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जीएसटी साइट हो रही बार-बार हैंग, अब 23 तक जमा करा सकेंगे रिटर्न

जागरण संवाददाता रोहतक माल एवं सेवाकर (जीएसटी) की वेबसाइट हैंग होने से रिटर्न दाखिल क

By JagranEdited By: Published: Mon, 22 Apr 2019 04:00 AM (IST)Updated: Mon, 22 Apr 2019 06:32 AM (IST)
जीएसटी साइट हो रही बार-बार हैंग, अब 23 तक जमा करा सकेंगे रिटर्न
जीएसटी साइट हो रही बार-बार हैंग, अब 23 तक जमा करा सकेंगे रिटर्न

जागरण संवाददाता, रोहतक : माल एवं सेवाकर (जीएसटी) की वेबसाइट हैंग होने से रिटर्न दाखिल करने वालों के लिए मुसीबत खड़ी हो गई। शनिवार को रिटर्न दाखिल करने का आखिरी दिन था, जबकि पिछले दो दिनों से वेबसाइट पर काम नहीं हो रहा था। पिछले कई दिनों से भी यही दिक्कत है। कर विशेषज्ञों और अधिवक्ताओं की आपत्ति के बाद सरकार ने तीन दिन और बढ़ा दिए हैं। जीएसटी की वेबसाइट पर तारीख बढ़ने की जानकारी दी गई है।

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कर सलाहकार एडवोकेट अशोक जांगड़ा ने बताया है कि अभी जीएसटी 3बी का रिटर्न दाखिल हो रहा था। पिछले कई दिनों से वेबसाइट काम नहीं कर रही थी। इसलिए आनलाइन शिकायत की गई थी। यदि शिकायत नहीं करते तो बिना लेनदेन वाले खातों पर 30 रुपये और खरीद-बिक्री वाले खातों के लिए 50 रुपये रोजाना जुर्माना देना पड़ता। फिलहाल अगले तीन दिनों तक रिटर्न दाखिल होंगे। हालांकि सरकार से मांग की है कि लगातार शिकायतों के बावजूद भी तकनीकी खामियां दूर नहीं हो रही हैं। इससे कर विशेषज्ञों, व्यापारियों और दूसरे सभी लोगों का अतिरिक्त समय खर्च होता है। तकनीकी खामियां होनी चाहिए दूर

कर विशेषज्ञ अशोक जांगड़ा कहते हैं कि साइट पर डाटा सेव करने में भी कई बार दिक्कत होती है। आखिरी तारीख के दौरान सबसे ज्यादा वेबसाइट हैंग होती है। टैक्स सेट आफ होने के बाद भी कई बार डाटा फ्रिज हो जाता है। इससे रिटर्न दाखिल करने में भी देरी होती है। बैंक में जमा किया गया टैक्स जीएसटी साइट पर अपडेट होने में भी कई बार समय लगा देता है। इनका कहना है कि टैक्स से संबंधित सभी जानकारी तत्काल अपडेट हो जाएं तो कोई समस्या नहीं होगी। कर विशेषज्ञ मानते हैं कि समय पर टैक्स रिटर्न दाखिल न होने पर उद्यमी और व्यापारी परेशान होते हैं। इसलिए वेबसाइट की तकनीकी खामियां स्थाई तौर से दूर हों। खामी वेबसाइट की, 15 दिन अतिरिक्त बढ़नी चाहिए तारीख

कर अधिवक्ताओं ने मांग की है कि वेबसाइट की खामी है, जबकि दूसरे सभी लोगों को परेशान होना पड़ता है। वित्त मंत्रालय से मांग करते हुए कहा कि कम से कम आखिरी तारीख एक से दो सप्ताह आगे बढ़नी चाहिए। जो भी जुर्माना है, वह भी लेना नहीं चाहिए। इनका यह भी सुझाव है कि तकनीकी समस्याओं को निस्तारित करने के लिए हेल्प डेस्क बनाई गई है। इस हेल्प डेस्क की सेवाएं बेहतर हों, फोन नंबर लगाने पर समस्या का जल्द ही समाधान होना चाहिए।


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