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पानीपत के ओल्ड इंडस्ट्री के अफसरों ने बिगाड़े हालात

पानीपत के ओल्ड इंडस्ट्रियल एरिया में सड़क निर्माण का काम बीच में छोड़ दिया गया है। तीन साल पहले प्रदेश सरकार ने 31 करोड़ का बजट सौंपा। फंड भी उद्योग विभाग को उपलब्ध करा दिया। उसके बावजूद ओल्ड इंडस्ट्रियल एरिया में सड़कें नाले टूटे पड़े हैं। स्ट्रीट लाइटें नहीं लगी हैं। लाखों रुपये का राजस्व करोड़ों की विदेशी मुद्रा देने वाले औद्योगिक क्षेत्र में उद्योगों में आने जाने के रास्ते भी नहीं हैं। माल से भरी गाड़ियां आए दिन पलट रही हैं। दैनिक जागरण ने औद्योगिक एरिया में रहने वाले लोगों से लेकर पार्षदों शहरवासियों से सवाल पूछा कि इस हालात के लिए जिम्मेदार कौन है। इस पर जवाब ये आया कि सरकार की नीति ठीक थी। अफसरशाही ने बंटाधार कर दिया है। विभागीय अधिकारी सबसे ज्यादा जिम्मेदार हैं। साथ ही लोग ये भी जोड़ते हैं कि नेताओं को समीक्षा करनी चाहिए थी। इस हालात को अब भी सुधारा जा सकता है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 25 Jan 2021 08:41 AM (IST)Updated: Mon, 25 Jan 2021 08:41 AM (IST)
पानीपत के ओल्ड इंडस्ट्री के अफसरों ने बिगाड़े हालात
पानीपत के ओल्ड इंडस्ट्री के अफसरों ने बिगाड़े हालात

जागरण संवाददाता, पानीपत : ओल्ड इंडस्ट्रियल एरिया में सड़क निर्माण का काम बीच में छोड़ दिया गया है। तीन साल पहले प्रदेश सरकार ने 31 करोड़ का बजट सौंपा। फंड भी उद्योग विभाग को उपलब्ध करा दिया। उसके बावजूद ओल्ड इंडस्ट्रियल एरिया में सड़कें, नाले टूटे पड़े हैं। स्ट्रीट लाइटें नहीं लगी हैं। लाखों रुपये का राजस्व, करोड़ों की विदेशी मुद्रा देने वाले औद्योगिक क्षेत्र में उद्योगों में आने जाने के रास्ते भी नहीं हैं। माल से भरी गाड़ियां आए दिन पलट रही हैं। दैनिक जागरण ने औद्योगिक एरिया में रहने वाले लोगों से लेकर पार्षदों, शहरवासियों से सवाल पूछा कि इस हालात के लिए जिम्मेदार कौन है। इस पर जवाब ये आया कि सरकार की नीति ठीक थी। अफसरशाही ने बंटाधार कर दिया है। विभागीय अधिकारी सबसे ज्यादा जिम्मेदार हैं। साथ ही लोग ये भी जोड़ते हैं कि नेताओं को समीक्षा करनी चाहिए थी। इस हालात को अब भी सुधारा जा सकता है।

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वर्क आर्डर देने के बाद सड़क और नाले बनाने का काम शुरू किया गया। ठेकेदार ने सड़कों की खुदाई कर दी। सड़क व नाले बनाने का काम भी चालू हुआ, लेकिन आधे अधूरे नाले और अधूरी सड़के बीच में छोड़ दी गई। तीन महीने से काम बंद पड़ा है। 17 में से दो सड़कें बनानी शुरू की थीं, वे भी पूरी नहीं बनाई गई। गाड़ियों के पलटने का खतरा बना रहता है। ट्रांसपोर्टरों ने भी औद्योगिक एरिया में माल लाने ले जाने के लिए भाड़ा बढ़ा दिया है।

