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अंतरराज्जीय वाहन चोर गिरोह बिहार और नेपाल में ले जाकर बेचते थे गाड़ी

अर्बन एस्टेट थाना पुलिस की गिरफ्त में आए अंतरराज्जीय वाहन चोर गिरोह की जड़े हरियाणा के अलावा यूपी पंजाब बिहार और नेपाल तक फैली हुई है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 08 Apr 2021 06:53 AM (IST)Updated: Thu, 08 Apr 2021 06:53 AM (IST)
अंतरराज्जीय वाहन चोर गिरोह बिहार और नेपाल में ले जाकर बेचते थे गाड़ी
अंतरराज्जीय वाहन चोर गिरोह बिहार और नेपाल में ले जाकर बेचते थे गाड़ी

जागरण संवाददाता, रोहतक : अर्बन एस्टेट थाना पुलिस की गिरफ्त में आए अंतरराज्जीय वाहन चोर गिरोह की जड़े हरियाणा के अलावा, यूपी, पंजाब, बिहार और नेपाल तक फैली हुई है। आरोपितों से पूछताछ में बड़ा पर्दाफाश हुआ है। गिरोह के सदस्य दिन के समय महिला से लग्जरी गाड़ियों की रेकी कराते थे, जिसके बाद रात में गाड़ी का शीशा तोड़कर उसे चोरी कर लेते थे। आरोपितों पर रोहतक, पानीपत, ऋषिकेश, पंजाब और यूपी के कुशीनगर में करीब 35 मामले दर्ज हैं। चोरी करने के बाद आरोपित उसे बिहार के मुजफ्फरपुर और नेपाल में ले जाकर बेच देते थे। आरोपितों की निशानदेही पर पुलिस ने बुधवार को सरगना की निशानदेही पर पानीपत के प्रीत विहार कालोनी से डुप्लीकेट चाबी बनाने वाला स्कैनर बरामद किया है। यह था मामला

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सेक्टर-14 एरिया से लग्जरी कार चोरी के मामले में चौकी प्रभारी एएसआइ प्रदीप कुमार जांच कर रहे हैं। जांच में पता चला कि वारदात में शामिल आरोपितों को उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले की पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इसके बाद पुलिस ने एक महिला समेत सात आरोपितों को प्रोडक्शन वारंट पर लेकर गिरफ्तार किया। जिन्हें दो दिन के रिमांड पर लेकर पूछताछ चल रही है। गिरोह का सगरना सोनीपत के केलाना गांव निवासी अक्षय है, जो फिलहाल पानीपत की प्रीत विहार कालोनी में किराये पर रहता है। गिरोह में उसके अलावा पत्नी मीना, दिल्ली के बाकनेर नरेला निवासी आतिश, पानीपत के मॉडल टाउन निवासी जगदीप उर्फ जग्गी व सागर, पानीपत के सिवाह निवासी तालिद्र, सोनीपत के रेड्डा बस्ती निवासी जयपाल उर्फ इमरान शामिल है। इस तरीके से करते थे गाड़ी चोरी

अर्बन एस्टेट थाना प्रभारी प्रहलाद सिंह ने बताया कि एएसआइ प्रदीप ने पूरे मामले की जांच की। इसमें पता चला कि आरोपित अपने पास स्कैनर रखते थे। गिरोह में शामिल मीना दिन के समय रेकी कर लेती थी। जिसके बाद आरोपित रात के समय वहां पहुंचकर सबसे पहले गाड़ी का शीशा तोड़ते थे। शीशा तोड़ने के बाद गाड़ी के डेसबोर्ड पर स्कैनर रखकर उसकी दो मिनट के अंदर डुप्लीकेट चाबी तैयार कर देते थे। गाड़ी चोरी करने के बाद आरोपित उसे चार से पांच दिन दूसरे जिले में ले जाकर छिपा देते थे। इसके बाद उस गाड़ी को बिहार के मुजफ्फरपुर और नेपाल में ले जाकर बेच देते थे। आरोपितों के निशाने पर अधिकतर ऐसी कंपनी की गाड़ियां रहती है जिनकी मार्केट में काफी डिमांड होती है। इन वारदातों को कबूला

आरोपितों ने अधिकतर वारदात पानीपत, ऋषिकेश, पंजाब और यूपी के कुशीनगर व देवरिया जिले में कर रखी है। उन्होंने पांच वारदात रोहतक में भी कबूली है। इसमें तीन अर्बन एस्टेट, एक आर्य नगर और शिवाजी कालोनी एरिया की वारदात शामिल है।


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