खाद्य सुरक्षा भविष्य में बड़ी चुनौती है : प्रो. राजन
जागरण संवाददाता रोहतक खाद्य सुरक्षा भविष्य में एक बड़ी चुनौती है जिससे निपटने लिए विश्व सम
जागरण संवाददाता, रोहतक :
खाद्य सुरक्षा भविष्य में एक बड़ी चुनौती है, जिससे निपटने लिए विश्व समुदाय को मिलकर समग्र प्रयास करने होंगे। यह बात महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के डीन, एकेडमिक एफेयर्स प्रो. अजय कुमार राजन ने कही। वह बृहस्पतिवार को फूड टेक्नोलॉजी विभाग द्वारा डीडीई कांफ्रेंस हॉल में-एमर्जिंग इस्यूज एंड ट्रेंड्स इन फूड सेफ्टी विषयक राष्ट्रीय सेमिनार के शुभारंभ अवसर पर बोल रहे थे।
प्रो. राजन ने कहा कि खाद्य पदार्थों में मिलावट नई बीमारियों को जन्म दे रहा है। जिससे निपटने के लिए खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने की जरूरत है। प्रो. राजन ने कहा कि स्वस्थ दिमाग, स्वस्थ शरीर और स्वस्थ जीवन के लिए स्वस्थ भोजन के महत्व बारे जानकारी होना अति जरूरी है। उन्होंने इस सेमिनार के आयोजन के लिए फूड टेक्नोलॉजी विभाग को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। फूड टेक्नोलॉजी विभाग के अध्यक्ष प्रो. बलजीत सिंह यादव ने स्वागत भाषण देते हुए सेमिनार की थीम पर प्रकाश डाला। उन्होंने फूड सिक्योरिटी इससे जुड़े मुद्दों को लेकर भविष्य की रूपरेखा को सामने रखा। आइएआरआइ, नई दिल्ली के प्रिसिपल वैज्ञानिक डा. राम अश्रे ने बतौर की-नोट स्पीकर सेमिनार में शिरकत की। डा. राम ने- सेफ्टी इस्यूज इन फ्रेश प्रोडयूज एंड प्रोसेसड प्राडक्ट्स विषय पर विशेष व्याख्यान दिया।
दूसरे सत्र में अतिथि वक्ता निफ्टम, कुंडली के डा. विजेन्द्र मिश्रा ने-रिस्क एनालसिस ऑफ कंटेमिनेंटस इन फूड सप्लाई चेन विषय पर अपनी बात रखी। तीसरे सत्र में अतिथि वक्ता विस्ता प्रोसेसड फूड्स, पंजाब के आपरेशन हेड परमदीप सिंह घुम्मन ने-बेसिक फूड सेफ्टी इन इंडस्ट्री विषय पर विशेष व्याख्यान दिया। चौथे सत्र में अतिथि वक्ता एसजीएस इंडिया प्रा. लि., गुरुग्राम के अरविद प्रताप सिंह ने- इन्शयोरिग फूड सेफ्टी थ्रू ग्लोबल बेस्ट प्रेक्टिस इन एग्रीकल्चर विषय पर विशेष जानकारी दी।
प्रो. बलजीत सिंह यादव ने अंत में आभार प्रदर्शन किया। इस अवसर जेनेटिक्स विभाग की अध्यक्ष प्रो. मीनाक्षी वशिष्ठ, पत्रकारिता विभाग के अध्यक्ष प्रो. हरीश कुमार, जूलोजी विभाग की अध्यक्ष प्रो. मीनाक्षी शर्मा, बायोकैमिस्ट्री विभाग के अध्यक्ष डा. राजेश डाबुर, मनोविज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रो. नवरत्न शर्मा, डा. संतोष तिवारी, डा. सुधीर कटारिया, डा. सुरेन्द्र यादव, डा. शक्ति सिंह, डा. नरेश कुमार समेत विवि के प्राध्यापकगण, शोधार्थी एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।