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एक्यूआइ 500 पार, आज बूंदाबांदी से मिल सकती है राहत

जागरण संवाददाता रोहतक शहर पर प्रदूषण का कहर बरपा है। हवा सांस लेने लायक नहीं र

By JagranEdited By: Published: Sun, 03 Nov 2019 12:35 AM (IST)Updated: Sun, 03 Nov 2019 12:35 AM (IST)
एक्यूआइ 500 पार, आज बूंदाबांदी से मिल सकती है राहत
एक्यूआइ 500 पार, आज बूंदाबांदी से मिल सकती है राहत

जागरण संवाददाता, रोहतक :

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शहर पर प्रदूषण का कहर बरपा है। हवा सांस लेने लायक नहीं रह गई है। शनिवार को शहर की हवा दिल्ली के कई इलाकों से ज्यादा प्रदूषित रही। प्रदूषकों की मात्रा छह गुणा तक बढ़ गई है। शनिवार, दोपहर तक शहर का एक्यूआइ एयर क्वालिटी (इंडेक्स) 500 के पार चला गया। शाम के समय अधिकत एक्यूआइ 560 दर्ज हुआ। हवा के कम दबाव और बरसात के अभाव में यह स्थिति बनी है।

दीपावली पर हुई आतिशबाजी के बाज एकाएक बढ़े प्रदूषण में खेतों में जलाई जा रही पराली भी एक कारण है। दिल्ली-एनसीआर में इस वजह से स्मॉग की चादर दिन में छाई रही। एमडीयू के पर्यावरण विज्ञान विभाग की प्रोफेसर डा. बबीता खोसला ने बताया कि एक्यूआइ का इतना बढ़ जाना खतरनाक स्थिति है। जल्द बरसात नहीं होती है तो हेल्थ इमरजेंसी के हालात बन जाएंगे। हवा में बढ़े पार्टिकुलेट मैटर के संपर्क में आने से बीमार होने का खतरा है। सांस लेने में तकलीफ, आंखों में जलन, भारीपन आदि की शिकायत हो सकती है। प्रदूषण का एक कारण मौसम में बदलाव भी है। अक्सर अक्टूबर-नवंबर माह में होने वाले इस बदलाव को एटमोसफेरिक इनवरशन कहते हैं। इस समय हवा की गति कम होती है। इस स्थिति में प्रदूषक हवा में बहुत कम ऊंचाई में तैरते रहते हैं। पीजीआइ में बढ़े मरीज

बढ़े हुए प्रदूषण का असर यह हुआ है कि पीजीआइ रोहतक में रोगियों की संख्या में इजाफा हुआ है। प्रतिदिन आने वाले मरीजों की संख्या में 20 से 30 फीसद तक बढ़ोतरी हुई है। ज्यादातर मरीज सांस लेने में आ रही तकलीफ और आंखों में जलन की शिकायत के आ रहे हैं। कैंसर कर सकता है पीएम 2.5

हवा में मुख्य प्रदूषक की मात्रा 300 माइक्रो प्रति क्यूबिक मीटर के पार चली गई। जोकि, सामान्य से छह गुणा अधिक है। प्रो. खोसला का कहना है कि पीएम 2.5 सांस लेते वक्त शरीर में प्रवेश कर सकता है। यह फेफड़ों पर चिपक कर बीमार करता है। अत्यधिक मात्रा में फेफड़ों में जमा होने से कैंसर की शिकायत हो सकती है। व्यक्ति की उम्र सात से आठ साल घट जाती है। तेज हवा से छंटेगा स्मॉग

प्रो. खोसला का कहना है कि तेज हवा स्मॉग हटाने में सबसे ज्यादा प्रभावशाली है। 11 से 13 किलोमीटर प्रति घंटे से यदि हवा चलती है तो स्मॉग पूरी तरह से छट जाएगा। फिलहाल, हवा का दबाव बहुत कम है जिस वजह से स्मॉग जैसे के तैसा जमा हुआ है। वहीं बरसात से होने से प्रदूषक बैठ जाएंगे। आद्रता बढ़ने से भी राहत मिलेगी। आज हो सकती है बरसात

मौसम विभाग का आंकलन है कि रविवार को बरसात हो सकती है। शाम या फिर रात के समय बरसात की संभावना बनी हुई है। बरसात होने से प्रदूषक जमीन पर बैठ जाएंगे। जिससे लोगों को आवागमन में सुविधा होगी। प्रदूषण से ऐसे करें बचाव

- मुंह पर गीला कपड़ा या मास्क पहन कर ही बाहर निकलें

- बहुत जरूरी नहीं हो तो बाहर निकलने से बचें

- आंखों में जलन से बचाव के लिए चश्मा पहनें

- घर के बाहर पानी का छिड़काव करें

- बाहर आना-जाना हो तो हर आधे घंटे में पानी से आंखों को धोएं


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