द्रोणाचार्य की टीम पहुंची वीसी को शिकायत करने, जाट महाविद्यालय को दे दिया वॉकओवर
जागरण संवाददाता, रोहतक : महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में आयोजित इंटर जोनल पुरूष क्रिकेट प्रति
जागरण संवाददाता, रोहतक :
महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में आयोजित इंटर जोनल पुरूष क्रिकेट प्रतियोगिता में द्रोणाचार्य राजकीय महाविद्यालय गुरुग्राम ने आयोजकों पर भेदभाव करने के आरोप लगाए। एमडीयू के कुलपति को शिकायत करने टीम पहुंची तो पीछे से जाट महाविद्यालय रोहतक को वॉकओवर देकर विजेता घोषित कर दिया। द्रोणाचार्य महाविद्यालय की कोच ने इस मामले में कानूनी कार्रवाई करने की चेतावनी दी है। उधर, प्रतियोगिता के समापन पर जाट महाविद्यालय रोहतक को प्रथम घोषित किया। डीएवी महाविद्यालय फरीदाबाद और राजकीय महाविद्यालय फरीदाबाद की टीम को संयुक्त रूप से दूसरा स्थान मिला।
सरदार वल्लभ भाई पटेल क्रिकेट ग्राउंड में मंगलवार को पहला मैच डीएसपी फरीदाबाद और राजकीय महाविद्यालय फरीदबाद के बीच खेला गया। राजकीय महाविद्यालय ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में सात विकेट खोकर 123 रन बनाए। योगेश ने 41 गेंद पर बेहतरीन 47 रनों की पारी खेली। डीएवी फरीदबाद लक्ष्य का पीछा करते हुए 17.4 ओवर में मात्र 80 रन पर ही आउट हो गई। राजकीय महाविद्यालय फरीदाबाद ने 42 रन से मैच में जीत दर्ज की। दूसरा मैच जाट महाविद्यालय रोहतक और द्रोणाचार्य राजकीय महाविद्यालय रोहतक के बीच होना था। द्रोणाचार्य महाविद्यालय की टीम ने आयोजकों पर भेदभाव के आरोप लगाते हुए विरोध प्रकट किया। खेल निदेशक डा. देवेंद्र ¨सह ढुल को शिकायत करने के बाद कुलपति प्रो. बीके पूनिया से मिलने पहुंच गए। टीम कुलपति कार्यालय पहुंची तो शिकायत की। लेकिन जब वापस पहुंचे तो जाट महाविद्यालय को वॉकओवर देकर विजेता घोषित कर दिया है। द्रोणाचार्य महाविद्यालय की कोच सुनील डबास ने कहा कि प्रतियोगिता का पहला मैच गीली पिच पर समय से पहले खिला दिया था। इसको लेकर खिलाड़ियों को विरोध भी किया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इसी मामले को लेकर बुधवार को कुलपति कार्यालय में शिकायत करने गए तो पीछे से दूसरी टीम को वॉकओवर देकर विजेता घोषित कर दिया। प्रतियोगिता में पूरी तरह से भेदभाव बरता गया है, जिसको लेकर कानूनी सलाह लेकर आगामी निर्णय लिया जाएगा। उधर, खेल निदेशक डा. देवेंद्र ¨सह ढुल ने कहा कि जो भी आरोप लगाए गए है, वह बेबुनियाद है। पहले दिन दोनों ही मैच 15-15 ओवर में खेले गए थे, जिसपर टीमों के कप्तान की सहमति ली गई थी।