चिकित्सक की जांच के बाद ही चलता है मिर्गी के दौरे का पता : डा. राजीव गुप्ता
पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय की ओपीडी में न्यूरोलोजी विभाग की तरफ से अंतरराष्ट्रीय मिर्गी दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन हुआ।
जागरण संवाददाता, रोहतक : पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय की ओपीडी में न्यूरोलोजी विभाग की तरफ से अंतरराष्ट्रीय मिर्गी दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इसमें मुख्यातिथि के तौर पर आइएमएच के सीइओ कम निदेशक डा. राजीव गुप्ता और विशिष्ट अतिथि डा. एससी नरूला उपस्थित रहे।
इस दौरान डा. राजीव गुप्ता ने बताया कि हर मिर्गी के दौरे में दवाई देने की जरूरत नहीं पड़ती। कई बार लोग चिकित्सक के आने के पहले झाड़-फूंक करने वाले बाबाओं के चक्कर में पड़ जाते हैं और कुछ मामलों में लोग उनसे ठीक भी हो जाते हैं, क्योंकि वास्तव में वह मिर्गी के दौरे नहीं होते। हम सभी दौरों को मिर्गी का दौरा समझ लेते हैं, जो गलत है। डा. एससी नरूला ने कहा कि ने भी मिर्गी को लेकर अपने विचार रखें। न्यूरोलोजी विभागाध्यक्ष डा. किरण बाला ने कहा कि मिर्गी अन्य बीमारियों की तरह ही एक बीमारी है। मिर्गी के दौरे कई तरह के होते हैं और करीब 70 प्रतिशत से अधिक मरीज जल्दी ही ठीक भी हो जाते हैं। डा. सुरेखा डाबला ने कहा कि महिलाओं में मिर्गी के दौरे आते हैं तो उसका बड़े ध्यान से इलाज करने की जरूरत होती है। महिलाओं को मिर्गी के दौरे की दवाई अन्य लोगों की अपेक्षा अलग देनी पड़ती है। डा. जेएस कौशिक ने कहा कि मिर्गी का दौरा पड़ने पर मरीज की वीडियो बनानी चाहिए, जिससे चिकित्सक वीडियो के माध्यम से मरीज के दौरे की पहचान कर सके। कार्यक्रम के दौरान विद्यार्थियों ने नुक्कड़ नाटक के माध्यम से भी मिर्गी के बारे में आमजन को समझाया। इस मौके पर मनोरोग विभाग के सहायक आचार्य डा. भूपेंद्र, डा. मनीष, डा. साक्षी अग्रवाल, डा. अरिका, डा. वीरभान और डा. नीरज आदि मौजूद रहे।