जिला खेल विभाग के कर्मियों को तीन माह से नहीं मिला वेतन
जागरण संवाददाता रोहतक खेल विभाग खिलाड़ियों के लिए बड़े-बडे़ दावे करता है। अपने ही वि
जागरण संवाददाता, रोहतक :
खेल विभाग खिलाड़ियों के लिए बड़े-बडे़ दावे करता है। अपने ही विभाग के प्रशिक्षक व कर्मियों की कोई परवाह नहीं है। इसका उदाहरण जिला खेल एवं युवा कार्यक्रम विभाग में कर्मियों को तीन माह से वेतन नहीं मिला है। कोरोना महामारी में इन कर्मियों को किस तरह की आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, यह बताने की जरूरत नहीं है।
जिला खेल एवं युवा कार्यक्रम विभाग में 40 से अधिक प्रशिक्षक और दस से अधिक अन्य स्टाफ है। इन सबको अप्रैल माह से वेतन नहीं मिल पाया है। कई बार इसको लेकर अधिकारियों से मांग भी कर चुके हैं, लेकिन समाधान नहीं हो पाया है। वेतन नहीं मिलने के पीछे कारण जिला खेल एवं युवा कार्यक्रम अधिकारी का पद खाली होना है। रोहतक में खेल अधिकारी सुखबीर सिंह सेवानिवृत हो गए थे। इसके बाद इस पद पर नई नियुक्त नहीं हुई है। खेल अधिकारी नहीं होने के कारण कर्मियों का वेतन नहीं मिल पा रहा है। खास बात यह है कि खेल अधिकारी की डीडीओ पावर अन्य किसी अधिकारी को नहीं दी गई है। डीडीओ पावर नहीं होने के कारण वेतन नहीं बन पा रहा है। कई प्रशिक्षक और कर्मी तो आर्थिक रूप से सक्षम हैं, इसलिए उनके लिए इंतजार करने में कोई दिक्कत नहीं है। कई कर्मियों के परिवार का खर्च तो उनके वेतन से ही चलता है। इसलिए उनके सामने आर्थिक दिक्कतें पैदा हो गई है।
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मेरे पास चरखी दादरी जिले का चार्ज है। इसी सप्ताह रोहतक जिले का भी अस्थाई रूप से कार्यभार मिला है। इस संबंध में कार्यालय में संबंधित व्यक्ति से बात करके समाधान किया जाएगा।
प्रीतम सिंह, कार्यवाहक डीएसओ, रोहतक।