कलानौर क्षेत्र में रहा भारत बंद का मिलाजुला असर, दुकानें बंद कराकर लगाया जाम
कलानौर क्षेत्र में भारत बंद का मिलाजुला असर देखने को मिला। दोपहर करीब 11 बजे तक कलानौर व आसपास के गांवों में बाजार पूरी तरह से खुले रहे।
संवाद सहयोगी कलानौर : किसानों के आह्वान पर कलानौर क्षेत्र में भारत बंद का मिलाजुला असर देखने को मिला। किसानों ने भिवानी-रोहतक, बेरी-कलानौर और गरनावठी गांव के नजदीक सड़क पर जाम लगाया। दोपहर करीब 11 बजे तक कलानौर व आसपास के गांवों में बाजार पूरी तरह से खुले रहे। इसके बाद भारतीय किसान यूनियन के जिला उपाध्यक्ष राजेंद्र तोमर ने साथियों के साथ मिलकर कलानौर मुख्य बाजार के व्यापारियों से समर्थन मांगा। कई युवाओं ने जबरदस्ती दुकानें बन्द करवाने की कोशिश भी की, जिसके चलते दुकानदारों के साथ युवाओं की काफी बहस भी हुई। मामला बिगड़ते देख व्यापार मंडल के ब्लाक प्रधान बंटी बठला ने सभी दुकानदारों से 11 से 3 बजे तक दुकानें बन्द रखने को कहा। इसके बाद दुकानदारों ने अपनी दुकान बंद कर दी। बाजार बंद करवाने के बाद किसान यूनियन के सदस्य व विभिन्न संगठनों व राजनीतिक पार्टी के सदस्य सत जीन्दा कल्याणा कालेज के पास पहुंचे और सड़क पर जाम लगा दिया। जिस कारण रोहतक, भिवानी, हिसार व गुरुग्राम के साथ अन्य जिलों को जाने वाले वाहन चालक जाम में फंस गए। दूसरी तरफ बेरी-महम मार्ग पर किसानों व कांग्रेस समर्थकों ने जाम लगा दिया। किसानों ने दूल्हे की गाड़ी व एम्बुलेंस को जाने की इजाजत दे रखी थी। दोपहर करीब तीन बजे किसानों व विभिन्न संगठनों के सदस्यों ने धरना प्रदर्शन समाप्त कर दिया, जिसके बाद सभी मार्ग खोल दिए गए।
पूर्व हाकी खिलाड़ी भी आए किसानों के समर्थन में, पीएम से अपील
जागरण संवाददाता, रोहतक : भारतीय हाकी टीम के पूर्व सदस्य अजीत नांदल भी किसान आंदोलन के समर्थन में खुलकर सामने आ गए हैं। मंगलवार को उन्होंने अपनी गोद ली हुई बेटियों के साथ जाट कालेज मैदान स्थित छोटूराम की प्रतिमा पर पहुंचकर श्रद्धासुमन अर्पित किए।
उन्होंने किसान संगठनों के भारत बंद को भी जायज ठहराया। इसी के साथ अजीत नांदल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की। जिसमें उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को किसानों की तमाम शंकाओं को दूर करना चाहिए। तीनों कृषि कानून अगर किसान व कृषि के हित में हैं तो खुद प्रधानमंत्री को आगे आकर किसानों को समझाना चाहिए। अगर यह कानून गलत हैं तो फिर या तो इन्हें वापस लिया जाए या फिर संशोधन किया जाए। पूर्व हाकी खिलाड़ी ने कहा कि प्रधानमंत्री जब भारतीय सेना के जवानों के पास जा सकते हैं तो किसानों के पास जाने में क्या दिक्कत है। किसानों की समस्याओं को हल किया जाना चाहिए। गौरतलब है कि अजीत नांदल ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत 21 लड़कियों को गोद लेकर उनकी पढ़ाई का खर्च उठा रहे हैं।