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दुर्घटना, मृत्यु या फिर दिव्यांग होने पर एक लाख रुपये की आर्थिक मदद मिलती : उपायुक्त

उपायुक्त कैप्टन मनोज कुमार ने बताया कि प्रदेश सरकार ने नागरिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से क्रियान्वित की जा रही।

By JagranEdited By: Published: Sun, 20 Dec 2020 08:25 AM (IST)Updated: Sun, 20 Dec 2020 08:25 AM (IST)
दुर्घटना, मृत्यु या फिर दिव्यांग होने पर एक लाख रुपये की आर्थिक मदद मिलती : उपायुक्त

जागरण संवाददाता, रोहतक : उपायुक्त कैप्टन मनोज कुमार ने बताया कि प्रदेश सरकार ने नागरिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से क्रियान्वित की जा रही डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी दुर्घटना सहायता योजना के तहत जिला में अब तक 114 लाभार्थियों को आर्थिक सहायता प्रदान की गई है। योजना के तहत राज्य के 18 वर्ष से 70 वर्ष तक की आयु वर्ग के व्यक्ति की दुर्घटना में मृत्यु या अपंगता होने पर एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करने का प्रावधान है।

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उपायुक्त ने बताया कि यह एक दुर्घटना बीमा योजना है। इस योजना के तहत दुर्घटना में मृत्यु और दुर्घटना के कारण दिव्यांगता होने पर एक लाख रुपये का बीमा कवर मिलता है। मृत्यु, रेल, सड़क या हवाई दुर्घटनाओं, दंगों, हड़ताल और आतंकवाद जैसी दुर्घटनाओं के कारण स्थायी विकलांगता, सांप के काटने, डूबने, विष, करंट लगने, ऊंचाई से गिरने, मकान या भवन के गिरने, अग्नि, विस्फोट, हत्या, जानवरों के हमले, भगदड़ और घुटन, पाला मारने, लू लगने, बिजली गिरने, जलने, भूख या भुखमरी (केवल मृत्यु) और प्रसव के दौरान मातृ मृत्यु जैसे मामलों में आर्थिक सहायता का प्रावधान है। उपायुक्त ने बताया कि दुर्घटना पीड़ित या पात्र संबंधी (मृत्यु के मामले में) आवेदन जिला समाज कल्याण अधिकारी के कार्यालय में किया जा सकता है। मृत्यु के मामले में, इस योजना के तहत जमा कराए जाने वाले दस्तावेजों में दावा फार्म, हरियाणा डोमिसाइल सर्टिफिकेट और सक्षम प्राधिकारी ने जारी राज्य में रिहायशी प्रमाण पत्र, दुर्घटना पीड़ित का आयु प्रमाण, दुर्घटना पीड़ित और पात्र रिश्तेदार (मृत्यु के मामले में) का आधार कार्ड, एफआइआर या पुलिस रोजनामचा रिपोर्ट, पोस्टमार्टम रिपोर्ट और मृत्यु प्रमाण पत्र और यदि दावेदार जीवित पति या पत्नी है तो इस आशय का हलफनामा, कि उसने पुनर्विवाह नहीं किया है, शामिल होंगे। उन्होंने बताया कि इसी तरह, विकलांगता के मामले में, जमा किए गए दस्तावेजों में दावा फार्म, हरियाणा रिहायशी प्रमाण पत्र और सक्षम प्राधिकारी की तरफ से राज्य में निवास का प्रमाण पत्र, आयु का प्रमाण, आधार कार्ड और विकलांगता की प्रतिशतता और उसके प्रकार की पुष्टि करते हुए सक्षम प्राधिकारी की तरफ जारी मेडिकल सर्टिफिकेट और मेडिको-लीगल रिपोर्ट शामिल होगी।


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