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ई-कंटेंट विकसित करना चुनौतीपूर्ण कार्य : प्रो. कुहाड़

- एमडीयू में फैकल्टी डेवलपमेंट सेंटर की ओर से सात दिवसीय कार्यशाला का आयोजन फोटो सं

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Feb 2019 08:05 PM (IST)Updated: Wed, 20 Feb 2019 08:05 PM (IST)
ई-कंटेंट विकसित करना चुनौतीपूर्ण कार्य : प्रो. कुहाड़
ई-कंटेंट विकसित करना चुनौतीपूर्ण कार्य : प्रो. कुहाड़

- एमडीयू में फैकल्टी डेवलपमेंट सेंटर की ओर से सात दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

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फोटो संख्या - 8

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जागरण संवाददाता, रोहतक : उच्चतर शिक्षा में स्टूडेंट-सेंट्रिक एप्रोच को प्रभावी ढंग से क्रियान्वित करने के लिए ई-लर्निंग माध्यम को प्रोत्साहन देना होगा। ई-लर्निंग टेक्नोलॉजी और मैसिव ओपन ऑनलाइन कोर्सेज की जरूरत को रेखांकित करते हुए यह बात हरियाणा केन्द्रीय विश्वविद्यालय, महेन्द्रगढ़ के कुलपति प्रो. आरसी कुहाड़ ने कही। वह बुधवार को मदवि के फैकल्टी डेवलपमेंट सेंटर द्वारा आयोजित ई-लर्निंग टैक्नोलॉजीज, ई-कंटेंट डेवलपमेंट और मूक्स विषयक सात दिवसीय कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।

प्रो. आरसी कुहाड़ ने कहा कि ई-लर्निंग प्रणाली से कोई भी विद्यार्थी कहीं भी ई-शैक्षणिक संसाधनों का उपयोग कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि ई-कंटेंट विकसित करना चुनौतीपूर्ण कार्य है। ई-शैक्षणिक संसाधन विकसित करते वक्त मौलिकता का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। उन्होंने यूजीसी के पोर्टल समेत अन्य ई-संसाधनों की विस्तृत जानकारी दी। कुलपति कुहाड़ ने विभिन्न उच्च शिक्षण संस्थानों द्वारा विभिन्न वैज्ञानिक और उपलब्ध संसाधनों के आदान-प्रदान पर विशेष जोर दिया। टेक्नोलॉजी एनेबल्ड लर्निंग बेहद जरूरी : प्रो. राजबीर

मदवि कुलपति प्रो. राजबीर ¨सह ने कहा कि वर्तमान वैश्विक शैक्षणिक परिदृश्य में-टैक्नोलॉजी एनेबल्ड लर्निंग बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि उच्चतर शिक्षा की उत्कृष्टता सुनिश्चित करने, इसके समावेशी और समता-मूलक बनाने के लिए डिजीटल प्रौद्योगिकी की विशेष भूमिका है। डिजीटल लर्निंग की विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए कुलपति प्रो. राजबीर ¨सह ने कहा कि ज्ञान एवं शिक्षण की परंपरा को जन-जन तक पहुंचाने में डिजीटल लर्निंग की विशेष भूमिका होगी। कुलपति ने कहा कि भविष्य में फैकल्टी डेवलपमेंट सेंटर को उत्कृष्ट ई-लर्निंग केन्द्र के रूप में विकसित किया जाएगा। डिजिटल शिक्षण प्रणाली पर रहेगा फोकस : प्रो. राजन

डीन एकेडमिक एफेयर्स व विश्वविद्यालय एफडीसी निदेशक प्रो. ए.के. राजन ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने बताया कि कार्यशाला में डिजीटल शिक्षण प्रणाली पर फोकस रहेगा। उप निदेशिका डा. माधुरी हुड्डा ने कार्यशाला की रूपरेखा प्रस्तुत की। मंच संचालन सहायक प्रोफेसर डा. सविता राठी ने किया। आभार प्रदर्शन सहायक प्रोफेसर डा. एकता नरवाल ने किया। इस अवसर पर निदेशक आइएचटीएम प्रो. आशीष दहिया, निदेशक डीएलआइएम प्रो. नसीब ¨सह गिल, प्रो. राधेश्याम, मडूटा अध्यक्ष डा. विकास सिवाच, आयोजन टीम सदस्य डा. श्रीभगवान, डा. मीनाक्षी हुड्डा, डा. राजेश कुण्डू, डा. कमलदीप, डा. अंजु धीमान, डा. मेनका समेत विभिन्न विभागों के अध्यक्ष, प्राध्यापक, एफडीसी प्रतिभागी आदि उपस्थित रहे। 21वीं सदी में डिजिटल टूल्स के बारे में दी जानकारी

कार्यशाला के तकनीकी सत्रों में एमडीयू के कंप्यूटर साइंस विभाग के प्रोफेसर तथा निदेशक, डिजिटल लर्निंग इनीशियटिव्स एण्ड मॉनीट¨रग सैल डा. नसीब ¨सह गिल ने 21वीं सदी में डिजिटल टूल्स और टैक्नोलॉजी विषय पर विशेष व्याख्यान दिया। सौराष्ट्र विवि राजकोट गुजरात के इलैक्ट्रोनिक्स विभाग के डा. महेश जिवानी ने बेसिक्स ऑफ ई-कंटेंट डेवलपमेंट पर विशेष व्याख्यान दिया। यह कार्यशाला 25 फरवरी तक आयोजित की जाएगी।


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