फसल अवशेष जलाने की बजाय मिट्टी में मिलाएं, किसानों का बढ़ेगा मुनाफा : डा. कंबोज
जागरण संवाददाता रोहतक फसल अवशेष को जलाने के बजाय उन्हें मिट्टी में मिलाने का कार्य कर
जागरण संवाददाता, रोहतक :
फसल अवशेष को जलाने के बजाय उन्हें मिट्टी में मिलाने का कार्य करें। इससे न केवल खेती पर लागत कम होगी बल्कि फसल का उत्पादन भी बढ़ेगा और किसानों की आय में वृद्धि भी हो सकेगी। यह आह्वान चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कुलपति डा. बीआर कंबोज ने किसानों से किया है।
वे शुक्रवार को रोहतक स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में लगाए गए किसान मेले में बतौर मुख्यातिथि संबोधित कर रहे थे। डा. कंबोज ने कहा कि फसल अवशेष जमीन का जीवन है। फसल अवशेषों में असंख्य जीवाणु होते हैं और खेती से संबंधित बीमारी को समाप्त कर देते हैं। उन्होंने कहा कि फसल अवशेष जीवाणुओं का भोजन होते हैं और वे इस भोजन को पौधों की जड़ तक लेकर जाते हैं। फसल अवशेषों का सदुपयोग करके रसायनिक खादों से बचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि खेती में रसायनों का कम प्रयोग होगा तो कृषि उत्पादनों में गुणवत्ता और पैदावार बढ़ेगी। पैसे की बचत होगी, जमीन की ताकत बढ़ेगी और मनुष्य की स्वस्थ रहेंगे। फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर ही किसान मेले का आयोजन किया गया है। मेले में आधुनिक मशीनों का प्रदर्शन किया गया है। किसानों को आधुनिक कृषि तकनीक की जानकारी दी गई।
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चावल के छिलके की बनाई जाएगी राखी
उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय का एक अंतरराष्ट्रीय संस्थान के साथ समझौता हुआ, जिसके तहत चावल के छिलके की राखी बनाई जाएगी। उससे बनने वाली खाद में 18 से 36 प्रतिशत पोटाश मिलेगा। उन्होंने कहा कि इस कार्य से 7000 करोड़ रुपए की बचत होगी। हैप्पी सीडर, सुपर सीडर को उन्होंने एक बेहतरीन मशीन बताया और कहा कि कम खर्च में अधिक पैदावार इन मशीनों के माध्यम से ली जा सकती है। किसान मेले में 460 से अधिक प्रगतिशील किसानों ने भाग लिया।
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प्रगतिशील महिला एवं किसानों को किया सम्मानित
मुख्य अतिथि कुलपति प्रोफेसर बीआर कंबोज ने नो प्रगतिशील महिला एवं किसानों को सम्मानित किया। सम्मानित होने वाले किसानों में टिटोली के विनोद, बलियाना के यशपाल, कान्ही के रविद्र, माडौधी जाटान के राजकुमार, अजायब के सुरेश, रिठाल के अंकित, डोभ के प्रदीप व समचाना की मंजू और करौंथा की मीना शामिल है। उन्होंने फसल अवशेष प्रबंधन तकनीकी जानकारी पत्रिका का विमोचन भी किया।
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कार्यक्रम में मुख्य रूप से ये रहे मौजूद
कार्यक्रम में कृषि विश्वविद्यालय हिसार के विस्तार शिक्षा निदेशक डा. रामनिवास, कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ संयोजक डा जेके भंदाल, डाक्टर मीनाक्षी सांगवान, यशपाल सिंह सोलंकी, डा. आरएस मलिक, इंजीनियर जेएम वधवा, इंजीनियर विजय कुंडू, डाक्टर सुनील ढांडा, डाक्टर उमेश शर्मा, डाक्टर बीपी राणा, डाक्टर सूबे सिंह, डाक्टर जगत सिंह, रामकरण, डाक्टर राजपाल देशवाल, दिलबाग अहलावत व डाक्टर मीणा सहवाग आदि मौजूद थे।