Move to Jagran APP

कृषि कानूनों के विरोध में आज से आमरण अनशन पर बैठेंगे भाकियू के जिलाध्यक्ष

तीन कृषि कानूनों के विरोध में भारतीय किसान यूनियन अंबावता के जिला अध्यक्ष रणधीर उर्फ काला एक अप्रैल से मकडौली टोल प्लाजा पर आमरण अनशन पर बैठेंगे।

By JagranEdited By: Published: Thu, 01 Apr 2021 06:10 AM (IST)Updated: Thu, 01 Apr 2021 06:10 AM (IST)
कृषि कानूनों के विरोध में आज से आमरण अनशन पर बैठेंगे भाकियू के जिलाध्यक्ष
कृषि कानूनों के विरोध में आज से आमरण अनशन पर बैठेंगे भाकियू के जिलाध्यक्ष

जागरण संवाददाता, रोहतक : तीन कृषि कानूनों के विरोध में भारतीय किसान यूनियन अंबावता के जिला अध्यक्ष रणधीर उर्फ काला एक अप्रैल से मकडौली टोल प्लाजा पर आमरण अनशन पर बैठेंगे। भारतीय किसान यूनियन अंबावता के प्रदेश अध्यक्ष अनिल नांदल उर्फ बल्लू प्रधान ने बुधवार को मैना टूरिस्ट कांप्लेक्स में प्रेसवार्ता में यह बात कही। रणधीर उर्फ काला ने कहा कि जब तक केंद्र सरकार इन तीन कृषि कानूनों को वापस नहीं करेगी तब तक वे अपना अनशन जारी रखेंगे। इसके साथ साथ संगठन को मजबूत करने के लिए प्रदेश अध्यक्ष बल्लू प्रधान ने भारतीय किसान यूनियन अंबावता के प्रदेश संगठन सचिव पद पर चांद सिंह कुंडू की नियुक्ति की। उनको इसका प्रमाण पत्र भी सौंपा गया। कुंडू ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष ऋषि पाल अंबावता व हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष अनिल नांदल उर्फ बल्लू प्रधान ने उन पर जो विश्वास जताया है। उस पर वे खरा उतरने का प्रयास करेंगे। बल्लू प्रधान ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर तमाम किसान आगामी पांच अप्रैल को एफसीआइ के कार्यालयों का घेराव करेंगे। सरकार से सभी फसलों पर एमएसपी रेट तय करने की व तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करेंगे। इस अवसर पर जोरा सिंह, राजू उर्फ राजकुमार मकडौली, रणवीर सिंह, वेदपाल नंबरदार, मोहित बल्हारा, पवन रांगी, सतीश व छोटे लाल मौजूद रहे। टोल पर किसान का निधन

prime article banner

उधर, मकडौली टोल प्लाजा पर चल रहे अनिश्चितकालीन धरने पर एक किसान ओमप्रकाश का आकस्मिक निधन हो गया। जिससे तमाम किसानों में दुख है। बल्लू प्रधान ने कहा कि किसान की आत्मा शांति के लिए मिनट का मौन भी रखा गया। उन्होंने कहा कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे धरने पर 300 से अधिक किसान अपनी जान गवा चुके हैं। बल्लू ने कहा कि किसानों का ये बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा, जब तक इस कृषि विरोधी कृषि कानूनों को केंद्र सरकार वापस नहीं करेगी उनका आंदोलन यूं ही चलता रहेगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.