फसल अवशेषों के जलाने की घटनाएं शून्य करने पर जोर
जागरण संवाददाता रोहतक कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अधिकारियों की ओर से फसल अवश
जागरण संवाददाता, रोहतक :
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अधिकारियों की ओर से फसल अवशेषों के जलाने की घटनाओं को जिला में शून्य करने पर जोर दे दिया गया है। इसी कड़ी में पराली प्रबंधन के लिए कृषि यंत्रो पर सब्सिडी दी जाएगी। पराली प्रबंधन योजना के तहत यह सब्सिडी दी जाएगी। अधिकारियों कि मुताबिक जिला में पहले व दूसरे चरण में फसल अवशेष प्रबंधन के लिए व्यक्तिगत रूप से एवं सीएचसी में आनलाइन आवेदन करने वाले किसानों के आवेदन पत्र स्वीकार कर लिए गए हैं ताकि जिला में फसल अवशेषों के जलाने की घटनाओं को शून्य किया जा सके। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि आवेदन करने वाले किसान कृषि यंत्रों पर अनुदान प्राप्त करने के लिए नौ अक्तूबर तक संबंधित दस्तावेज विभागीय पोर्टल पर अपलोड कर सकते हैं। अधिकारियों का कहना है कि जिला में योजना के तहत जिला के सभी तीनों जोन से आनलाइन आवेदन करने वाले किसान के आवेदन को स्वीकृत कर लिया गया है। गत दो वर्षों में कृषि यंत्रों पर अनुदान का लाभ न लेने वाले किसान अपने संबंधित दस्तावेज को विभागीय वेबसाइट पर शनिवार नौ अक्तूबर तक अपलोड कर सकते हैं। इसके लिए किसान के पास स्वयं के नाम पंजीकृत ट्रैक्टर, फसल का मेरी फसल मेरा ब्योरा पर पंजीकरण एवं किसान के पास स्वयं के नाम या माता-पिता, भाई बहन के नाम खेती योग्य जमीन होनी चाहिए। ऐसे सभी पात्र किसान हरियाणा सरकार से अधिकृत विक्रेता से कृषि यंत्र खरीदकर कृषि यंत्र का बिल, ई-वे बिल, स्वयं घोषणा पत्र व मशीन के साथ फोटो सहित विभागीय पोर्टल पर शनिवार तक अपलोड कर सकते हैं। बता दें कि जिला में इस बार 63 हजार हेक्टेयर में धान की फसल लगाई गई है। हालांकि पराली प्रबंधन को लेकर किसानों में जागरूकता बढ़ रही है लेकिन विभाग का प्रयास है कि फसल अवशेष जलाने की घटनाओं को शून्य किया जाए।
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किसान विभागीय साइट पर अपलोड किए गए सभी दस्तावेज, पटवारी रिपोर्ट व मेरी फसल मेरा ब्योरा का रजिस्ट्रेशन आदि सहायक कृषि अभियंता के कार्यालय में जमा करवाएं। किसी भी प्रकार की कमी या गलत जानकारी पाए जाने पर अनुदान पत्र रद कर दिए जाएंगे और किसान अनुदान का पात्र नहीं होगा।
- डा. इंद्र सिंह, उप-निदेशक, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, रोहतक।