सिविल अस्पताल के चिकित्सकों पर नवजात बदलने का आरोप, स्वजनों ने किया हंगामा
जागरण संवाददाता रोहतक सिविल अस्पताल में एक महिला की डिलीवरी के बाद स्वजनों ने नवजात बदलने
जागरण संवाददाता, रोहतक : सिविल अस्पताल में एक महिला की डिलीवरी के बाद स्वजनों ने नवजात बदलने को लेकर हंगामा कर दिया। चिकित्सकों पर लड़के की जगह लड़की देने का आरोप लगाते हुए स्वजनों ने अस्पताल प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। स्वजन दावा कर रहे हैं कि उन्हें लड़के के जन्म की सूचना मिली थी, लेकिन, बाद में बच्चे को बदल कर लड़की दे दी गई। उधर, अस्पताल प्रशासन का कहना है कि महिला के स्वजनों को गलतफहमी हुई है। महिला की सिजेरियन डिलीवरी के बाद लड़की का जन्म हुआ है।
गुरुनानकपुरा निवासी शंकर ने कहा कि पत्नी अन्नू को प्रसव पीड़ा होने पर बुधवार सुबह सिविल अस्पताल में भर्ती कराया था। चिकित्सकों ने बताया कि सामान्य डिलीवरी नहीं हो पाएगी। जिसके बाद पत्नी को सिजेरियन डिलीवरी के लिए ऑपरेशन थियेटर ले गए। दोपहर करीब डेढ़ बजे बच्चे का जन्म हुआ। चिकित्सकों ने पूछने के बावजूद लड़के या लड़की के जन्म की बात की बात नहीं बताई न ही बच्चे का चेहरा दिखाया गया। एक और महिला की भी साथ में ही डिलीवरी हुई थी। उसके स्वजनों को अंदर बुलाकर बच्चा दिखाया गया, हमें अंदर बुलाया ही नहीं गया। उस महिला को लड़का दिया गया जबकि, हमें दी गई जन्मपत्री में लड़का लिखे होने के बावजूद चिकितत्सक लड़की सौंपने लगे। अस्पताल प्रशासन के दावे पर असंतुष्टी जताते हुए महिला के पति ने पुलिस में शिकायत की है। ऑपरेशन करने वाली चिकित्सक ने भी नहीं बताया लड़का हुई या लड़की
महिला के पति ने कहा कि आपरेशन करने वाली चिकित्सक ने भी पूछने पर लड़के या लड़की की बात नहीं बताई। पत्नी के लिए आपरेशन थियेटर में कपड़े मंगवाए उस समय भी नहीं बताया गया। उन्होंने कई बार पूछा। इसके पीछे मिलीभगत है। इसकी जांच होनी चाहिए। महिला के स्वजनों को गलतफहमी हुई है। अस्पताल में एक ही सिजेरियन डिलीवरी हुई। महिला ने बच्ची को जन्म दिया है। बच्चा बदलने का आरोप बिल्कुल गलत है। डिलीवरी के समय चिकित्सकों की पूरी टीम होती है, बच्चा बदलने का सवाल ही पैदा नहीं होता। महिला के स्वजनों ने अभी तक संपर्क नहीं किया है। वह कहेंगे तो उनकी संतुष्टी के लिए जांच भी कराई जाएगी।
- डा. अनिल बिरला, सीएमओ