एमडीयू की लैब में कोरोना सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिग रुकी
महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (एमडीयू) स्थित नेक्सट जेनरेशन जीनोम सीक्वेंसिग लैबोरेट्री (जीएसएल) में कोरोना सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिग रुक गई है। बताया जा रहा है कि सैंपल की सीक्वेंसिग के लिए जिस रीएजेंट की जरूरत होती है वह लैबोरेट्री के पास नहीं है।
जागरण संवाददाता, रोहतक : महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (एमडीयू) स्थित नेक्सट जेनरेशन जीनोम सीक्वेंसिग लैबोरेट्री (जीएसएल) में कोरोना सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिग रुक गई है। बताया जा रहा है कि सैंपल की सीक्वेंसिग के लिए जिस रीएजेंट की जरूरत होती है वह लैबोरेट्री के पास नहीं है। ऐसे में पीजीआइ रोहतक की ओर से सैंपल भी लैब में नहीं भेजे जा रहे हैं। एमडीयू स्थित लैब और पीजीआइ के बीच सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिग के लिए करार हुआ है। कोरोना के ओमिक्रान वैरिएंट के बढ़ते केसों की संख्या को देखते हुए एमडीयू की लैब में शुरू हुई सीक्वेंसिग की सुविधा पीजीआइ व स्वास्थ्य विभाग के लिए भी अहम थी। एमडीयू की ओर से सीक्वेंसिग के बाद दो रिपोर्ट पहले ही जारी की जा चुकी हैं। पहली रिपोर्ट छह जनवरी को जारी हुई थी। जिसमें 103 सैंपल की सीक्वेंसिग में सात की पुष्टि ओमिक्रान की हुई थी। दूसरी रिपोर्ट में 26 सैंपल ओमिक्रान वैरिएंट के रहे। नवंबर 2021 में जीएसएल का उद्घाटन एमडीयू के कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने किया था। रीएजेंट की खरीद के लिए एक करोड़ की ग्रांट हुई थी मंजूर
प्रदेश सरकार की ओर से चार जनवरी को एमडीयू की आर्यभट्ट सेंट्रल इंस्ट्रूमेंटेशन लैब में स्थापित नेक्स्ट जेन जीएसएल के लिए एक करोड़ बाइस लाख नवासी हजार दो सौ अस्सी रुपये की ग्रांट मंजूर की गई थी। अगले छह माह में जीएसएल में तीन हजार सैंपल के सिक्वेंसिग रीएजेंट इस ग्रांट से खरीदे जाने थे। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने जीएसएल में जीनोम सिक्वेंसिग की प्रक्रिया के लिए जरूरी रीएजेंट्स और किट आदि के के लिए यह राशि स्वीकृत की थी। बता दें कि एमडीयू में स्थापित जीएसएल को इंडियन एसएआरएस-सीओवी 2 कंसोर्टियम (आइएनएसएसीओजी) में शामिल किया गया है।