सशक्तीकरण का माध्यम है खेल : प्रो. राजबीर
जागरण संवाददाता, रोहतक : खेल सशक्तीकरण का माध्यम है। खेल अनुशासन, टीम भावना, नेतृत्व कौश
जागरण संवाददाता, रोहतक : खेल सशक्तीकरण का माध्यम है। खेल अनुशासन, टीम भावना, नेतृत्व कौशल विकसित करने में सहायक होता है। चरित्र निर्माण का कार्य भी खेल गतिविधियों में प्रतिभागिता से होता है। खेल को व्यक्तित्व निर्माण व करियर निर्माण का माध्यम बनाया जाना चाहिए। ये बातें बुधवार को मदवि के कुलपति प्रो. राजबीर ¨सह ने कहीं। वह छह दिवसीय अखिल भारतीय अंतर विश्वविद्यालय कराटे (पुरुष एवं महिला) चैंपियनशिप 2018-2019 का शुभारंभ के बाद खिलाड़ियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने प्रतिभागियों से खेल भावना के साथ खेलने का आह्वान किया।
खेल निदेशक डा. डीएस ढुल ने स्वागत भाषण दिया और प्रतियोगिता की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह चैंपियनशिप 25 फरवरी तक चलेगी। प्रतिष्ठित हस्तियों को किया सम्मानित
उद्घाटन समारोह में प्रतिष्ठित लोक गायक रामकेश जीवनपुरिया, उनकी बेटी नवोदित गायिका कविशी, प्रसिद्ध चिकित्सक डा. आदित्य बतरा, डा. अमित बतरा, नामी कबड्डी प्रशिक्षक जगपाल ¨सह को सम्मानित किया गया। नवोदित गायिका कविशी ने 'जिस दिन भारत देश में..' गीत की प्रस्तुति दी। गायक रामकेश जीवन पुरिया और केडी-एमडी ने भी प्रस्तुतियां दी। इस अवसर पर एमडीयू खेल बोर्ड के अध्यक्ष डा. सतीश आहूजा, वाको इंडिया किक बा¨क्सग फेडरेशन के अध्यक्ष संतोष कुमार अग्रवाल, हरियाणा कराटे एसोसिएशन के अध्यक्ष पंकज शर्मा, सचिव योगेश कालड़ा, संदीप जैन, उप निदेशक खेल डा. शंकुतला, प्रो. आरपी. गर्ग, निदेशक जनसंपर्क सुनित मुखर्जी, सहायक कुलसचिव महेन्द्र पाल, प्रतिभागी टीमों के प्रशिक्षक एवं प्रबंधक आदि उपस्थित रहे।