्टॉल पर हरियाणा की अधिकतर जेलों में कैदियों द्वारा तैयार किया गया सामान की बिक्री के लिए रखा जाता है, उसमें सुनारिया जेल का सामान भी शामिल रहता है। ग्राहक के बारे में बात की तो पता चला कि वह डेरा प्रेमी है।