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हाउस की बैठक से पहले मेयर के साथ पार्षदों का मंथन, तेवर दिखे तल्ख

नगर निगम हाउस की बैठक से एक दिन पहले नगर निगम के मेयर और पार्षदों की कड़ी नाराजगी सामने आई है। अधिकारियों पर पार्षदों की आवाज दबाने विकास कार्य कराने के नाम पर बहानेबाजी करने के आरोप लगे हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 08 Apr 2021 07:25 AM (IST)Updated: Thu, 08 Apr 2021 07:25 AM (IST)
हाउस की बैठक से पहले मेयर के साथ पार्षदों का मंथन, तेवर दिखे तल्ख
हाउस की बैठक से पहले मेयर के साथ पार्षदों का मंथन, तेवर दिखे तल्ख

जागरण संवाददाता, रोहतक: नगर निगम हाउस की बैठक से एक दिन पहले नगर निगम के मेयर और पार्षदों की कड़ी नाराजगी सामने आई है। अधिकारियों पर पार्षदों की आवाज दबाने, विकास कार्य कराने के नाम पर बहानेबाजी करने के आरोप लगे हैं। आंबेडकर चौक स्थित मेयर कार्यालय में बुधवार की शाम छह बजे से दो घंटे तक बैठक हुई। पार्षदों ने दो टूक कहा है कि किसी भी सूरत में बहानेबाजी नहीं चलेगी। वहीं, दूषित पानी, सीवरेज और अधूरे विकास कार्यों को लेकर हंगामे के भी आसार हैं।

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वीरवार को लघु सचिवालय के डीआरडीए कान्फ्रेंस हाल में सुबह 11 बजे से हाउस की बैठक होगी। बीते साल 15 अक्टूबर को बैठक हुई थी। निगम कार्यालय में मेयर मनमोहन गोयल के साथ पार्षदों की बैठक हुई। बैठक के दौरान सीनियर डिप्टी मेयर राजू सहगल, अशोक खुराना, सुरेश किराड़, गीता, राहुल देशवाल, डा. सतीश, देवेंद्र ठेकेदार, सोनू, धर्मेंद्र गुलिया पप्पन आदि पार्षदों ने भी अपना पक्ष रखा। इस दौरान पार्षदों ने दो साल के एजेंडों की रिपोर्ट मांगने की बात कही। कहा कि अधिकारी सिर्फ एजेंडे पास करा लेते हैं, फिर काम नहीं होता है। ज्यादातर पार्षदों ने यही कहा, अधिकारी पहले दिसंबर 2019 से फरवरी 2020 तक नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशों का हवाला देकर काम रोके रहे। बीते साल मार्च से कोरोना का बहाना पकड़ लिया। अब हर कार्य में बजट न होने का बहाना बना रहे हैं।

मेयर ने कहा, एजेंडे बैठक के दौरान भी दे सकेंगे

मेयर ने पार्षदों के साथ बैठक में कहा कि हाउस की बैठक के दौरान भी पार्षद एजेंडे दे सकेंगे। इन्होंने पार्षदों को यह भी समझाया कि बजट का टोटा होने का अधिकारी दावा कर रहे हैं। इसलिए सबसे पहले जरूरत वाले कार्यों को कराने के लिए कहें। जिससे बाद में काम भी न अटकें। दूसरी ओर, पार्षदों ने दूषित पानी, अमृत योजना के अटके कामों का भी हवाला दिया। मेयर ने पार्षदों को आश्वासन दिया कि हर हाल में अधिकारियों से जवाब मांगा जाएगा।

पार्षदों के काम नहीं हो रहे। हाउस की बैठक में पार्षद आठ-आठ तक एजेंडे लगा देते हैं। अधिकारी बैठक के दौरान सभी एजेंडे पास हुए कहकर पल्ला छुड़ा लेते हैं। उन एजेंडों पर काम नहीं होता, पार्षदों को जनता जवाब मांगती है। अधिकारी अब बहाने नहीं बनाएंगे, जवाब देना होगा।

मनमोहन गोयल, मेयर, नगर निगम

हमने कुछ दिन पहले चंडीगढ़ में शहरी स्थानीय निकाय मंत्री अनिल विज के साथ हुई थी। उस दौरान भी यही कहा था कि अधिकारी काम नहीं करते। सरकारी एजेंडों पर काम होता है। निकाय मंत्री ने ऐसे सभी एजेंडों की रिपोर्ट मांगी थी।

राजू सहगल, सीनियर डिप्टी मेयर, नगर निगम

अधिकारी आगे दौड़-पीछे छोड़ वाली कहावत पर चल रहे हैं। अधिकारी बैठक के दौरान यह बताएं कि दो साल से दूषित पानी, कम पानी और सीवरेज की समस्याएं तक हल नहीं हुई। विकास कार्य बजट का टोटा बताकर नहीं कराए जा रहे। अधिकारी पुराने एजेंडों पर पहले जवाब देंगे तब बैठक होगी।

धर्मेंद्र गुलिया पप्पन, पार्षद, वार्ड-4

मैंने नगर निगम हाउस की बैठक में सेक्टरों की सड़कें निर्मित करने के लिए कहा था। एक्शन टेकन रिपोर्ट में जवाब दिया गया है कि सभी सड़कें निर्मित करा दीं। मुझे अधिकारी जवाब दें, मैं बैठक में अधिकारियों को चुनौती दूंगा तो बैठक छोड़कर पहले सेक्टरों की सड़कों का निरीक्षण करें। तब झूठ की हकीकत सामने होगी।

कदम सिंह अहलावत, पार्षद, वार्ड-11

निगम के अधिकारियों ने पार्षदों की अनुमति और निरीक्षण रिपोर्ट के आधार पर ही ठेकेदारों को पेमेंट का अधिकार देने का दावा किया था। अधिकारी बताएं कि इन नियमों में कहां अड़चन आ गई। पार्षदों को पावरफुल बनाने के बजाय कमजोर बनाने के पीछे क्या मंशा है।

कृष्ण सेहरावत, पार्षद, वार्ड-1


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