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हरियाणा सहित तीन राज्‍यों में आतंक फैलाना चाहता था कुख्‍यात तोतला, कई गैंग में करता था काम

कुख्‍यात बदमाश पवन तोतला की गिरफ्तारी से पुलिस ने राहत की सांस ली है। तोतला हरियाणा पंजाब और राजस्‍थान में आतंक फैलाना चाहता था।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Thu, 28 Nov 2019 10:30 AM (IST)Updated: Thu, 28 Nov 2019 10:30 AM (IST)
हरियाणा सहित तीन राज्‍यों में आतंक फैलाना चाहता था कुख्‍यात तोतला, कई गैंग में करता था काम
हरियाणा सहित तीन राज्‍यों में आतंक फैलाना चाहता था कुख्‍यात तोतला, कई गैंग में करता था काम

रोहतक, जेएनएन। दो लाख के इनामी बदमाश पवन तोतला की गिरफ्तारी के बाद हरियाणा, पंजाब और राजस्थान पुलिस को राहत की सांस मिली है। तीनों प्रदेशों में आतंक फैलाने के लिए वह अलग-अलग गैंग के साथ मिलकर काम करता था। पांच साल जेल में रहने के बाद कुख्यात तोतला वर्ष 2017 में बाहर आया था। इसके बाद मानों वह जुर्म की दुनिया का बादशाह बन गया। दो साल के सफर में तोतले ने एक के बाद एक 30 से अधिक संगीन वारदातों को अंजाम देकर पुलिस के पसीने छुड़ा दिए थे।

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2012 में झज्जर में पुलिस कस्टडी में पहली बार दिया था दोहरे हत्याकांड को अंजाम

मूलरूप से सोनीपत जिले के नाहरा गांव के रहने वाले 38 वर्षीय पवन तोतला ने वर्ष 2012 में पहली आपराधिक वारदात को अंजाम दिया था। उसने 2012 में करौर गांव के पूर्व सरपंच श्रीभगवान और उसके भाई दिलबाग की पुलिस कस्टडी में हत्या कर दी थी। जिसके बाद वह एकाएक सुर्खियों में आया। हालांकि कुछ समय बाद ही वह पुलिस के हत्थे चढ़ गया था। उस समय तक उसे पवन के नाम से ही जाना जाता था।

पांच साल जेल में रहने के बाद 2017 में आया था बाहर, फिर की ताबड़तोड़ वारदात

वह करीब पांच साल जेल में रहा। वर्ष 2017 में तोतला जेल से बाहर आया था। जेल से बाहर आने के बाद उसने वर्ष 2017 में ही सोनीपत के बरौना में एक हत्या और लूट की चार वारदातों को अंजाम दिया। ताबड़तोड़ वारदातों के बाद उसे पवन तोतले के नाम से जाना जाने लगा। वर्ष 2018 में उसने फिर से गैंगवार के चलते करौर गांव के आनंद की हत्या को अंजाम दिया। इसके अलावा अंबाला में भी एक व्यक्ति की हत्या कर दी थी। वहीं लूट की भी कई वारदातों को अंजाम देकर पुलिस को खुली चुनौती दे डाली।

वर्ष 2019 में उसने झज्जर, सोनीपत और राजस्थान में सात लोगों को मौत के घाट उतारा। वहीं पंजाब के शेरे वाले गांव में चेयरमैन को मारने के लिए पहुंच गया था। हालांकि सफल नहीं हो पाया था। कुख्यात तोतले का मकसद था कि हरियाणा, राजस्थान और पंजाब में उसका आतंक हो। इसके लिए वह हरियाणा में राजू बासौदी गैंग, पंजाब में कुख्यात गैंगस्टर संपत नेहरा और राजस्थान में लॉरेंस बिश्नोई गैंग के लिए काम करता था।

चार जिलों की पुलिस ने कर रखा था इनाम घोषित, कई गैंग के लिए करता था काम

कुख्यात पवन तोतला पर झज्जर पुलिस की तरफ से एक लाख रुपये और अंबाला पुलिस की तरफ से 50 हजार रुपये का इनाम घोषित कर रखा था। इसके अलावा 25 हजार रुपये रोहतक और 25 हजार रुपये सोनीपत पुलिस ने इनाम रखा हुआ था। कुल मिलाकर पवन तोतला पर दो लाख रुपये का इनाम था।

सांपला पुलिस ने लिया तीन दिन के रिमांड पर

रोहतक एसटीएफ की टीम ने कुख्यात को पकड़कर सांपला पुलिस के हवाले कर दिया है। वर्ष 2018 में करौर गांव में हुए आनंद हत्याकांड के मामले में वह वांछित चल रहा था। बुधवार को ही कुख्यात को कोर्ट में पेश किया गया, जिसके बाद सांपला थाना पुलिस ने उसे तीन दिन के रिमांड पर लिया है। कुख्यात से पूछताछ के बाद कई अन्य वारदातों का खुलासा हो सकता है।

कारौर गैंगवार में जा चुकी है 19 जान

करौर गांव में पूर्व सरपंच और अनिल छिप्पी के बीच चल रही गैंगवार में अब तक 19 लोगों की जान जा चुकी है। करीब दो दशक पहले गांव में रङ्क्षवद्र नाम के युवक की हत्या हुई थी। यही से गैंगवार शुरू हुई थी। इसके बाद अनिल छिप्पी के पिता जयनारायण, चाचा रामचंद्र और चचेरे भाई रमेश की हत्या की गई थी। इस मामले में पूर्व सरपंच छाज्जू के बेटे श्रीभगवान और दिलबाग समेत कई के खिलाफ केस दर्ज हुआ था। कुछ माह बाद सरपंच पक्ष के जयभगवान की हत्या कर दी गई थी। फिर रोहतक कोर्ट के सामने अनिल छिप्पी पक्ष के रामनिवास की हत्या हुई थी।

रामनिवास के भाई रमेश की भी गोहाना में हत्या कर दी गई थी। जिस समय यह हत्याएं हुई उस वक्त श्रीभगवान गांव सरपंच था। श्रीभगवान के जेल जाने के बाद दूसरे पक्ष से राजेश सरपंच बना। इससे पहले गांव में हमेशा श्रीभगवान पक्ष से ही सरपंच बनता था। रंजिश के चलते राजेश के परिवार में दो हत्या कर दी गई। इसका आरोप श्रीभगवान पक्ष पर लगा।

कुछ दिन बाद श्रीभगवान पक्ष पर कृष्ण फौजी की हत्या का भी आरोप लगा था। मार्च 2012 में श्रीभगवान और दिलबाग की पुलिस कस्टडी में हत्या कर दी गई। श्रीभगवान पक्ष से सीलकराम, फूल और दीपक की भी हत्या हो चुकी हे। वही अनिल छिप्पी पक्ष के धज्जाराम की हत्या का आरोप भी श्रीभगवान पक्ष पर लगा था। पिछले साल श्रीभगवान पक्ष से आनंद की हत्या कर दी गई थी।


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