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पटरी पर लौटने से पहले फिर से धड़ाम हुआ ड्रेस कारोबार

कोविड-2019 ने ड्रेस कारोबार से जुड़े उद्यमियों के सामने फिर से बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। एक साल बाद पटरी से लौटने से पहले यह कारोबार फिर से धड़ाम होने हो गया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 11 Apr 2021 08:54 AM (IST)Updated: Sun, 11 Apr 2021 08:54 AM (IST)
पटरी पर लौटने से पहले फिर से धड़ाम हुआ ड्रेस कारोबार
पटरी पर लौटने से पहले फिर से धड़ाम हुआ ड्रेस कारोबार

अरुण शर्मा, रोहतक

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कोविड-2019 ने ड्रेस कारोबार से जुड़े उद्यमियों के सामने फिर से बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। एक साल बाद पटरी से लौटने से पहले यह कारोबार फिर से धड़ाम होने हो गया। प्रदेश में आठवीं तक के स्कूल 30 अप्रैल तक बंद रहेंगे। इस फैसले के 24 घंटे के अंदर ही 50 फीसद आर्डर रद हो गए हैं। स्पो‌र्ट्स वीयर(खिलाड़ियों के पहनने वाले विभिन्न परिधान) का कारोबार भी बुरी तरह से प्रभावित हो गया है।

ड्रेस कारोबार से जुड़े उद्यमी गुलशन बजाज का कहना है कि रोहतक में सात-आठ फैक्टरियां हैं। इनका कहना है कि उत्तर प्रदेश के मेरठ, सहारनपुर आदि स्थानों से कारीगर बुलाए गए थे। इनकी संख्या कारोबार पटरी पर लौटने लगा तो 27-28 तक कारीगर आ चुके थे। रोहतक से स्कूलों की ड्रेस तैयार होकर दिल्ली, बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, नारनौंल, सोनीपत, जींद, रोहतक, दादरी आदि स्थानों पर भेजते थे। इनका कहना है कि 30-40 लाख रुपये के आर्डर थे। दादरी में कई आर्डर रद हो गए। दूसरे जिलों व बाहरी राज्यों से आर्डर रद करने के लगातार फोन आ रहे हैं। ड्रेस होने लगीं वापस, छह हजार आर्डर रद

उद्यमी गुलशन का कहना है कि कारीगरों को बगैर काम के यहां रोकना मुश्किल होगा। फिर वापसी भी होगी कि नहीं यह कहा नहीं जा सकता। दो-तीन कारीगर लौट गए। दूसरी फैक्टरियों से भी इसी तरह की समस्याएं सामने आ रहीं हैं। वहीं, उद्यमी विक्की घई ने बताया कि हमारी फैक्टरी के अलावा दुकान भी है। जिन्होंने ड्रेस खरीद दी ली है वह वापस करने आ रहे हैं। शुक्रवार को ही 1300-1400 आर्डर रद हो गए। शनिवार को आर्डर रद होने के डर से फोन भी नहीं उठा रहे। स्पो‌र्ट्स वीयर के थे आठ-दस हजार आर्डर, आधे हुए

रोहतक में स्पो‌र्ट्स वीयर जैसे लोयर, टी-शर्ट, ट्रैक शूट व खिलाड़ियों के पहनने के लिए विभिन्न परिधान तैयार किए जाते हैं। यहां से दिल्ली, नजफगढ़, जयपुर, झुंझनू, बीकानेर, हरियाणा के हिसार, जींद आदि स्थानों पर बड़े पैमाने खेलों के परिधान तैयार करके भेजे जाते हैं। कुछ माह से यह कारोबार पूरी तरह से पटरी पर लौट आया था। आठ-दस हजार आर्डर थे। कोविड-2019 के मामले बढ़ने से डिलीवरी में देरी के चलते आर्डर भी आधे रह गए हैं। इस वजह से कारोबारी परेशान हैं। वर्जन

अब लगातार आर्डर रद करने के फोन आ रहे हैं। इसलिए मैं फैक्टरी के झंग कालोनी स्थित अपने घर पर ही आ गया। हमने कारीगरों के साथ ही आर्डर देने वालों से सोमवार तक की मोहलत मांगी है।

गुलशन बजाज, उद्यमी, ड्रेस कारोबारी


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