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मंगलवार से आरंभ होंगे चैत्र नवरात्र, श्रद्धालुओं ने की खरीदारी

चैत्र नवरात्र मंगलवार से शुरू हो रहे हैं। जो 13 से 21 अप्रैल तक होंगे। चैत्र नवरात्र के लिए बाजार सज गए हैं और चहल पहल बढ़ गई है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 12 Apr 2021 08:46 AM (IST)Updated: Mon, 12 Apr 2021 08:46 AM (IST)
मंगलवार से आरंभ होंगे चैत्र नवरात्र, श्रद्धालुओं ने की खरीदारी
मंगलवार से आरंभ होंगे चैत्र नवरात्र, श्रद्धालुओं ने की खरीदारी

जागरण संवाददाता, रोहतक : चैत्र नवरात्र मंगलवार से शुरू हो रहे हैं। जो 13 से 21 अप्रैल तक होंगे। चैत्र नवरात्र के लिए बाजार सज गए हैं और चहल पहल बढ़ गई है। खरीदारी के लिए बाजार में महिलाएं रविवार को भी पहुंची। देवी मंदिरों को भी सजाया गया है। हालांकि कोविड-19 के चलते मंदिर संचालकों की ओर से भक्तों से भीड़ में जाने से बचने का आह्वान भी किया जा रहा है। पुराना बस स्टैंड, किला रोड, रेलवे रोड, गांधी कैंप बाजार, डीपार्क, प्रेम नगर, शिवाजी कालोनी सोनीपत स्टैंड आदि स्थानों पर पूजन सामग्री की दुकाने सज गई हैं। भक्त दिनभर माता की पूजा अर्चना के लिए बाजार में खरीदारी करते नजर आए। खासकर महिला श्रद्धालुओं की पूजा अर्चना की तैयारियों को लेकर खास दिलचस्पी दिखाई दी। उन्होंने बाजार में दुकानों से मां की चुनरी, नारियल, सामग्री, श्रंगार व मृर्तियों आदि की जमकर खरीदारी की। जिससे बाजारों में नवरात्र की उमंग देखते ही बन रही है। बाजार में माता की विभिन्न प्रकार की वैरायटी में चुनरी उपलब्ध है। इसके साथ मोती वाली चुनरी की भी अच्छी मांग रहती है। नवरात्र को लेकर सजावटी चौकियां, मूर्तियों से लेकर माता के रंग-बिरंगे वस्त्र से बाजारों में रौनक बढ़ी है।

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दुर्गा भवन मंदिर के पुजारी आचार्य मनोज मिश्र के मुताबिक नवरात्र के दिन सुबह ब्रहम मुहूर्त में उठकर स्नान करें। इसके बाद घर के किसी पवित्र स्थान पर स्वच्छ मिट्टी से वेदी बनाए। वेदी में जौ और गेहूं दोनों को मिलाकर बोए। वेदी के पास धरती मां का पूजन कर, वहां कलश स्थापित करें। इसके बाद सबसे पहले प्रथमपूज्य श्रीगणेश की पूजा करें। इसके बाद वेदी के किनारे पर वैदिक मंत्रोच्चार के बीच देवी मां की प्रतिमा स्थापित की जाए। मां दुर्गा की कुमकुम, चावल, पुष्प, इत्र इत्यादि से विधिपूर्वक पूजा फलदायक होती है। किस दिन कौन सी देवी का करें पूजन :

13 अप्रैल, मंगलवार : नवरात्र का पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा का विधान है। इस दिन घटस्थापना या कलश स्थापना की जाती है।

14 अप्रैल, बुधवार : नवरात्र के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा का विधान है।

15 अप्रैल, वीरवार : नवरात्र के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा होती है।

16 अप्रैल, शुक्रवार : नवरात्र के चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा की जाती है।

17 अप्रैल, शनिवार : नवरात्र के पांचवें दिन मां स्कंदमाता की पूजा का विधान है।

18 अप्रैल, रविवार : नवरात्र के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा होती है।

19 अप्रैल, सोमवार : नवरात्र के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा का विधान है।

20 अप्रैल, मंगलवार : नवरात्र के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा होती है।

21 अप्रैल, बुधवार : नवरात्र के नौवें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा होती है। नवरात्र कलश स्थापना मुहूर्त :

आचार्य मिश्र ने बताया कि 13 अप्रैल को कलश स्थापित किया जाएगा। जिसके लिए सुबह 05:58 से 10:14 बजे तक का समय सबसे शुभ रहेगा। कलश की स्थापना करने के लिए आपको पूरे चार घंटे 16 मिनट का समय मिलेगा। इसके बाद घटस्थापना का दूसरा शुभ मुहूर्त 11:56 से 12:47 बजे तक रहेगा।


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