बर्ड फ्लू का खौफ, चिकन के दामों में गिरावट, घटा कारोबार
- शहर में पिछले दो दिन में चिकन और अंडों की डिमांड हुई कम - वीरवार को कई दुकानदा
- शहर में पिछले दो दिन में चिकन और अंडों की डिमांड हुई कम
- वीरवार को कई दुकानदारों ने नहीं मंगाया चिकन
- मीट कारोबारी बोले, पिछले दो दिनों से लगातार हो रहा है नुकसान
जागरण संवाददाता, रोहतक : बर्ड फ्लू को लेकर प्रदेश में अलर्ट जारी होने के बाद शहर में भी चिकन की डिमांड कम हो गई है। कच्चे माल की सप्लाई में भी दो दिनों के अंदर करीब 40 फीसदी तक गिरावट आ गई है। जिसकी कीमत भी प्रति किलो करीब 20 रुपये तक कम हो गई है। ऐसे में मीट कारोबारियों को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है। जिस तरीके से बर्ड फ्लू को लेकर अलर्ट जारी किया गया है, उससे आने वाले दिनों में और अधिक गिरावट आ सकती है। शहर में चिकन की करीब 150 से अधिक दुकानें हैं। रोजाना इन पर करीब दो हजार मुर्गे की सप्लाई होती है। मीट कारोबारियों की मानें तो पिछले दो दिनों में काफी गिरावट आई है। पहले करीब 100 रुपये किलो कच्चा मुर्गा बिकता था, लेकिन वीरवार को यह 80 रुपये किलो बिका। ग्राहकों की डिमांड कम होने के कारण दुकानों से भी इतने ऑर्डर नहीं मिले। अनुमानित करीब 1400 मुर्गों की सप्लाई हुई।
30 अंडों की कैरेट पर भी कम हो गए 15 से 20 रुपये
पहले 30 अंडों की कैरेट करीब 180 रुपये में मिलती थी, लेकिन वीरवार कैरेट पर 15 से 20 रुपये कम हो गए। इसके बाद यह कैरेट 160-165 रुपये में बिकी। चिकन के साथ-साथ अंडों की डिमांड भी लगातार कम हो रही है। पिछले सप्ताह यह हाल था कि सर्दी अधिक होने के कारण अंडों की खपत बढ़ गई थी, लेकिन दो दिनों के अंदर इसकी खपत कम होती जा रही है।
यह बोले दुकानदार
- सरकुलर रोड पर जायका रेस्टोरेंट के नाम से चिकन की दुकान चलाने वाले विनोद चाबा का कहना है कि बुधवार को सप्लाई मंगा ली थी, लेकिन उसमें लागत भी पूरी नहीं हुई है। बर्ड फ्लू के कारण चिकन की डिमांड कम हो रही है। इसी वजह से वीरवार को सप्लाई नहीं मंगवाई गई। चिकन 90 डिग्री तापमान में पकाया जाता है। पहले उसे तंदूर में पकाया जाता है और फिर कुकर या कढ़ाही में। जिसके बाद उसमें बैक्टिरिया नहीं रहता।
यह है चिकन का रेट
तंदूरी चिकन : 350
बटर चिकन : 500
कढ़ाई चिकन : 500
मसाला चिकन : 500
नोट : हर दुकान पर अलग-अलग रेट हो सकते हैं। वीरवार को कुछ दुकानदारों ने इससे भी कम रेट कर दिए थे।
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यह बोले चिकित्सक
सामान्य तौर पर यदि 70 डिग्री तापमान में चिकन को पकाया जा रहा है तो उसमें वायरस खत्म हो जाता है। लेकिन कई बार संक्रमित बर्ड भी आ जाते हैं। ऐसे में जो उसे पका रहा है उससे वायरस फैल सकता है। ऐसे में दुकानदारों के अलावा आम लोगों को भी सावधानी बरतने की जरूरत है। कुछ दिन चिकन को नजरअंदाज करना चाहिए।
- डा. शिवकुमार, रिटायर्ड सीएमओ