गणपति की संध्या आरती और शंखवाद और भजनों से गूंजे पंडाल
जागरण संवाददाता, रोहतक : शहर में जगह-जगह चल रहे गणेश महोत्सव बृहस्पतिवार को आठवें
जागरण संवाददाता, रोहतक : शहर में जगह-जगह चल रहे गणेश महोत्सव बृहस्पतिवार को आठवें दिन धूमधाम से मनाया गया। पंडाल में सजी गणेश की प्रतिमा का विधि-विधान के साथ पूजन किया गया। गणेश उत्सव में भव्य आरती, शंखवाद और भजनों से शहर के पंडालों में गूंज रही। महोत्सव में शाम को भजन संध्या एवं विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए गए। --महिलाओं ने बप्पा को बांधी राखी श्री 78 संघ परिवार द्वारा आयोजित 12 दिवसीय गणेश महोत्सव का आठवां दिन बड़े धूमधाम से मनाया गया। पंडाल में महिलाओं को मेहंदी लगाई गई और महिलाओं द्वारा बप्पा को राखी बांधी। वहीं बाबा के पंडाल को फूल बंगला के तर्ज पर सजाया गया। गणेश जी की महाआरती के बाद गणेश जी का झूला महोत्सव बनाया गया। विशिष्ट अतिथि राजेश जैन व सांसद दीपेंद्र ¨सह हुड्डा व पूर्व विधायक भारत भूषण बतरा ने बप्पा का आशीर्वाद लेकर गणपति को झूला झूलाया। भजन संध्या में अनिल, सुनील तिलकधारी हिसार वालों द्वारा मनमोहक झांकियां प्रस्तुत की गई जिसमें भक्तों ने बहुत आनंद उठाया। --पें¨टग प्रतियोगिता का आयोजन
विश्व मैत्री मिशन महिला मंडल द्वारा आयोजित गणेश उत्सव के आठवें दिन बच्चों की पें¨टग प्रतियोगिता कराई गई। बच्चों ने पें¨टग के माध्यम से स्वच्छ अभियान, बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ और गणपति की सुंदर सुंदर पें¨टग बनाई और अपनी प्रतिभा को उजागर किया। पें¨टग प्रतियोगिता में बोबी प्रथम, खुशी द्वितीय रही। शाम के समय में भव्य आरती में नीतू, शालू, रोमा, संतोष, मंजू गर्ग, नीरू, सविता, प्रिया मौजूद रही। --किया प्रथम पूज्य देव का गुणगान विश्वकर्मा युवा मंडल की तरफ से विश्वकर्मा पार्क में आयोजित गणेश उत्सव के दौरान कीर्तन के माध्यम से बप्पा का गुणगान किया गया। कीर्तन में श्रद्धालुओं ने बप्पा के भजनों पर जमकर नृत्य किया और पूरे भक्ति भाव से बप्पा को मनाया। इस दौरान भजन कलाकारों ने अपनी मधुर आवाज में बप्पा का गुणगान करते हुए श्रद्धालुओं को झूमने पर विवश कर दिया। ---भागवत कथा के छठे दिन रुक्मिणी का विवाह वैदिक सेवा ट्रस्ट द्वारा मॉडल टाउन में गणपति महोत्सव महोत्सव में आठवें दिन और श्रीमद् भागवत कथा के छठे दिन की कथा का शुभारंभ स्वामी कमल पुरी महाराज व याज्ञिक आचार्य धर्मवीर प्रसाद वेदपाठी के सानिध्य मे विकास गोयल, पवन खराकिया ने दीप प्रज्जवलित कर किया। कथा वाचक देव कृष्ण ने बताया कि महाराज भीष्म अपनी पुत्री रुक्मिणी का विवाह श्रीकृष्ण से करना चाहते थे, लेकिन उनका पुत्र रुक्मणी राजी नहीं था। वह रुक्मिणी का विवाह शिशुपाल से करना चाहता था। रुक्मिणी इसके लिए जारी नहीं थीं। विवाह की रस्म के अनुसार जब रुक्मिणी माता पूजन के लिए आई तब श्रीकृष्ण उन्हें अपने रथ में बिठा कर ले गए। रुक्मिणी का विवाह श्रीकृष्ण के साथ हुआ। ऐसी लीला भगवान के सिवाय दुनिया में कोई नहीं कर सकता। ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष संजय मलिक ने बताया कि पंडाल में मेहंदी प्रतियोगिता एवं भजन-कविता प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमे प्रतिभागियों ने उत्साह के साथ भाग लिया। इस अवसर पर आचार्य महाबीर शास्त्री, आचार्य विनोद कृष्ण, आदीश जैन, संजय मलिक, सतीस पंसारी, संजय गुप्ता, सुनील अग्रवाल, राकेश वर्मा,मनोज गोयल ,गणेश गोयल, हरिओम, जयंत कुमार, योगेश बंसल, गिरिश गुलटी, जसबीर कोचर, पंकज अरोड़ा,नीरज वर्मा,सुशील मलिक,चिराग पाहवा,मनोज जैन,पंकज ¨सघल आदि उपस्थित रहे।