आरएसएस में नहीं होते तो मनाेहर मुख्यमंत्री नहीं बनते : बीरेंद्र
केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह का हरियाणा का मुख्यमंत्री नहीं बन पाने का दर्द यहां एक बार फिर छलक आया। उन्होंने यहां एक कार्यक्रम में कहा कि अगर मनोहर लाल आरएसएस में नहीं होते वह हरियाणा के मुख्यमंत्री नहीं बनते।
जागरण संवाददाता, रोहतक। केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह का हरियाणा का मुख्यमंत्री नहीं बन पाने का दर्द यहां एक बार फिर छलक आया। उन्होंने प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था व कला एवं संस्कृति पर साल उठाते हुए कह डाला कि अगर मनोहर लाल आरएसएस में नहीं होते तो वह हरियाणा के मुख्यमंत्री नहीं बनते। उन्हाेंने चंडीगढ़ के मुद्दे पर कहा कि किराये की राजधानी से सिस्टम को चलाना संभव नहीं है।
केंद्रीय मंत्री यहां विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल हुए। उन्होंने महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में आयोजित राष्ट्रीय गोष्ठी में कहा कि घर व गांव को छोड़े बिना सफलता संभव नहीं है। इसलिए बेहतरी के लिए गांव से बाहर निकलने की जरूरत है।
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उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल का उदाहरण देते हुए कहा कि अगर वह आरएसएस में नहीं होते तो आज मुख्यमंत्री भी नहीं होते। दीनबंधु चौधरी छोटूराम भी रोहतक से वकालत करने के लिए आगरा गए थे। इसलिए वह राष्ट्रीय नेता बने। राज्य का युवा घर से बाहर जाना ही नहीं चाहता, इसलिए विकास में पिछड़ता जा रहा है।
आर्थिक जुगाड़ हो जाए तो शहर की ओर पलायन कर लेना चाहिए
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि गांव में जिसका भी आर्थिक रूप से जुगाड़ हो जाए, उसे शहर की तरफ पलायन कर लेना चाहिए। अगर युवा गांव से बाहर शहर में जाएगा तो बेहतर प्रयास करेगा। जो गांव से शहर में आए तो वे दिल्ली पहुंचे और जो दिल्ली में थे, वे विदेशों में व्यापार कर रहे हैं।
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सिरसा में पानी की लाग, रोहतक बदली करवा दो
उन्होंने कहा कि प्रदेश के युवाओं की तो कहानी ही अलग है। अगर किसी तरह से नौकरी लग गई तो फिर नेताओं के पास तबादले की सिफारिश करने पहुंच जाएंगे। उन्होंने स्थानीय विधायक मनीष ग्रोवर की अोर रुख करते हुए कहा कि अगर इस तरह के लोगों की नौकरी लगवा दी तो फिर तीन माह बाद तबादला भी करना होगा। अगर रोहतक के युवा की नौकरी सिरसा में लग गई तो तीन माह बाद सिफारिश आएगी कि सिरसा के पानी की लाग है, इसलिए रोहतक में तबादला करवा दो।
शायद पहले बार में मेरी प्राथमिकता नहीं थी
जिला बार एसोसिएशन के कार्यक्रम में वकीलों को संबोधित करते हुए बीरेंद्र सिंह ने कहा कि लंबे समय बाद यहां आने का मौका मिला है। इसके पीछे शायद पहले मेरी प्राथमिकता नहीं थी। उनका पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की तरफ इशारा था। बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा रोहतक दौरे के दौरान अक्सर वकीलों के बीच पहुंच जाते थे। हुड्डा रोहतक बार एसोसिएशन के सदस्य भी हैं।
एक तो आपका और दूसरा हुड्डा का पद नहीं मिला है
केंद्रीय मंत्री ने भाजपा में शामिल होने के बाद प्रधानमंत्री के बुलावे का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनसे भलीभांति परिचित नहीं थे। राजनीतिक अनुभव के बारे में जब वह पूछने लगे तो कहा कि 48 वर्ष के राजनीतिक कार्यकाल में ऐसा कोई पद नहीं रहा, जिस पर नहीं रहे। लेकिन एक तो आपका पद यानि प्रधानमंत्री और दूसरा पद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का नहीं मिल पाया है। प्रधानमंत्री को जब उनके दीनबंधु चौधरी छोटूराम के नाती होने की जानकारी मिली तो उन्होंने हरियाणा और पंजाब के अपने प्रभार काल का जिक्र किया।