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संविधान के अनुच्छेद 39ए में सभी के लिए न्याय सुनिश्चित : राजबीर

संवाद सहयोगी, कलानौर : राष्ट्रीय विधिक सेवाएं प्राधिकरण की तरफ से डोर-टू-डोर कार्यक्रम

By JagranEdited By: Published: Sun, 18 Nov 2018 06:47 PM (IST)Updated: Sun, 18 Nov 2018 06:47 PM (IST)
संविधान के अनुच्छेद 39ए में सभी के लिए न्याय सुनिश्चित : राजबीर
संविधान के अनुच्छेद 39ए में सभी के लिए न्याय सुनिश्चित : राजबीर

संवाद सहयोगी, कलानौर : राष्ट्रीय विधिक सेवाएं प्राधिकरण की तरफ से डोर-टू-डोर कार्यक्रम के तहत कस्बे के गांव सांगाहेडा व बसाना में कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर वरिष्ठ अधिवक्ता राजबीर कश्यप ने ग्रामीणों को घर-घर जाकर न्याय सबके लिए और निशुल्क कानूनी सहायता के विषय में विस्तार से जानकारी दी। इस दौरान उन्होंने बताया कि भारत के किसी भी नागरिक को आर्थिक या अन्य अयोग्यता के आधार पर न्याय प्राप्त करने से व¨चत नहीं किया जा सकता है। भारतीय स¨वधान में एक क्रांतिकारी व्यवस्था करते हुए संविधान के अनुच्छेद 39ए में सभी के लिए न्याय सुनिश्चित किया गया है। संविधान के अनुच्छेद 14 और 21(1) के तहत हर राज्य का यह कर्तव्य है कि न्याय के संबंध में सबके लिए समान अवसर सुनिश्चित करें और समानता के आधार पर समाज के कमजोर वर्गों को सक्षम विधिक सेवाएं प्रदान करने के लिए एक तंत्र की स्थापना करे। इसी के तहत विधिक सेवाएं प्राधिकरण अधिनियम 1987 पारित किया गया है। जिसके तहत महिलाऐं और बच्चे, अनुसूचित जाति व जनजाति के सदस्य, औद्योगिक श्रमिक, आपदा के शिकार लोग, विकलांग व्यक्ति, हिरासत में रखे गए व्यक्ति, ऐसे व्यक्ति जिनकी सालाना आय तीन लाख रुपये से कम है। एचआइवी-एड्स पीड़ित, वरिष्ठ नागरिक, स्वतंत्रता सेनानी आदि निशुल्क कानूनी सहायता प्राप्त करने के पात्र हैं। इस अवसर पर पीएलवी माया देवी, सांगाहेडा के सरपंच रामअवतार शर्मा और गांव बसाना के नागरिक मौजूद रहे।

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