कोविड-19 से सबसे प्रभावित 10 देशों में भारत की स्थिति बेहतर, कंफर्म केस पर अन्य देशों की अपेक्षा मृत्यु दर बेहद कम
कोविड-19 की दूसरी लहर में संक्रमितों की संख्या अप्रत्याशित रूप से बढ़ी जरूर लेकिन यूरोपियन देशों से भारत की स्थिति बेहतर है। नए केसों की संख्या हो या मृत्यु दर दोनों ही पहलुओं में भारत अपेक्षाकृत बेहतर रहा है। कोरोना संक्रमण से सबसे अधिक प्रभावित 10 देशों और भारत के तुलनात्मक अध्ययन में यह तथ्य सामने आए हैं। भारतीय प्रबंधन संस्थान (आइआइएम रोहतक) के निदेशक डा. धीरज शर्मा प्रो. रीमा मंडल और दीपांशु गौड़ ने जनसंख्या के अनुसार नए केस और मृत्यु दर पर शोध किया है।
केएस मोबिन, रोहतक :
कोविड-19 की दूसरी लहर में संक्रमितों की संख्या अप्रत्याशित रूप से बढ़ी जरूर, लेकिन यूरोपियन देशों से भारत की स्थिति बेहतर है। नए केसों की संख्या हो या मृत्यु दर दोनों ही पहलुओं में भारत अपेक्षाकृत बेहतर रहा है। कोरोना संक्रमण से सबसे अधिक प्रभावित 10 देशों और भारत के तुलनात्मक अध्ययन में यह तथ्य सामने आए हैं। भारतीय प्रबंधन संस्थान (आइआइएम रोहतक) के निदेशक डा. धीरज शर्मा, प्रो. रीमा मंडल और दीपांशु गौड़ ने जनसंख्या के अनुसार नए केस और मृत्यु दर पर शोध किया है। भारत में जहां कोरोना की दूसरी लहर चल रही है, वहीं सबसे ज्यादा प्रभावित इटली और यूके कोरोना की तीन लहरों का सामना कर चुके हैं। आइआइएम प्रोफेसर्स के शोध के अनुसार पहली लहर के दौरान यूके में पीक के दिन नए कोविड केस 0.008 फीसद रहे। इटली में यह 0.011 फीसद, जबकि भारत में महज 0.007 फीसद नए कोरोना संक्रमित मिले। दूसरी लहर में यूके में पीक के दिन 0.050 फीसद नए केस आए, इटली में 0.068 फीसद, जबकि भारत में अभी तक एक दिन में सबसे ज्यादा 0.0416 फीसद केस रिपोर्ट हुए हैं। मृत्यु दर की बात की जाए तो इटली, यूके और अमेरिका सहित अन्य प्रभावित देशों में भारत में मृत्यु दर सबसे कम रही है। कंफर्म कोरोना केस और मौत के आंकड़ों को देखें तो भारत में मृत्यु दर 1.09 फीसद रही। अमेरिका में मृत्यु दर 1.78 फीसद, फ्रांस में 1.84 फीसद और इटली में 2.99 फीसद मृत्यु दर रही है। प्रति एक लाख नागरिकों पर भारत में 19 कोरोना संक्रमितों की मौत हुई। इटली में 205, यूके में 188, अमेरिका में 181 और फ्रांस में 164 संक्रमितों ने दम तोड़ दिया। शोध में मई अंत तक आ सकती है दूसरी लहर की पीक
शोधार्थियों ने कोरोना संक्रमण के प्रतिदिन के रुझानों को देखते हुए भारत में मई और जून 2021 के आंकड़ों का अनुमान लगाया। सबसे खराब स्थिति में चार लाख 50 हजार नए केस का अनुमान है। इसके लिए अरीमा (ऑटोरिग्रेसिव इंटीग्रेटेड मूविग एवरेज) मॉडल का इस्तेमाल किया गया। दूसरी लहर की पीक मई मध्य से मई अंत तक अपेक्षित है। शोध के निष्कर्षाें के लिए सभी देशों में वैक्सीनेशन ट्रेंड को भी शामिल किया गया। शोध में भारत के अलावा बेल्जियम, इटली, यूके, अमेरिका, फ्रांस, स्वीडन, स्विजरलैंड, ऑस्ट्रिया और जर्मनी में कोरोना संक्रमण की स्थिति का अध्ययन किया गया। यह सुझाव दिए।
- महामारी में सेवाएं दे रहे फ्रंटलाइन वर्कर की संख्या बढ़ाई जाए। सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी वर्कर को शामिल किया जा सकता है। फाइनल ईयर मेडिकल और नर्सिंग स्टूडेंट को भी लाइसेंस दिए जाएं। - आक्सीजन लीकेज और चोरी की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए ऑडिट की व्यवस्था की जाए। सीसीटीवी और लॉगबुक के जरिए नागरिक अस्पतालों में 40 से 50 फीसद तक आक्सीजन की खपत कम हुई है। - बेहतर सुविधाओं से लैस शैक्षणिक संस्थान, धार्मिक स्थान, स्पोर्ट्स सुविधाओं, और कम्युनिटी सेंटर को कोविड केयर सेंटर बनाया जाए। इम्युनिटी बढ़ाने में मददगार आयुर्वेदिक काढ़े संक्रमितों के लिए उपलब्ध कराया जाए। - यूएई की तर्ज पर सड़कों, इमारतों और ट्रांसपोर्ट को रात के समय सैनिटाइज कराने का राष्ट्रीय स्तर पर अभियान चलाया जाए। रात आठ बजे से सुबह छह बजे तक आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी प्रकार का आवागमन बंद रखा जाए।