एचएसआइआइडीसी और उद्योग विभाग के बीच उलझा विकास

एचएसआइआइडीसी और उद्योग विभाग के बीच विकास कार्य उलझ गए हैं। सरकार ने फंड उद्योग विभाग को दिया है। कार्य का जिम्मा हरियाणा स्टेट इंडस्ट्रियल इंफ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट कारपोरेशन को दिया है। इन दिनों विभागों के अफसरों की खींचतान के चलते विकास कार्य बीच में लटके पड़े हैं।

एक साल से एक पैसा नहीं मिला

ठेकेदार गुलशन का कहना है कि एक साल से सड़कों व नाले के निर्माण का कार्य किया जा रहा है। एक भी पैसा नहीं दिया गया। ज्वाइंट इंस्पेक्शन का काम अधिकारियों का है। चार करोड़ का काम किया जा चुका है। लाकडाउन के चलते कच्चा माल नहीं मिला, इसीलिए निर्धारित समय पर काम पूरा नहीं हो पाया। कच्चे माल के दाम भी दोगुने हो गए। मुख्य रूप से सीमेंट लगता है 100 रुपये रेट प्रति बैग बढ़ चुका है। एक साल पहले कच्चा माल 24 रुपये फीट था, जो 44 पर पहुंच चुका है ।

औद्योगिक क्षेत्र में ट्रांसफार्मर सड़क पर

औद्योगिक क्षेत्र में सड़क पर रखे ट्रांसफार्मर हादसों को निमंत्रण दे रहे हैं। सड़क बनाने के लिए खुदाई हो चुकी है। सड़क पर रखे ट्रांसफार्मर के आसपास ही मिट्टी भी हटी हुई है। कभी भी हादसा हो सकता है। बिजली वितरण निगम का ध्यान नहीं। ठेकेदार ने सड़क अधूरी छोड़ दी है। चिता उद्योग चलाने वालों के जिम्मे छोड़ दी गई है।

सेक्टर 25 एसटीपी के लिए 21 करोड़ दिए, फिर भी निर्माण नहीं

औद्योगिक सेक्टर 25 पार्ट 1-2 में गंदे पानी को साफ करने के लिए तीन साल पहले सरकार ने 21 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की। 21 करोड़ का फंड भी उपलब्ध करवा दिया गया। एसटीपी (सीवर ट्रीटमेंट प्लांट) बनाने का काम शुरु नहीं हुआ। सेक्टर में उद्योगों का पानी सड़क पर जमा हो रहा है। बरसाती पानी की निकासी नहीं की जा रही। सड़कें पानी जमा होने के कारण टूटती जा रही है। चार साल पहले सेल्स टैक्स विभाग के सामने सेक्टर 25 पार्ट दो में मे तीन करोड़ की लागत से सड़क बनी थी अब पानी जमा होने से बढ़े-बढ़े गड्ढे हो चुके हैं।

हमारा क्या कसूर है

ओल्ड इंडस्ट्रियल एरिया एसोसिएशन के प्रधान विनोद ग्रोवर का कहना है कि हमें समझ ही नहीं आ रहा कि सरकार ने फंड उपलब्ध करवा दिया है। उसके बाद भी अफसर क्यों नहीं भुगतान करके यहां सड़क नाले बनवा रहे। अधिकारियों से पूछते हैं तो जवाब मिलता है फाइल हेड आफिस में जल्द भुगतान हो जाएगा। ठेकेदार का कहना है कि भुगतान न मिलने के कारण कैसे काम करवाएं। आखिर हमारा क्या कसूर है।

आज होगी बैठक : शहर के विधायक प्रमोद विज का कहना है कि ओल्ड इंडस्ट्रियल एरिया में रुके सड़कों नालों के निर्माण कार्यों को लेकर डीसी के साथ मीटिग सोमवार 25 जनवरी को होगी। इसमें एचएसआइआइडीसी, जिला उद्योग केंद्र, नगर निगम, उद्यमी, ठेकेदार, पब्लिक हेल्थ समेत अन्य विभागों के अधिकारी शामिल रहेंगे।


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