Move to Jagran APP

देश में नवजात बच्चों के टीके के शेड्यूल में बदलाव, पोलियो संग दी जाएगी रोटा से बचाव की डोज

नवजात शिशुओं के टीके के शेड्यूल में बदलाव किया जा रहा है। अब बच्‍चों को पाेलियों साथ ही रोटा वायरस से बचाव के डाेज दिए जाएंगे। इस पर रोहतक पीजीआइ सहित आठ संस्‍थानों में रिसर्च हुआ।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Fri, 05 Jun 2020 11:28 PM (IST)Updated: Sat, 06 Jun 2020 08:33 AM (IST)
देश में नवजात बच्चों के टीके के शेड्यूल में बदलाव, पोलियो संग दी जाएगी रोटा से बचाव की डोज
देश में नवजात बच्चों के टीके के शेड्यूल में बदलाव, पोलियो संग दी जाएगी रोटा से बचाव की डोज

रोहतक, [पुनीत शर्मा]। देश में नवजात बच्चों को लगाए जाने वाले टीके के शेड्यूल में अब बदलाव किया जा सकता है। नए शेड्यूल के अनुसार नवजात बच्चों को पैदा होने के बाद पोलियो के टीके के साथ ही रोटा वायरस से बचाव के लिए भी डोज दी जाएगी। इससे बच्चों को कम उम्र में होने वाले दस्त व अन्य वायरस जनित बीमारी से छुटकारा मिलेगा। इसके लिए रोहतक के पीजीआइएमएस समेत देश के आठ संस्थानों में रिसर्च की गई।

loksabha election banner

रिसर्च के दौरान चिकित्सकों ने पाया कि जन्म के बाद ही रोटा वायरस उतना ही प्रभावी होता है, जितना जन्म के छह सप्ताह बाद लगाने पर होता है। फिलहाल डीसीजीआइ (ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया) के आदेशों का इंतजार किया जा रहा है।

देश में बच्चे के पैदा होते ही उसे बीसीजी, हेपेटाइटिस बी और ओपीवी का टीका दिया जाता है। इसके बाद छह सप्ताह, दस सप्ताह, 14 सप्ताह से लेकर 14 वर्ष तक विभिन्न बीमारियों से बचाव के टीके दिए जाते हैं। वर्तमान में शेड्यूल के मुताबिक बच्चे को डेढ़, ढाई और साढ़े तीन माह में रोटा वायरस की खुराक दी जाती है। अब ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने इसे बदलने के लिए मार्च 2019 में एक रिसर्च के आदेश दिए थे।

देशभर के आठ मेडिकल संस्थानों द्वारा 408 नवजात बच्चों पर रिसर्च की गई। इस दौरान पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (पीजीआइएमएस) रोहतक में 68 बच्चों को दो ग्रुप में बांटकर रिसर्च की गई। संस्थान के फार्माकोलॉजी विभाग की चिकित्सक डा. सविता वर्मा ने 32 बच्चों को जन्म के बाद पोलियो और रोटा वायरस से बचाव की डोज दी, जबकि शेष 32 को वर्तमान शेड्यूल के मुताबिक रोटा वायरस वैक्सीन दी।

इन सभी बच्चों को करीब चार-पांच दिनों तक अपनी निगरानी में भी रखा गया। रिसर्च में पाया कि पोलियो के साथ रोटा वायरस से बचाव की खुराक देने से बच्चों को कोई नुकसान नहीं हुआ और उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी अच्छी रही। रिसर्च में रिजल्ट सकारात्मक मिलने पर चिकित्सकों ने रिपोर्ट बनाकर डीसीजीआइ को भेज दी।

सात वायरस और दो बैक्टीरिया जनित बीमारियों से बचाव के लगते हैं टीके

बच्चों को जन्म के बाद विभिन्न बीमारियों से बचाव के लिए टीके लगाए जाते हैं। इनमें सात वायरस और दो बैक्टीरिया जनित बीमारियां शामिल होती हैं। इनमें बीसीजी, हेपेटाइटिस ए व बी, एचआइबी, रोटा वायरस, इंफ्लूएंजा, एचपीवी, एमएमआर प्रमुख हैं। जिन्हें जन्म के निर्धारित अंतराल के बाद दिया जाता है।

देश के इन आठ संस्थानों में किए गए रिसर्च-
- नीलोफर अस्पताल, हैदराबाद।
- चेलुवांबा अस्पताल, मैसूर।
- पीजीआइएमएस, रोहतक।
- आइसीएच, कोलकाता।
- भारती विद्यापीठ, पुणे।
- विक्टोरिया अस्पताल, वाइजैग।
- प्रखर अस्पताल, कानपुर।
- क्लेस अस्पताल, बेलगावी।
----------------------
'' डीसीजीआइ के आदेशों के अनुसार 68 बच्चों को रिसर्च में शामिल किया गया था। रिसर्च में पाया गया कि बच्चों को जन्म के बाद पोलियो व रोटा वायरस की डोज एक साथ देने पर भी उतनी ही प्रभावी रहती है, जितनी डेढ़ माह बाद। सकारात्मक परिणाम आने के बाद रिपोर्ट बनाकर डीसीजीआइ को भेज दी है। शेड्यूल में बदलाव के लिए अब वहीं से आदेश जारी किए जाएंगे।
                                                   - डा. सविता वर्मा, प्रोफेसर, फार्माकोलॉजी, पीजीआइएमएस, रोहतक।

 -----

प्रमुख तथ्‍य-
- अभी तक बच्चे के जन्म के छह सप्ताह में दी जाती थी पहली डोज, लेनि अब जन्‍म के बाद दी जाएगी।
- ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया के आदेश पर पीजीआइएमएस में की गई रिसर्च।
- जन्म के छह सप्ताह बाद दी गई वैक्सीन और नवजात को दिए वैक्सीन के परिणाम मिले समान।
- रोटा वायरस के कारण बच्चों को दस्त लगने की होती है बीमारी।
- पोलियो खुराक के साथ ही रोटा वायरस की डोज देने के लिए डीसीजीआइ के आदेश का इंतजार।
- पीजीआइएमएस के फार्माकोलॉजी विभाग द्वारा 68 नवजात बच्चों पर की गई रिसर्च।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.