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फिल्म अभिनेता रणदीप हुड्डा ने लगाए 200 पौधे, हरियाणा दिवस पर दिया हरियाणवियों को विशेष संदेश

फिल्म अभिनेता रणदीप हुड्डा ने अपने पैतृक गांव जसिया में 200 पौधे लगाए। इसके साथ ही उन्होंने संदेश दिया कि गांव से शहर में जा बसे लोग यदि गांव की भलाई में छोटा-मोटा योगदान दें तो गांव भी तरक्की की रहा पर चल सकता है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Mon, 02 Nov 2020 10:16 AM (IST)Updated: Mon, 02 Nov 2020 04:50 PM (IST)
फिल्म अभिनेता रणदीप हुड्डा ने लगाए 200 पौधे, हरियाणा दिवस पर दिया हरियाणवियों को विशेष संदेश
फिल्म अभिनेता रणदीप हुड्डा की फाइल फोटो।

नई दिल्ली [बिजेंद्र बंसल]। फिल्म अभिनेता रणदीप हुड्डा (Randeep Hooda) ने हरियाणा दिवस पर अपने पैतृक गांव जसिया (रोहतक-गोहाना रोड स्थित) में 200 पौधेे लगाए और इन पेड़ों के रखरखाव के लिए दो लोगों को आर्थिक सहयोग कर जिम्मेदारी सौंपी। रणदीप ने हरियाणा दिवस पर लोगों से अपील की कि वे अपने पैतृक गांव साल में एक बार अवश्य आया करें। इस दौरान वे अपने गांव के जोहड़, स्कूल आदि में कुछ न कुछ काम अवश्य करवाएं।

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रणदीप ने हरियाणा में हरियाली को लेकर भी व्यंग्य किया तथा कहा कि हरियाणा नाम का है, इसमें हरियाली नाममात्र (महज 6 फीसद) की है। इसे बढ़ाने के लिए वे लोग जो कामधंधे के लिए शहर गए हुए हैं, वे साल में एक बार आकर अपने गांव में पेड़ उगाएं। रणदीप ने अपने इस संदेश की एक सेल्फी वीडियो भी जारी की है। वे इन दिनों अपनी फिल्म अनफेयर एंड लवली की बकाया शूटिंग करने हरियाणा के करनाल आए हुए हैं।

इससे पूर्व, फेसबुक पर लाइव हो रणदीप ने कुछ इस अंदाज में कहा, ''राम-राम, हरियाणा दिवस की शुभकामनाएं। एक बात मन में खटक रही है। गांव से शहर में जा बसे लोग यदि गांव की भलाई में छोटा-मोटा योगदान दें तो गांव भी तरक्की की रहा पर चल सकता है। तरक्की से मतलब है क्वालिटी ऑफ लाइफ का। यह बगैर रुपयों के भी लाई जा सकती है। एक आइडिया गांव का जीवन स्तर उठा सकता है। आज अपने गांव आया हूं, पिछले साल दादी गुजर गई थी। उनकी याद में यहां 200 पेड़ लगाएंगे। देखभाल के लिए गांव के युवाओं को नौकरी देंगे।'' 

रणदीप हुड्डा ने कहा कि गांव के जो लोग शहरों में जा बसे हैं, उन्हें गांव की ओर रुख करने की जरूरत है। गांव के स्कूल, तालाब व अन्य स्थानों पर काम कम हुए हैं। छोटा-मोटा योगदान बड़े बदलाव लाने में सक्षम है। अपने हिसाब से काम चुन लें। गांव में आने से अपनी माटी से जुड़ाव बना रहेगा। माटी की दुर्दशा दूर होगी। फिल्मी दुनिया में हम हम एक-दूसरे के आवारापन की बात करते हैं। मैं कहूंगा कि गांव पर ध्यान न देकर गवारपन कर रहे हैं। हरियाणा में पेड़ों की संख्या बहुत कम है, गांव में पेड़ लगाएं, ऐसा करने से बरसात ज्यादा होगी, बरसाम अच्छी होने पर फसल अच्छी होगी, देश की तरक्की का मार्ग खुलेगा।

रणदीप हुड्डा के चाचा गांव में रहते हैं। वह किसान हैं। गत वर्ष उनकी दादी की मृत्यु पर वह आए थे। गांव के सरपंच प्रतिनिधि नसीब सिंह ने बताया कि वह करीब 11 बजे गांव आए और तीन बजे तक रहे। अपने परिवार के संदीप से मिले जोकि, रेलवेकर्मी हैं। संदीप से घर की छत पर लगवाए गए सोलर सिस्टम पर उन्होंने बात की। ज्यादातर समय अपने स्वजनों से साथ ही बिताया। रणदीप अभिनय के साथ ही समाजसेवा के कार्यों में भी आगे रहते हैं। प्लास्टिक प्रयोग न करने व पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों को जागरुक करते रहते हैं।

वहीं, रणदीप हुड्डा ने हरियाणा में करनाल पानीपत रोड पर सफर करते हुए जब पानीपत फ्लाइओवर उतरते हुए एक प्लाट में आग से निकला जहरीला धुआं देखा तो उन्होंने प्रदूषण फैलाने वालों पर कार्रवाई के लिए भी पानीपत पुलिस को उस दृश्य का फोटो ट्वीट किया।

घोड़ों से प्यार में नहीं हुई कोई कमी

अभिनेता रणदीप हुड्डा के घोड़ों से प्यार में कोई कमी नहीं हुई है। फरीदाबाद सूरजकुंड में उनकी बहन और जीजा के फार्म हाउस पर चार घोड़े हैं और रणदीप जब भी दिल्ली या आसपास आते हैं तो न सिर्फ इन घोड़ों की सवारी करते हैं बल्कि इन घोड़ों का रखरखाव करने वाले युवकों से मिलकर भी जाते हैं।


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