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निजी अस्पतालों की छह घंटे ओपीडी रही बंद, भटकते रहे मरीज

निजी अस्पतालों में चिकित्सकों पर हमले के विरोध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) ने शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन किया। सुबह आठ से दोपहर दो बजे तक निजी अस्पतालों में ओपीडी सेवाएं नहीं दी गई।

By JagranEdited By: Published: Sat, 19 Jun 2021 08:07 AM (IST)Updated: Sat, 19 Jun 2021 08:07 AM (IST)
निजी अस्पतालों की छह घंटे ओपीडी रही बंद, भटकते रहे मरीज
निजी अस्पतालों की छह घंटे ओपीडी रही बंद, भटकते रहे मरीज

जागरण संवाददाता, रोहतक : निजी अस्पतालों में चिकित्सकों पर हमले के विरोध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) ने शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन किया। सुबह आठ से दोपहर दो बजे तक निजी अस्पतालों में ओपीडी सेवाएं नहीं दी गई। आइएमए पदाधिकारियों ने नए बस स्टैंड के पास स्थित कार्यालय पर धरना दिया। काली पट्टी बांधकर पदाधिकारियों ने हिसात्मक घटनाओं पर रोष जताया। अस्पतालों में भी आपात सेवाएं दे रहे डाक्टर्स ने काली पट्टी बांधकर विरोध जताया। ओपीडी बंद रहने से करीब 1500 मरीज प्रभावित हुए। दोपहर बाद तक मरीज भटकते रहे।

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आइएमए के जिला प्रधान जोगेंद्र पाल अरोड़ा ने कहा कि डाक्टर व अन्य हेल्थ वर्कर ने कोविड-19 के दौर में जान तक गवाई हैं। निस्वार्थ सेवा के बावजूद डाक्टर्स पर हमला निदनीय है। हमें इसके विरोध में ही प्रदर्शन करना पड़ रहा है। छह घंटे के लिए ओपीडी सेवाएं राष्ट्रीय स्तर पर बंद रखी जाएंगी। आपात जारी रहेंगी। डा. अरोड़ा ने कहा कि हमारी यही मांग है कि डाक्टर्स पर हमले से निपटने के लिए केंद्रीय कानून लाया जाए। जिसका सख्ती से पालन हो। एक फास्ट ट्रैक कोर्ट का प्रावधान हो जिससे आरोपित को जल्द से जल्द सजा मिल सके। दोपहर तीन बजे जिला प्रशासन को आइएमए पदाधिकारियों ने मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा। इस मौके पर आइएमए रोहतक के संरक्षक डा. एसएल वर्मा, डा. आरके चौधरी, डा. सतीश गुलाटी, डा. दिनेश खोसला, डा. संजीव नंदा, डा. मानव मोडा, डा. रविद्र हुड्डा, डा. रमेश नांदल, डा. आरके परुथी, डा. सुशील जैन, डा. विजेंद्र सांगवान, डा. पवन शर्मा आदि मौजूद रहे। एलोपैथी पर गलत टिप्पणी से पहुंची ठेस

जिला प्रधान डा. अरोड़ा ने कहा कि कोविड-19 के दौर में जिस सेवा भाव से चिकित्सकों ने कार्य किया वह सराहनीय है। लेकिन, कुछ प्रभावशाली व्यक्ति अपने स्वार्थ में चिकित्सकों को भला-बुरा कह रहे हैं। जिस एलोपैथी से लाखों जाने बचाई गई इसपर गलत टिप्पणी की जा रही हैं। जोकि, सहनीय नहीं है। हम चाहते हैं कि इस तरह की टिप्पणी बंद हों। अस्पतालों ने बेहतर सुविधाएं दी

आइएमए पदाधिकारियों ने कहा कि यह महामारी में अस्पतालों ने बेहतर सेवाएं देने की पुरजोर कोशिश की। सरकारी अस्पतालों से ज्यादा बेड निजी अस्पतालों में रहे। अस्पतालों ने बेहद किफायती दरों पर बेहतरीन सुविधाएं मरीजों को दी हैं। किसी से अधिक फीस लेने की बात सही नहीं है। अस्पतालों में सीमित संसाधनों के बावजूद बेहतर इलाज दिया। लाखों जिदगियां इस वजह से बचीं। कलानौर में बंद रही ओपीडी सेवाएं

कस्बे के निजी अस्पतालों ने शुक्रवार को छह घंटे के लिए ओपीडी सेवाएं बंद रखी। डाक्टर्स पर हो रहे हमले के विरोध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) ने रोष प्रदर्शन के आह्वान पर निजी अस्पतालों ने सुबह आठ से दोपहर दो बजे तक ओपीडी सेवाएं नहीं दी। काली पट्टी लगाकर चिकित्सकों व अन्य स्टाफ ने विरोध जताया। आइएमए के ब्लाक प्रधन डा. पवन कुमार, महासचिव डा. सतीश चुघ, डा. दयानंद व डा. दीपक ने कहा कि कोविड-19 के दौरान चिकित्सकों ने जान जोखिम में डालकर समाजसेवा की है। महामारी में चिकित्सकों का सेवा भाव अभूतपूर्व रहा है। पिछले कुछ समय से निजी अस्पतालों में हिसात्मक घटनाएं हुई हैं। अस्पतालों के अंदर घुसकर तोड़फोड़ की जा रही है। अस्पतालों में इस तरह की घटनाओं की निदा करते हैं। हमारी मांग है कि कानून में संशोधन कर गैर जमानती धारा जोड़ी जाए। इससे पहले भी चिकित्सकों ने अस्पतालों में भय रहित वातावरण सुनिश्चित करने के लिए सरकार को मांगपत्र सौंपा गया था।


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