Jat Reservation के लिए फिर होने लगे सक्रिय, यशपाल मलिक ने सरकार को दिया अल्टीमेटम
आरक्षण व केस वापसी की मांग को लेकर जाट एक बार फिर सक्रिय होने लगे हैं। उन्होंने इसके लिए सरकार को एक माह का समय दिया है।
जेएनएन, रोहतक। अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति की तरफ से जसिया गांव के छोटूराम धाम पर चौधरी छोटूराम जयंती समारोह मनाया गया। समारोह में कई प्रदेशों के लोगों ने भाग लिया। समारोह में निर्णय लिया गया कि जाट आरक्षण (Jat Reservation) और केस वापसी समेत अन्य मांगों को लेकर दिसंबर माह के आखिरी सप्ताह में आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी।
समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक ने कहा कि अब प्रदेश में नई सरकार का गठन हो चुका है। प्रदेश की जनता ने उन जाट विधायकों और गैर जाट विधायकों को नकार दिया है, जिन्होंने अपनी राजनीतिक मंशा के लिए भाईचारा बिगाड़ा है। अब नई सरकार से मांग की जाती है कि आंदोलन के दौरान दर्ज हुए सभी केसों को वापस लिया जाए और जिन केसों पर कोर्ट में स्टे है, कोर्ट को सही स्थिति से अवगत कराकर उन्हें भी वापस लिया जाए।
उन्होंने कहा कि सरकार ने जाट समाज को बीसी-सी में दिया जाने वाले आरक्षण बिल को वापस ले लिया था, इस पर भी संज्ञान लिया जाए। आंदोलन के दौरान मृतक आश्रितों को भी नौकरी का आश्वासन दिया गया था, लेकिन उस मांग को पूरा नहीं किया गया। इसके अलावा हरियाणा में एसबी-सी आरक्षण रहते हुए सभी 6 जातियों के जिन अभ्यर्थियों का सलेक्शन हुआ था, उन्हें तत्काल नौकरी पर ज्वाइन कराया जाए। निर्णय लिया गया कि यदि दिसंबर माह के आखिर तक सरकार ने इन मांगों को पूरा नहीं किया तो राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक कर आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी और फिर देशव्यापी आंदोलन की घोषणा कर दी जाएगी।
बता दें, मनोहर लाल सरकार के पिछले कार्यकाल में जाटों ने आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन किया है। बाद में आंदोलन ने हिंसक रूप ले लिया था। इस हिंसा में कुछ जाटों पर केस दर्ज हुआ था। इसके बाद यह राजनीतिक मुद्दा बन गया। विधानसभा चुनाव परिणामों में भी जाटों की नाराजगी साफ दिखी। अब एक बार फिर जाट अपनी मांगों को लेकर सक्रिय हो गए हैं।
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