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डिजिटल टीचिग-लर्निंग समय की जरूरत है : प्रो. राजबीर सिंह

कोरोना काल की चुनौतियों के ²ष्टिगत आनलाइन शिक्षण पद्धति को सुदृढ़ करने विद्यार्थियों के शैक्षणिक एवं करियर योजना मार्गदर्शन मेंटर-मेंटी सत्रों के जरिए विद्यार्थियों को सकारात्मक मनोवैज्ञानिक संबल प्रदान करने विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास का रास्ता प्रशस्त करने का आह्वान महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने मंगलवार को आनलाइन माध्यम से विश्वविद्यालय शैक्षणिक विभागों के अध्यक्षों तथा निदेशकों को संबोधित करते हुए किया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Jan 2022 07:30 PM (IST)Updated: Tue, 18 Jan 2022 07:30 PM (IST)
डिजिटल टीचिग-लर्निंग समय की जरूरत है : प्रो. राजबीर सिंह
डिजिटल टीचिग-लर्निंग समय की जरूरत है : प्रो. राजबीर सिंह

जागरण संवाददाता, रोहतक : कोरोना काल की चुनौतियों के ²ष्टिगत आनलाइन शिक्षण पद्धति को सुदृढ़ करने, विद्यार्थियों के शैक्षणिक एवं करियर योजना मार्गदर्शन, मेंटर-मेंटी सत्रों के जरिए विद्यार्थियों को सकारात्मक मनोवैज्ञानिक संबल प्रदान करने, विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास का रास्ता प्रशस्त करने का आह्वान महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने मंगलवार को आनलाइन माध्यम से विश्वविद्यालय शैक्षणिक विभागों के अध्यक्षों तथा निदेशकों को संबोधित करते हुए किया।

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प्रो. राजबीर सिंह ने कहा कि डिजिटल टीचिग-लर्निंग समय की जरूरत है। जरूरत इस बात की है कि आनलाइन शिक्षण को प्रभावी, इंटैरेक्टिव तथा सार्थक बनाया जाए। कुलपति ने कहा कि नियमित रूप से मेंटर-मेंटी सत्रों का आयोजन विद्यार्थियों के समग्र मार्गदर्शन के लिए किया जाए। करियर काउंसलिग तथा प्लेसमेंट मार्गदर्शन के लिए आनलाइन गतिविधियों के आयोजन की बात कुलपति ने कही। विभाग के शोधार्थियों के लिए शोध प्रविधि कार्यशाला तथा प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने का परामर्श कुलपति ने दिया। प्रो. राजबीर सिंह ने कहा कि विभागाध्यक्ष/निदेशक अपने-अपने विभागीय प्राध्यापकों के साथ मिलकर विश्वविद्यालय की प्रगति यात्रा में अपना योगदान दें।

इस आनलाइन बैठक में अधिष्ठाता शैक्षणिक मामले प्रो. नवरतन शर्मा ने बैठक का एजेंडा सांझा किया। प्रो. नवरतन शर्मा ने कहा कि विद्यार्थियों को गुणवत्तापरक शिक्षा प्रदान करना प्राध्यापकों की प्राथमिकता होनी चाहिए। प्रो. शर्मा ने कहा कि शिक्षण कार्य, सोशल आउटरिच तथा शोध गतिविधियों पर पूरा फोकस रहना चाहिए।

अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. राजकुमार ने कहा कि विद्यार्थियों की अभिरूचि को सृजनात्मक दिशा देने के लिए शैक्षणिक विभाग विभिन्न क्लब के प्रस्ताव छात्र कल्याण कार्यालय में भेज सकते हैं। कार्यालय इस संबंध में विभागों को वित्तीय सहयोग प्रदान करेगा। प्रो. राजकुमार ने कहा कि उद्देश्य है कि इन क्लबों/फोरम के जरिए विद्यार्थियों को लीडरशिप रोल के लिए तैयार किया जाए। इस बैठक में विभागाध्यक्षों ने अपने-अपने इनपुट्स दिए। अधिष्ठाता प्रो. नवरतन शर्मा ने आभार प्रदर्शन किया।


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