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हरियाणा की तीन बेटियों का गोल्डन पंच

दुनिया में कोरोना महामारी के कहर के बीच प्रदेश के लिए सुखद खबर मिली है। पोलैंड में आयोजित युवा पुरुष और महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में हरियाणा की तीन बेटियों ने अपने दमदार प्रदर्शन से तीन गोल्ड मेडल देश की झोली में डाले हैं। बेटियां चैंपियनशिप में मुक्के बरसा रही थीं जबकि उनके घरों में स्वजन जश्न मना रहे थे। इन बेटियों ने अपने बेहतर खेल से सेलिब्रिटी को भी अपना मुरीद बना लिया है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 23 Apr 2021 08:26 AM (IST)Updated: Fri, 23 Apr 2021 08:26 AM (IST)
हरियाणा की तीन बेटियों का गोल्डन पंच
हरियाणा की तीन बेटियों का गोल्डन पंच

ओपी वशिष्ठ, रोहतक :

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दुनिया में कोरोना महामारी के कहर के बीच प्रदेश के लिए सुखद खबर मिली है। पोलैंड में आयोजित युवा पुरुष और महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में हरियाणा की तीन बेटियों ने अपने दमदार प्रदर्शन से तीन गोल्ड मेडल देश की झोली में डाले हैं। बेटियां चैंपियनशिप में मुक्के बरसा रही थीं जबकि उनके घरों में स्वजन जश्न मना रहे थे। इन बेटियों ने अपने बेहतर खेल से सेलिब्रिटी को भी अपना मुरीद बना लिया है। बॉलीवुड अभिनेता धर्मेंद्र के अलावा फरहान अख्तर, रणदीप हुड्डा, संग्राम सिंह इन बेटियों को सिल्वर मेडल जीतने पर ट्वीट करके हौसला आफजाई कर चुके हैं। रोहतक की गीतिका, हिसार की पूनम और पानीपत की विका के नाम पर यह उपलब्धि रही है।

बेटी गोल्ड जीतना, मां निराश नहीं करूंगी : गीतिका नरवाल

रोहतक के गांव रिठाल निवासी गीतिका नरवाल साधारण किसान परिवार से संबंध रखती है। तीन बहन और एक भाई हैं। मां सुमन और पिता सुंदर सिंह गांव में ही खेती-बाड़ी करके परिवार का गुजारा करते हैं। गीतिका ने वर्ष 2012 में गांव में ही भीम अकेडमी में बॉक्सिग सीखना शुरू किया। कुछ समय में ही बेहतर बॉक्सर हो गई। दो दिन पहले गीतिका ने सिल्वर मेडल हासिल किया था तो घर पर मां से फोन पर बात की। मां सुमन ने कहा बेटी देश के लिए गोल्ड जीतकर लाना। गीतिका ने कहा कि मां निराश नहीं करूंगी और देश के लिए गोल्ड जीतकर ही वापस लौटूंगी। मेरी लिए पसंद का दही-चूरमा तैयार रखना। कोच सुनील फौगाट और भीम फौगाट ने कहा कि गीतिका चैंपियनशिप में आक्रमक होकर खेली और सभी मुकाबलें एकतरफा जीते हैं। गीतिका ने 48 किग्रा पोलैंड की नतालिया डोमिनिका को एकतरफा अंदाज में 5-0 से शिकस्त देकर स्वर्ण पदक जीता।

गोल्ड जीतकर पूनम ने वायदा किया पूरा

हिसार के बुड़ाक गांव की पूनम पूनिया ने अपने कोच को दो दिन पहले गोल्ड जीतन का वायदा किया था। वीरवार को उसने अपना वायदा पूरा कर दिया। पूनम के घर में खुशी का माहौल है। पिता ओमप्रकाश पूनिया छोटे से किसान है। मां कौशल्य घर के काम देखती है। 2014 में पूनम ने बॉक्सिग खेलना शुरू किया। बड़ी बहन सोनू और छोटा भाई दीपक है। कोच महेंद्र ढाका से खेल की बारीकियां सीखने के बाद पूनम ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। मंगोलिया में हुई एशियन यूथ चैंपियनशिप में भी पूनम ने गोल्ड जीता था। इंडिया की पहली प्रोफेशनल बिग बाउट लीग की चैंपियन टीम अडानी की जीत में अहम योगदान पूनम का रहा था। पूनम ने 57 किग्रा वर्ग के फाइनल में स्टील्नी ग्रॉसी को 5-0 से करारी शिकस्त दी।


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