ट्रेन की चपेट में आया गोवंश, दस की मौत, तीन घायल
संवाद सहयोगी कलानौर दिल्ली-रोहतक रेलवे ट्रैक पर रविवार रात बड़ा हादसा हो गया। कालक
संवाद सहयोगी, कलानौर : दिल्ली-रोहतक रेलवे ट्रैक पर रविवार रात बड़ा हादसा हो गया। कालका से आ रही एकता एक्सप्रेस ट्रेन की चपेट में आने से करीब 10 गोवंश की मौत हो गई जबकि तीन घायल हो गए। हालांकि गनीमत रही कि ट्रेन पलटने से बाल-बाल बच गई। हादसे के बाद ट्रेन को करीब आधे घंटे बाद वहां से निकाला गया। जबकि बाकी ट्रेनों के लिए ट्रैक को करीब दो घंटे के लिए बंद रखा गया। आरोप लगाया जा रहा है कि साजिश के तहत इतने गोवंश को किसी व्यक्ति ने घेरकर रेलवे ट्रैक पर चढ़ाया, जिस कारण वह चपेट में आ गए।
हादसा रविवार रात करीब साढ़े दस बजे का है। एकता एक्सप्रेस कालका से चलकर रोहतक की तरफ आ रही थी। कलानौर में कालेज मोड़ के नजदीक गेट संख्या 19 के पास पहुंचते ही ट्रेन के सामने गोवंश आ गए। गोवंश को देखकर चालक ने ट्रेन की स्पीड कम कर दी, लेकिन ट्रेन रूक नहीं सकी। इस कारण गोवंश ट्रेन की चपेट में आ गए। करीब 100 मीटर तक गोवंश ट्रेन में फंसकर घिसटता हुआ चला गया। आखिर में ट्रेन रूकी। अचानक जंगल में ट्रेन के रूकते ही यात्रियों में भी हड़कंप मच गया। सूचना मिलने के बाद कंट्रोल से रेलवे कर्मी पहुंचे और गोवंश से ट्रैक से हटाया। इस दौरान एकता एक्सप्रेस करीब आधे घंटे तक वहीं पर खड़ी रही। रेलवे ट्रैक को पूरी तरह से साफ करने के लिए बाकी ट्रेनों को पीछे ही रोक दिया। दो मालगाड़ी लाहली और कलानौर में रोकी गई। करीब दो घंटे बाद ट्रैक को सुचारू किया गया। आसपास के लोगों का आरोप है कि यह गोवंश खेतों में घूमता था। साजिश के तहत किसी ने इन्हें घेरकर रेलवे ट्रैक पर चढ़ा दिया। जिस कारण वह चपेट में आ गए। पता चलने के बाद रोहतक से पशु सेवा संघ के डा. जगदीश मलिक और कलानौर से युवा एकता जागृति संगठन के प्रधान मनदीप मोर समेत अन्य संगठन के लोग भी पहुंच गए थे। जिन्होंने मृतक गोवंश को दफनाया और घायलों को उपचार के लिए रोहतक में भेजा गया। जानकारी के बाद भी नहीं आया कोई अधिकारी
युवा एकता जागृति संगठन के प्रधान मनदीप मोर ने बताया कि 10 गोवंश की मौत हो गई और तीन घायल हो गए। यह जानकारी होने के बाद भी सोमवार शाम तक ना तो रेलवे की तरफ से कोई अधिकारी वहां पर पहुंचा और ना ही रेलवे पुलिस वहां पहुंची। संगठन के सदस्यों ने जेसीबी मंगवाकर देर शाम तक उन्हें पास के ही एक खेत में दफनाया। घेरकर लाया गया था गोवंश, इमरजेंसी ब्रेक लगते तो पलट जाती ट्रेन : गेटमैन
गेट नंबर 19 के पास यह हादसा हुआ है। रात के समय वहां पर गेटमैन रामलाल की ड्यूटी थी। गेटमैन ने बताया कि समय करीब 10:35 हुआ होगा। ट्रेन के आने का समय हो गया था, जिस वजह से फाटक बंद कर दिया गया। वह बाहर निकलकर आया तो देखा कि जिस तरफ से ट्रेन आ रही थी उसके आगे काफी संख्या में गोवंश चल रहा था। कुछ लोग भी टॉर्च लिए हुए दिखाई दिए। आशंका है कि वह गोवंश को घेरकर लाए होंगे। ट्रेन चालक ने काफी होरन बजाया, लेकिन दोनों तरफ से फाटक बंद होने के कारण गोवंश वहां से नहीं निकल सका और उसकी आंखों के सामने ही एक-एक कर गोवंश ट्रेन की चपेट में आते चले गए। हर तरफ खून ही दिखाई दे रहा था। ट्रेन चालक ने ट्रेन की स्पीड कम कर दी थी, लेकिन ट्रेन के यदि इमरजेंसी ब्रैक लगाए जाते तो ट्रेन पलट सकती थी। पहली बार इतना भयानक हादसा देखा है। पहले भी चपेट में आ चुके हैं गोवंश
बेसहारा गोवंश पहले भी कई बार ट्रेन की चपेट में आ चुके हैं। पिछले माह गिझी फाटक के पास ट्रेन की चपेट में आने से एक गोवंश की मौत हो गई थी। गोरक्षा दल के लोगों ने मौके पर पहुंचकर उसे दफनाया था। इसके अलावा मई 2018 में जींद-हिसार पुल के नीचे से गुजर रहे रेलवे ट्रैक पर भी गोवंश चपेट में आ गया था। जिस कारण ट्रैक भी प्रभावित रहा था।