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हाथ में लगी चोट, लिखने में हुई दिक्कत, फिर भी कॉमर्स में लिए 97.2 फीसद अंक

रतन चंदेल रोहतक अगस्त महीने में स्कूटी से गिरकर दाएं हाथ में चोट लग गई। लेकिन परीक्षा

By JagranEdited By: Published: Fri, 03 May 2019 01:33 AM (IST)Updated: Fri, 03 May 2019 06:27 AM (IST)
हाथ में लगी चोट, लिखने में हुई दिक्कत, फिर भी कॉमर्स में लिए 97.2 फीसद अंक
हाथ में लगी चोट, लिखने में हुई दिक्कत, फिर भी कॉमर्स में लिए 97.2 फीसद अंक

रतन चंदेल, रोहतक : अगस्त महीने में स्कूटी से गिरकर दाएं हाथ में चोट लग गई। लेकिन परीक्षा की तैयारी में कमी नहीं आने दी। 12वीं में बोर्ड की परीक्षा के दौरान उसी हाथ से लिखने में दिक्कत भी हुई लेकिन उसके बावजूद भी कड़ी मेहनत कर कॉमर्स में अब 97.2 फीसद अंक हासिल कर नाम रोशन किया। यहां हम बात कर रहे हैं आंबेडकर चौक स्थित मॉडल स्कूल की छात्रा प्रांजली की। जिन्होंने सीबीएसइ 12वीं की परीक्षा में स्कूल में शानदार अंक प्राप्त कर अन्य विद्यार्थियों के लिए भी मिसाल पेश की है। उनकी इस उपलब्धि पर स्कूल प्राचार्या अरुणा तनेजा व स्टाफ के अलावा तमाम विद्यार्थियों ने भी बधाई देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की है। 12वीं में उम्दा प्रदर्शन कर स्कूल पहुंची प्रांजली ने बताया कि अगस्त महीने की बात है जब एक दिन वे अपनी स्कूटी पर सवार होकर मानसरोवर पार्क के पास से गुजर रही थी कि सामने से तेज गति से आ रही बाइक की स्कूटी से टक्कर हो गई। इस हादसे में वे स्कूटी से गिर गई और उनकी दाई कलाई व उसके आसपास अंदरूनी चोट लगी। जिसके कारण उन्हें पढ़ाई में बड़ी दिक्कतें हुई। दरअसल, प्रांजली ने शुरू से ही 12वीं में 97 से 100 फीसद तक अंक हासिल करने का लक्ष्य तय कर लिया था। जिसे हासिल करने के लिए रोजाना करीब 6 घंटे पढ़ाई भी करती थी। बोर्ड की कक्षाओं के दौरान अनेक विद्यार्थियों के सामने बाधाएं भी आती है। लेकिन उनको चुनौती की तरह स्वीकार करते हुए परीक्षा की तैयारी कर लक्ष्य पर ही ध्यान केंद्रित रखना जरूरी है। परीक्षा से पहले ऐसी ही बाधा उनके सामने भी आई थी। लेकिन धैर्य रखकर परीक्षा की तैयारी की। वहीं, प्रांजली का दावा है कि बेस्ट फाइव विषयों के अनुसार उनके 98 फीसद अंक है। ----डांस कर डिप्रेशन को दूर भगाया भविष्य में अर्थशास्त्री बनने का लक्ष्य रखने वाली प्रांजली फिलहाल अर्थशास्त्र ऑनर्स में दाखिला लेना चाहती है। बता दें कि उन्होंने अर्थशास्त्र में 100 अंक हासिल किए हैं। उनका कहना है कि पढ़ाई के दौरान अकसर डिप्रेशन भी हो जाता था। लेकिन जब भी ऐसी स्थिति होती थी तो वे कुछ समय डांस कर डिप्रेशन को दूर भागती थी। बेटी की इस उपलब्ध पर उनके पिता विवेक जैन व माता संध्या जैन को नाज है।

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