सुनारिया जेल के हवालाती की मौत, मां पीजीआइ में भर्ती, पुलिस पर यातनाएं देने का आरोप
जागरण संवाददाता रोहतक गांजा तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किए गए सुनारिया जेल के हवाल
जागरण संवाददाता, रोहतक : गांजा तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किए गए सुनारिया जेल के हवालाती बंदी की मंगलवार को मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि सीआइए-3 की टीम ने जानबूझकर गांजा तस्करी के आरोप में फंसाया था, जिसके बाद उसे और उसकी मां को गंभीर यातनाएं दी गई। इस कारण दस दिन बाद युवक की मौत हो गई। जबकि उसकी मां गंभीर हालत में पीजीआइ में भर्ती है। तनाव को देखते हुए कई डीएसपी समेत भारी बल पीजीआइ में रहा। हालांकि देर रात तक परिजनों ने शव नहीं लिया था।
हिसार जिले के सुलचानी गांव निवासी 26 वर्षीय पीके पुत्र राजू और उसकी मां शकुंतला समेत 11 लोगों को गांजा तस्करी के आरोप में 18 अक्टूबर की रात सीआइए-3 की टीम ने पकड़ा था। इसके बाद सभी को कोर्ट में पेश कर सुनारिया जेल में न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। सोमवार को सुनारिया जेल से पुलिस पीके को लेकर पीजीआइ में पहुंची, जहां पर उसकी मौत हो गई। पता चलने के बाद परिजन भी वहां पर पहुंच गए। पीके की बहन शारदा का आरोप है कि वह रैनकपुरा में रहती है। उसकी मां शकुंतला और भाई पीके उसके पास आए थे। वापस लौटते समय पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया था। साजिश के तहत उन्हें फंसाया गया था। जिस समय पुलिस उन्हें जेल में लेकर गई, तभी पीके और उसकी मां ने बताया था कि उनके साथ सीआइए-3 की टीम ने मारपीट की है। उन्हें थर्ड डिग्री दी गई है, जिस कारण पेट का दर्द नहीं कम हो रहा। आरोप है कि पुलिस की पिटाई के कारण ही दस दिन बाद उसके भाई की मौत हुई है। सूचना मिलने पर डीएसपी गोरखपाल और डीएसपी महेश कुमार समेत कई थानों की पुलिस पीजीआइ में पहुंची और बोर्ड के माध्यम से शव का पोस्टमार्टम कराया। परिजन मांग पर अड़े थे कि पिटाई करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। इसके बाद ही शव को लेकर जाएंगे। उठ रहे सवाल, आखिर कैसे बिगड़ी मां-बेटे की हालत
जिन 11 लोगों को पुलिस ने गांजा तस्करी के आरोप में पकड़ा था उसमें बाकी सभी की हालत ठीक है, केवल शकुंतला और उसके बेटे पीके की हालत बिगड़ी थी। शकुंतला पिछले कई दिनों से पीजीआइ में भर्ती है। पुलिस के अनुसार, उसे बुखार की शिकायत है। जबकि सोमवार को पुलिस पीके को लेकर पीजीआइ में पहुंची, जहां उसने दम तोड़ दिया। सवाल यह है कि आखिर इतने लोगों में केवल इन दोनों की ही हालत क्यों बिगड़ी। फिलहाल पुलिस भी इस पर खुलकर नहीं बोल रही है। यह था मामला
सीआइए-3 की टीम ने 18 अक्टूबर की रात जलेबी चौक के पास राजस्थान नंबर के ट्रक को पकड़ा था। जिसमें से पुलिस ने ट्रक चालक राजस्थान के अलवर जिले के रसुरपुर गांव निवासी मुकेश और परिचालक राजस्थान के दौसा जिले के झिझन गांव निवासी बहादुर को गिरफ्तार किया था। इसके अलावा हिसार जिले के सुलचानी निवासी 26 वर्षीय पीके पुत्र राजू, उसकी मां शकुंतला, पुजारी, जीतपाल, जीवणा, चतरपाल, रोशनी, रामकली और संतोष को भी गिरफ्तार किया था। जिनके पास से करीब 90 किलो गांजापत्ती बरामद की गई थी। जिसकी अनुमानित कीमत करीब नौ लाख रुपये है। सभी के खिलाफ शिवाजी कालोनी थाने में मामला दर्ज कराया गया था। हिसार और नारनौल में करना था नशीला पदार्थ सप्लाई
जिस समय पुलिस ने आरोपितों को 90 किलो गांजापत्ती के साथ पकड़ा था, उस समय पूछताछ में सामने आया था कि वह बिहार से नशीला पदार्थ लेकर आए थे। जिसे हिसार और नारनौल में सप्लाई करना था। ऐसे में पुलिस इस केस में अब भी गहनता से जांच कर रही है। वर्जन
जिस समय हमने कोर्ट में पेश किया, तब भी मेडिकल कराया गया था। इसके बाद जब सुनारिया जेल में उन्हें छोड़ा गया उस समय भी मेडिकल कराया गया था। मारपीट के आरोप निराधार हैं। ऐसा कोई मामला नहीं है।
- कप्तान सिंह, प्रभारी सीआइए-3 वर्जन
गांजा तस्करी के आरोप में 11 महिला-पुरुषों को पकड़ा गया था। सभी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। जेल के अंदर उन्हें शिकायत हुई इस बारे में अभी जानकारी नहीं है। फिलहाल पोस्टमार्टम करा दिया गया है।
- गोरखपाल, डीएसपी रोहतक