हेल्थ यूनिवर्सिटी कुलपति की शिकायत मामले में अब 19 अगस्त को होगी बहस
रोहतक पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डा. ओपी कालरा को फर्जी तरीके से क्लीयरेंस देने के मामले में डा. बिजेंद्र ढिल्लो की शिकायत पर शुक्रवार को कोर्ट में सुनवाई हुई।
जागरण संवाददाता, रोहतक : पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डा. ओपी कालरा को फर्जी तरीके से क्लीयरेंस देने के मामले में डा. बिजेंद्र ढिल्लो की शिकायत पर शुक्रवार को कोर्ट में सुनवाई हुई। जिला एवं सत्र न्यायाधीश की कोर्ट से मामले की सुनवाई के लिए 19 अगस्त की तारीख तय की गई है। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच बहस की जाएगी। जिसके बाद कोर्ट अग्रिम फैसला लेगा।
दरअसल, पंडित बीडी शर्मा हेल्थ यूनिवर्सिटी के कुलपति डा. ओपी कालरा ने एमसीआइ (मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया) के चेयरमैन पद के लिए आवेदन किया था। इसके लिए कुलपति को क्लीयरेंस सर्टिफिकेट चाहिए था। बताया जा रहा है कि हेल्थ यूनिवर्सिटी के सीवीओ डा. कुंदन मित्तल ने कुलपति को क्लीयरेंस सर्टिफिकेट जारी कर दिया था। इसके बाद डा. बिजेंद्र ढिल्लो ने कुलपति के खिलाफ विजिलेंस जांच लंबित होने के बाद भी क्लीयरेंस सर्टिफिकेट देने की शिकायत पुलिस से की थी। मामले में कार्रवाई न होने पर उन्होंने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। डा. ढिल्लो ने आरोप लगाया कि सीवीओ कुलपति के अधीन सीनियर प्रोफेसर के पद पर भी तैनात हैं। जिसके चलते उन्होंने निजी फायदे के लिए विजिलेंस जांच लंबित होने के बाद भी फर्जी प्रमाण पत्र जारी किया है। जिसके बाद कोर्ट ने मामले में पुलिस से रिपोर्ट मांगी थी और पुलिस ने सीवीओ से। जिस पर सीवीओ ने खुद जिम्मेदारी से भागते हुए क्लर्क पर दोष मढ़ खुद को जानकारी न देने का आरोप लगाया था। जबकि सीवीओ नियमों का पालन करते हुए संबंधित शाखा से जानकारी जुटाना भी शायद भूल गए थे। मामले में उन्होंने कुलपति के साथ ही सीवीओ डा. कुंदन मित्तल को भी पार्टी बनाया था। शुक्रवार को शिकायतकर्ता डा. बिजेंद्र ढिल्लो की ओर से अधिवक्ता पवन जांगड़ा, कुलपति की ओर से अधिवक्ता जेके गक्खड़ और सीवीओ की ओर से अधिवक्ता पीयूष गक्खड़ कोर्ट में पेश हुए।
हाईकोर्ट में 7 सितंबर को होगी सुनवाई
डा. बिजेंद्र ढिल्लो द्वारा हाईकोर्ट में खुद को बहाल न करने के मामले में वाद दायर किया हुआ है। वरिष्ठ अधिवक्ता आरके मलिक और गुंजन मेहता ने बताया कि कुलपति द्वारा डा. ढिल्लो के खिलाफ की गई जांच को स्वीकार नहीं किया है। जबकि जांच में उन्हें क्लीन चिट दे दी थी। इसके बाद कुलपति ने पूर्व आईएएस को जांच सौंपी थी। बताया कि हाईकोर्ट द्वारा फिलहाल जांच पर रोक लगाई है।